लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. पिछले 2 महीनों में चीन और अन्य संक्रमित देशों से भारत आए लोगों पर निगरानी रखी जा रही है. उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है. लोगों की जांच की जा रही है. उत्तर प्रदेश के संचारी रोग विभाग की निदेशक डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने इस विषय में बताया कि कोरोना वायरस के लिए शुरुआती एडवाइजरी जारी की गई थी, वह चीन के लिए जारी हुई थी.
डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि चीन से आने वाले हर यात्री के लिए एडवाइजरी जारी की गयी थी. एडवाइजरी जारी हुई थी कि उन्हें यदि सर्दी, जुखाम, बुखार या चक्कर जैसे किसी भी तरह के लक्षण हों तो वे तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचे. संचारी रोग विभाग की आईडीएसपी यूनिट, डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर और एपिडेमियोलॉजिस्ट प्रदेश के हर जिले में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि अब चीन के साथ-साथ कई अन्य देशों के यात्रियों पर हम नजर बनाए हुए हैं. प्रचार प्रसार के माध्यम से हम इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि चीन या फिर कई अन्य संक्रमित देशों से आने वाले यात्रियों को वायरल इन्फेक्शन जैसी कोई भी परेशानी हो तो उन्हें तुरंत आइसोलेट करवाया जा सके.
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डॉ. मिथलेश ने बताया कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर भारत के 7 जिले आते हैं, जिनके नाम एंट्री प्वाइंट्स हैं. इसके अलावा वहां पर कई पोरस एंट्रीज भी हैं, जिसकी वजह से लोगों की पहचान करवा पाना बेहद मुश्किल होता है. इसके अलावा वहां पर रोजाना आने-जाने वालों की भी संख्या काफी होती है. ऐसे में वहां पर हमने हेल्थ यूनिट लगाई है, जो आने-जाने वाले लोगों की जरूरत पड़ने पर जांच कर रहे हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर और स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्थ यूनिट मौजूद है, जो लगातार आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे यहां 101 लोगों की जांच हुई है. यह जांच केजीएमयू लखनऊ, एनसीपीसी दिल्ली और एनआईवी पुणे में की जा रही है. उत्तर प्रदेश में अब तक कोई भी केस कोरोना वायरस से संक्रमित रिपोर्ट नहीं किया गया है. हम सतर्क हैं. हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.