लखनऊ: आतंकियों ने यूपी समेत कई राज्यों को दहलाने के अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए ट्रेंड बदला है. उनका इरादा इस बार बारूद से धमाका करना नहीं, बल्कि इंसानी जज्बातों को भड़काकर उसे बारूद की तरह इस्तेमाल कर देश में अशांति फैलाना है.
ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो अलकायदा संगठन इसमें मुख्य भूमिका अपना रहा है. उसने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश समेत महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल व कई अन्य राज्यों में अपने स्लीपर सेल बनाए हैं. उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है.
यूपी से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठन अलकायदा के जरिए आईएसआई (ISI) की इन नापाक तैयारियों की एक आंकलन रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी है. रिपोर्ट के मुताबिक, ISI ने अलकायदा के जरिए अब तक यूपी में शांत पड़े नेटवर्क को एक बार फिर एक्टिवेट करने के लिए अपने पुराने एजेंट्स से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट से गृह मंत्रालय सतर्क हो गया है. उसने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (ATS) को आतंकी नेटवर्क पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. ADG का कहना है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर ही UP ATS काम कर रही है. सफलता भी मिली है. उन्हें उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.
क्रैश कोर्स के जरिये युवाओं को धकेल रहे आतंक की दुनिया में
ATS की कस्टडी रिमांड में लखनऊ से पकड़े गए आतंकी मिनहाज और मुशीर ने कई और भी राज उगले हैं. दोनों से पूछताछ में आतंक का वो क्रैश कोर्स भी डिकोड हो गया है. जिसका इस्तेमाल अलकायदा के आतंक के आका युवाओं को बरगलाकर आतंक की दुनिया में धकेलने के लिए करते हैं. पूछताछ में दोनों ने बताया कि अलकायदा के भारतीय हैंडलर, गिरोह में शामिल करने से पहले युवाओं को कुछ खास अध्याय पढ़ाते थे और इन अध्याय में पास होने पर ही अलकायदा में भर्ती करते थे. मिनहाज और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर भी इन्हीं अध्याय का क्रैश कोर्स करके पासआउट हुए थे.
ये हैं अलकायदा में भर्ती का क्रैश कोर्स के अध्याय
पहला अध्याय-पर्सनल चैटिंग
इसमें सोशल मीडिया पर एक्टिव युवाओं से फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर पर्सनल चैटिंग की जाती है. चैट के आधार पर हैंडलर सवाल जवाब से टोह लेता है. कौम के नाम पर उसका ब्रेनवॉश किया जाता है फिर हैंडलर, अलकायदा के लिए युवाओं का सेलेक्शन करता है.
दूसरा अध्याय-माइक्रो कम्युनिटी
इसमें आतंक की दुनिया में पहला कदम रख रहे युवाओं को उन लोगों की जानकारी दी जाती है, जो गिरोह में पहले से सक्रिय हैं फिर हैंडलर द्वारा इसका परिचय 'भाई जान' बताकर किया जाता है और फिर जेहादी बनाया जाता है.
तीसरा अध्याय-पर्सनल कॉन्टेक्ट
इसमें अपने विश्वासपात्र को ही मौका दिया जाता है. कसौटी पर खरा उतरने के बाद हैंडलर के गुर्गे नए युवाओं को मिलने के लिए बुलाते हैं फिर इन्हें एक टास्क दिया जाता है. टास्क में पास होने पर हैंडलर इनसे वीडियो कॉल से रूबरू होता है.
चौथा अध्याय- कंडक्टिंग ऑपरेशन
वीडियो कॉल के बाद हैंडलर सभी को आतंकी घटनाओं को कहां, कब और कैसे अंजाम देना है. इसकी जानकारी देता है. इसमें हैंडलर की ओर से क्या मदद मिलेगी? और नए आतंकियों को क्या इंतजाम करना होगा? यह भी तय किया जाता है.
पांचवां अध्याय- AQIS अनेबल्ड
इसमें जो युवा आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं. उन्हें AQIS अनेबल्ड कहा जाता है. आतंकी मकसद में कामयाबी से दो और युवा प्रेरित होते हैं. जिनमें से एक AQIS से प्रभावित होते हैं और दूसरे की व्यवस्था अलकायदा द्वारा की जाती है. पूछताछ में मिनहाज और मशीरुद्दीन ने बताया कि पाकिस्तान में बैठे हैंडलर उमर हलमण्डी से दोनों की पहली मुलाकात ऑनलाइन ही हुई थी जिसके बाद उसने दोनों को कई स्तर पर जांचा-परखा और फिर भरोसा होने पर ऑपरेशन को अंजाम देने का आदेश दिया.
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