लखनऊ: प्रदेश में बीते सोमवार से 7 महीने बाद कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल खुल गए हैं. स्कूल प्रबंधकों ने बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइजेशन के बाद ही क्लास रूम में जाने दिया जा रहा है. वहीं स्कूल खुलने के पहले दिन कोविड-19 गाइडलाइन का निरीक्षण करते हुए अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला ने बच्चों को 'मिशन शक्ति' का पाठ पढ़ाया. डीआईओएस मुकेश सिंह का दावा है कि पहले दिन करीब 700 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया गया, जहां कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है.
मिशन शक्ति का पढ़ाया पाठ
अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला ने सेंट जोसेफ केथेड्रल स्कूल में छात्राओं से मिशन शक्ति अभियान के बारे में पूछा. हालांकि छात्राओं द्वारा जानकारी न दे पाने पर उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति योजना का शुभारंभ किया है, जिसके अंतर्गत महिलाओं, बालिकाओं व बच्चों की सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन को लेकर एक व्यापक कार्य योजना बनाई गई है. इस मिशन के तहत बच्चों व महिलाओं को कई बचाव के तरीकों की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति की शुरुआत उनके खिलाफ होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने के लिए की गई है.
बच्चों की उपस्थिति मिली कम
पहले दिन बच्चों की उपस्थिति स्कूलों में काफी कम रही. कई स्कूलों में क्लासरूम लगभग खाली ही नजर आ रहे थे. वहीं लखनऊ पब्लिक स्कूल और मिलेनियम स्कूल तो खुला, लेकिन कोई भी छात्र स्कूल नहीं पहुंचा.
सहमति पत्र मिलने के बाद हुई एंट्री
कालीचरण इंटर कॉलेज, इंदिरा गांधी, जीजीआईसी, सेंट जोसेफ पब्लिक इंटर कॉलेज, ममता मॉडर्न इंटर कॉलेज समेत अन्य स्कूलों में बच्चों के स्कूल के अंदर प्रवेश से पहले ही उनके अभिभावकों की तरफ से सहमति पत्र दिया गया. हालांकि विद्यालय आने वाले जिन छात्रों के पास सहमति पत्र नहीं था. उन्हें वापस कर दिया गया. 7 महीने बाद स्कूल पहुंचे बच्चे अपने दोस्तों को देखकर खुश नजर आए.