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सहकारिता भर्ती घोटाला: कोऑपरेटिव बैंक के MD पर गिरी गाज, मुख्यालय अटैच - co-operative bank md bhupendra kumar

सहकारिता भर्ती घोटाले में आरोपी उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया है. उन्हें मुख्यालय अटैच किया गया है. अपर आयुक्त व निबंधक हाउसिंग बोर्ड वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.

cooperative recruitment scam
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Published : Jun 13, 2021, 11:52 PM IST

लखनऊ: सहकारिता भर्ती घोटाले में आरोपी उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार पर आखिरकार गाज गिर ही गई. प्रबंध निदेशक भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया है. उनके स्थान पर अपर आयुक्त व निबंधक हाउसिंग बोर्ड वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. भूपेंद्र कुमार को हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है.

कई अधिकारियों के खिलाफ हुई थी एफआईआर
बता दें कि सहकारिता विभाग में भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार जांच करा रही थी. हाल ही में एसआईटी ने आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. साथ ही तमाम कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. भर्ती में बड़े स्तर पर एसआईटी को घोटाले के सबूत मिले हैं, जिसे लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की तैयारी है. रविवार को इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया है. जल्द ही अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

इस भी पढ़ें:- 9 पीसीएस अफसरों के तबादले

इन पदों पर हुई थी भर्ती
बता दें कि 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में असिस्टेंट अकाउंट और सहायक शाखा आंकिक के 1,018 पदों पर भर्ती हुई थी. जिला सहकारी बैंकों में सीनियर ब्रांच मैनेजर, कनिष्ठ शाखा प्रबंधक, कैशियर और टाइपिस्ट के 762 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई थी. यूपी कोऑपरेटिव यूनियन में कनिष्ठ सहायक के 303 पद, उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में उप प्रबंधक और कनिष्ठ कार्यालय सहायक के 69 पद, उत्तर प्रदेश पैकफेड में असिस्टेंट मैनेजर और कैशियर के 154 पद, उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी संघ लिमिटेड में सहायक अभियंता के 16 पद और उप प्रबंधक के दो पदों पर भर्ती की गई थी. अब इन सभी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

लखनऊ: सहकारिता भर्ती घोटाले में आरोपी उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार पर आखिरकार गाज गिर ही गई. प्रबंध निदेशक भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया है. उनके स्थान पर अपर आयुक्त व निबंधक हाउसिंग बोर्ड वरुण मिश्रा को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. भूपेंद्र कुमार को हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है.

कई अधिकारियों के खिलाफ हुई थी एफआईआर
बता दें कि सहकारिता विभाग में भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार जांच करा रही थी. हाल ही में एसआईटी ने आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. साथ ही तमाम कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. भर्ती में बड़े स्तर पर एसआईटी को घोटाले के सबूत मिले हैं, जिसे लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की तैयारी है. रविवार को इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार को हटा दिया गया है. जल्द ही अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

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इन पदों पर हुई थी भर्ती
बता दें कि 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में असिस्टेंट अकाउंट और सहायक शाखा आंकिक के 1,018 पदों पर भर्ती हुई थी. जिला सहकारी बैंकों में सीनियर ब्रांच मैनेजर, कनिष्ठ शाखा प्रबंधक, कैशियर और टाइपिस्ट के 762 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई थी. यूपी कोऑपरेटिव यूनियन में कनिष्ठ सहायक के 303 पद, उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में उप प्रबंधक और कनिष्ठ कार्यालय सहायक के 69 पद, उत्तर प्रदेश पैकफेड में असिस्टेंट मैनेजर और कैशियर के 154 पद, उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी संघ लिमिटेड में सहायक अभियंता के 16 पद और उप प्रबंधक के दो पदों पर भर्ती की गई थी. अब इन सभी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

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