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सीएम को मारने की धमकी देने के अभियुक्त को मिली जमानत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले अभियुक्त कामरान अमीन खान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. अभियुक्त ने न्यायालय में माफीनामा दाखिल करते हुए कहा कि वह भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेगा और उसे अपने किए पर बहुत पछतावा है.

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Published : Dec 10, 2020, 7:01 PM IST

लखनऊ हाईकोर्ट.
लखनऊ हाईकोर्ट.

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले अभियुक्त कामरान अमीन खान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. अभियुक्त ने न्यायालय में माफीनामा दाखिल करते हुए कहा कि वह भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेगा और उसे अपने किए पर बहुत पछतावा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त की याचिका पर पारित किया. अभियुक्त पर यूपी पुलिस हेडक्वार्टर के सोशल मीडिया डेस्क के व्हाट्सएप नंबर पर मुख्यमंत्री को मुसलमानों का दुश्मन बताते हुए, जान से मारने की धमकी देने का आरोप है. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियुक्त की ओर से दाखिल बिना शर्त माफीनामे का भी संज्ञान लिया.

जिसमें अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे अपने किए पर पछतावा है. कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में बेरोजगारी की वजह से वह काफी निराशा की स्थिति में था और अपने इस कृत्य के परिणामों को समझने में असमर्थ था. उसने न्यायालय से अनुरोध किया कि उसके मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए. अभियुक्त के माफीनामे पर गौर करने के उपरांत न्यायालय ने उसे सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही न्यायालय ने उसे चेतावनी भी दी है कि भविष्य में मैसेजेज भेजते समय वह सावधान रहे और ऐसा कृत्य न दोहराए.

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले अभियुक्त कामरान अमीन खान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. अभियुक्त ने न्यायालय में माफीनामा दाखिल करते हुए कहा कि वह भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेगा और उसे अपने किए पर बहुत पछतावा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त की याचिका पर पारित किया. अभियुक्त पर यूपी पुलिस हेडक्वार्टर के सोशल मीडिया डेस्क के व्हाट्सएप नंबर पर मुख्यमंत्री को मुसलमानों का दुश्मन बताते हुए, जान से मारने की धमकी देने का आरोप है. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियुक्त की ओर से दाखिल बिना शर्त माफीनामे का भी संज्ञान लिया.

जिसमें अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि उसे अपने किए पर पछतावा है. कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में बेरोजगारी की वजह से वह काफी निराशा की स्थिति में था और अपने इस कृत्य के परिणामों को समझने में असमर्थ था. उसने न्यायालय से अनुरोध किया कि उसके मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए. अभियुक्त के माफीनामे पर गौर करने के उपरांत न्यायालय ने उसे सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही न्यायालय ने उसे चेतावनी भी दी है कि भविष्य में मैसेजेज भेजते समय वह सावधान रहे और ऐसा कृत्य न दोहराए.

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