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राजधानी के इन गांवों में बिछेगी ABC लाइन, रुकेगी बिजली चोरी

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम राजधानी लखनऊ के 318 गांवों में एक नया प्रयोग करने जा रहा है. वितरण निगम 318 गांवों में एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) से बिजली सप्लाई का नेटवर्क बनाने जा रहा है, जिससे बिजली की चोरी और आए दिन होने वाले हादसों को रोका जा सके.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Jun 16, 2021, 12:00 PM IST

लखनऊ: राजधानी में बिजली से झटके नहीं लगेंगे और न ही किसी की जान जाएगी. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ के 318 गांवों में एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) का सप्लाई नेटवर्क बनाने जा रहा है. इसके लिए कंपनी ने गांव में सर्वे का काम शुरू कर दिया है.

बता दें कि एबीसी केवल बिछने से जहां बिजली की निर्बाध आपूर्ति मिलेगी तो वहीं लाइन के टूटने से न तो किसी ग्रामीण की मौत होगी और न ही किसी मवेशी की. साथ ही पावर कारपोरेशन को मुआवजा भी नहीं देना होगा. एबीसी केबल बिछाने पर प्रति किलोमीटर 3.50 लाख रुपये का खर्च भी आएगा, लेकिन इसके फायदे बड़े होंगे. लखनऊ के ऐसे 318 गांवों को चिन्हित किया जा चुका है, जो बीकेटी, चिनहट, गोसाईगंज, काकोरी, माल, मलिहाबाद, सरोजिनी नगर और मोहनलालगंज में हैं.

अब बिजली के केबल से नहीं लगेंगे झटके
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जहां निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए लगातार समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं तो वहीं अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम राजधानी लखनऊ के 318 गांवों में एक नया प्रयोग करने जा रहा है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम 318 गांवों में एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) से बिजली सप्लाई का नेटवर्क बनाने जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- डिप्टी सीएम का आगरा दौरा आज, 483 करोड़ रुपये की देंगे सौगात

अब तक गांवों में बिजली के खुले तारों में करंट दौड़ता था, जिससे आए दिन तार टूटने से लोगों के जानमाल से लेकर मवेशियों का भी नुकसान होता था. वहीं अब एरियल बंच कंडक्टर लाइन बिछने से यह नुकसान रुक जाएगा. अब बिजली के तारों से झटके नहीं लगेंगे. इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है. हर साल पावर कारपोरेशन को बिजली से होने वाली मौतों पर मुआवजे के रूप में भारी धनराशि चुकानी पड़ती थी, जो अब शायद न चुकानी पड़े.

इन क्षेत्रों में बिजली सप्लाई के लिए बिछेगी एबीसी केबल
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी के ऐसे गांव जिनकी आबादी 1,000 तक है, उन गांवों में एबीसी केबल का नेटवर्क बिछाया जाएगा. इसके लिए 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसका टेंडर भी हो चुका है. इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है. लखनऊ के बीकेटी ब्लॉक में 65 गांव, चिनहट में 20 गांव, गोसाईगंज में 50 गांव, काकोरी में 30 गांव, माल में 24 गांव, मलिहाबाद में 36 गांव और सरोजिनी नगर में 50, मोहनलालगंज ब्लॉक में 43 गांव चिन्हित किए गए हैं.

लखनऊ: राजधानी में बिजली से झटके नहीं लगेंगे और न ही किसी की जान जाएगी. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ के 318 गांवों में एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) का सप्लाई नेटवर्क बनाने जा रहा है. इसके लिए कंपनी ने गांव में सर्वे का काम शुरू कर दिया है.

बता दें कि एबीसी केवल बिछने से जहां बिजली की निर्बाध आपूर्ति मिलेगी तो वहीं लाइन के टूटने से न तो किसी ग्रामीण की मौत होगी और न ही किसी मवेशी की. साथ ही पावर कारपोरेशन को मुआवजा भी नहीं देना होगा. एबीसी केबल बिछाने पर प्रति किलोमीटर 3.50 लाख रुपये का खर्च भी आएगा, लेकिन इसके फायदे बड़े होंगे. लखनऊ के ऐसे 318 गांवों को चिन्हित किया जा चुका है, जो बीकेटी, चिनहट, गोसाईगंज, काकोरी, माल, मलिहाबाद, सरोजिनी नगर और मोहनलालगंज में हैं.

अब बिजली के केबल से नहीं लगेंगे झटके
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जहां निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए लगातार समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं तो वहीं अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम राजधानी लखनऊ के 318 गांवों में एक नया प्रयोग करने जा रहा है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम 318 गांवों में एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) से बिजली सप्लाई का नेटवर्क बनाने जा रहा है.

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अब तक गांवों में बिजली के खुले तारों में करंट दौड़ता था, जिससे आए दिन तार टूटने से लोगों के जानमाल से लेकर मवेशियों का भी नुकसान होता था. वहीं अब एरियल बंच कंडक्टर लाइन बिछने से यह नुकसान रुक जाएगा. अब बिजली के तारों से झटके नहीं लगेंगे. इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है. हर साल पावर कारपोरेशन को बिजली से होने वाली मौतों पर मुआवजे के रूप में भारी धनराशि चुकानी पड़ती थी, जो अब शायद न चुकानी पड़े.

इन क्षेत्रों में बिजली सप्लाई के लिए बिछेगी एबीसी केबल
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी के ऐसे गांव जिनकी आबादी 1,000 तक है, उन गांवों में एबीसी केबल का नेटवर्क बिछाया जाएगा. इसके लिए 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसका टेंडर भी हो चुका है. इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है. लखनऊ के बीकेटी ब्लॉक में 65 गांव, चिनहट में 20 गांव, गोसाईगंज में 50 गांव, काकोरी में 30 गांव, माल में 24 गांव, मलिहाबाद में 36 गांव और सरोजिनी नगर में 50, मोहनलालगंज ब्लॉक में 43 गांव चिन्हित किए गए हैं.

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