लखनऊ: राजधानी में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने चरम पर पहुंच गया है. पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेश के सबसे ज्यादा मामले रोजाना सामने आ रहे हैं. सोमवार को संक्रमण के नए मामलों की संख्या 992 तक पहुंच गई. इसके साथ ही 853 मरीजों को राजधानी के तमाम अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है. वहीं 12 लोगों की कोरोना से मौत भी हो गई है.
राजधानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार, लखनऊ में कोरोना के नए मामलों की भरमार है. सोमवार को 24 घंटों में लखनऊ में 992 नए कोरोना के मरीज मिले हैं. इसके अलावा अब तक 27,572 लोग होम आइसोलेशन में रहे हैं. इनमें से 20,149 व्यक्तियों ने होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर ली है, जबकि 7423 लोग अभी भी संक्रमित हैं. इन सब के साथ-साथ अब तक 853 मरीजों को कोरोना वायरस से स्वस्थ कर अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है.
राजधानी में सोमवार को 7478 व्यक्तियों के सैंपल सर्विलांस और कांटैक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से लिए गए हैं. गोमती नगर में सबसे अधिक व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. वहीं अलीगंज में 32, आलमबाग में 37, आशियाना में 35, काकोरी में 12, इंदिरा नगर में 57, कृष्णा नगर में 12, कैंट में 29, गुडंबा में 18, गोमती नगर में 62, चिनहट में 32, चौक में 28, जानकीपुरम में 21, ठाकुरगंज में 19, तालकटोरा में 28, रायबरेली रोड में 46, मड़ियांव में 27, महानगर में 39, विकास नगर में 28, सरोजिनी नगर में 13, सुशांत गोल्फ सिटी में 15 और गोमती नगर विस्तार में 17 व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.
इसके अलावा राजधानी में सोमवार को 12 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हुई है. इनमें लखनऊ के 7 और सीतापुर, लखीमपुर और शाहजहांपुर से 1-1 मरीज और रायबरेली से 2 मरीज भी शामिल हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में लखनऊ के विकास नगर के रहने वाली 50 वर्षीय महिला मरीज को 11 सितंबर को रात 11 बजे कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया था. मनीष को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की समस्या थी. 14 सितंबर को कार्डियोपलमोनरी अरेस्ट के कारण मरीज की मृत्यु हो गई. वहीं सीतापुर के रहने वाले 50 वर्षीय पुरुष मरीज को 4 सितंबर को केजीएमयू में भर्ती किया गया था. मरीज को मधुमेह की समस्या थी और संक्रमण गंभीर हो रहा था. इसके बाद 14 सितंबर को सुबह 10:45 बजे एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम और सेप्टिसेमिक शॉक की वजह से मरीज की मृत्यु हो गई.
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