लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों की बालिकाओं को अच्छी शिक्षा देने की आड़ में करोड़ों का घोटाला किया गया. इन बच्चियों को मिलने वाली करीब 9 करोड़ रुपए का भोजन, दवा और दूसरी सुविधाएं अधिकारी डकार गए. स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति न होने के बावजूद उनके नाम पर भुगतान कर दिया गया. बीते कुछ महीनों में यूपी के 18 जिलों में इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद के स्तर पर की गई जांच में इसका खुलासा हुआ. महानिदेशक ने संबंधित अधिकारियों से आगामी 15 जून तक इस प्रकरण में जवाब तलब किया है.
महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद के स्तर पर की गई जांच में इन बच्चियों को दिए जाने वाले भोजन, स्टेशनरी, दवा, स्टेशनरी और अन्य सामग्री खरीदने में अनियमितता का खुलासा हुआ है. असल में, इन मदों में धनराशि का भुगतान प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर किया जाता है. जांच में पाया गया कि प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या कम है, जबकि पैसा अधिक छात्र संख्या दिखा कर निकाल लिया गया. यह गड़बड़ी 11 फरवरी से 31 मार्च 2021 के बीच की है.
यह हैं जिम्मेदार
महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि वार्डेन, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, प्रभारी /सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हैं. इस पूरे प्रकरण में आगामी 15 जून तक सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
इन जिलों में सामने आई गड़बड़ियां
बरेली | बिजनौर | देवरिया |
फतेहपुर | गाजियाबाद | गोंडा |
कांशी राम नगर | मऊ | मेरठ |
मुरादाबाद | प्रतापगढ़ | रायबरेली |
संत कबीर नगर | श्रावस्ती | सोनभद्र |
सुलतानपर | उन्नाव | वाराणसी |
कस्तूरबा विद्यालयों में हुए घोटाले का लेकर आप ने बोला हमला
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 9 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया. जिस अवधि में विद्यालय बंद था, उस अवधि में छात्राओं के खाने-पीने, साबुन, तेल, मंजन आदि मदों में यह पैसे निकाले गए. उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने यह घोटाला करवा कर अपने परिवार के नाम जमीन खरीदी है.
बेसिक शिक्षा महानिदेशक के पत्र से सामने आया सच
संजय सिंह ने कहा कि यह आरोप मैं नहीं लगा रहा हूं बल्कि बेसिक शिक्षा महानिदेशक के पत्र से सच सामने आया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि काम तभी किया जा सकता था, जब छात्रों की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाए, ऐसा ना होने की स्थिति में बेसिक शिक्षा अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे.
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इन जिलों में हुए घोटाले
गाजियाबाद में 18 लाख, गोंडा में 96 लाख, काशीराम नगर में 31 लाख, मऊ में 23 लाख , मेरठ में 36 लाख, मुरादाबाद में 29 लाख, बरेली 84 लाख, बिजनौर 74 लाख, देवरिया 62 लाख, फतेहपुर 31 लाख, सुलतानपुर में 46 लाख, वाराणसी 37 लाख, मऊ 23 लाख, मेरठ 26 लाख, सोनभद्र 46 लाख और उन्नाव में 45 लाख रुपये निकाल लिए गए. यह रकम 11 फरवरी से 31 मार्च तक निकाली गई. इस दौरान सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय बंद थे. उपस्थिति भी शून्य थी. उन्होंने कहा कि यह पैसा उन विद्यालयों से निकाला गया, जहां गरीबों, मजदूरों, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के बच्चे शिक्षा पाते हैं.
भाई के नाम एक और जमीन खरीदने का आरोप
संजय सिंह ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी पर अपने भाई अनिल कुमार पुत्र अयोध्या प्रसाद निवासी शनिचरा के नाम 12 लाख रुपए में एक और जमीन खरीदने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस जमीन का सर्किल रेट 20 लाख रुपए में है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य मंत्री ने यह जमीने मिड-डे मील, ड्रेस, जूतों की खरीद में घोटाला कर खरीदी है.