लखनऊ: देश-प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के चलते मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में अन्य बिमारियों से जूझ रहे मरीज काफी परेशान हुए, लेकिन राजधानी लखनऊ के केजीएमयू (किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय) के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के द्वारा इस साल भी बेहतर प्रदर्शन किया गया. कोरोना के बीच कैंसर मरीजों की सर्जरी का काम लगातार जारी रहा, जिसका नतीजा रहा कि सर्जरी विभाग ने कोरोना की मुश्किलों के बीच 380 बड़ी व जटिल और 369 छोटी सर्जरी की.
यह नतीजे बताते हैं कि संस्थान द्वारा की जाने वाली कैंसर सर्जरी पर कोरोना महामारी कोई खास असर नहीं डाल सकी है, पिछले वर्ष की तुलना में सिर्फ 18 फीसदी सर्जरी कम हुई हैं. 82 प्रतिशत सर्जरी जो बिना किसी संक्रमण के सफल रहीं, उसके पीछे स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी मानदंडों का कड़ाई से पालन करना है.
केजीएमयू में विगत 20 वर्षों से अधिक समय से कैंसर रोगियों को उपचार के लिए प्रदान की जा रही उचित देखभाल और स्वास्थ्य सेवाएं कोविड-19 महामारी के दौरान भी जारी रहीं और लॉकडाउन के आरंभिक दो महीने में भी सेवाएं लगातार उपलब्ध कराई गईं.
बता दें कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ने कोविड-19 संक्रमण के बीच भी बेहतर प्रदर्शन किया है. कोविड-19 संक्रमण के चलते जहां अन्य चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक जूझ रहे हैं तो वहीं केजीएमयू में सर्जरी विभाग द्वारा कैंसर मरीजों की सफल सर्जरी की गई. मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि बीते छह माह में कोविड-19 के दौर में सभी निर्धारित प्रोटोकॉल के पालन का नतीजा है कि हमारे किसी भी पोस्ट-ऑपरेटिव रोगी में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए.
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना के बीच इस अवधि के दौरान विभाग में 380 प्रमुख जटिल कैंसर सर्जरी और 369 छोटी सर्जरी की गईं. इसके अतिरिक्त विभाग ने इस अवधि के दौरान सभी सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हुए 2,073 रोगियों को कीमोथेरेपी भी दी है. पिछले लगभग 6 महीनों में 7,772 कैंसर रोगी ओपीडी में देखे गए हैं और 1,130 रोगियों को विभिन्न कैंसर के उपचार के लिए विभाग में भर्ती कराया गया है.
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना महामारी काल के इस कठिन दौर मे कैंसर रोगियों की देखभाल एवं उन्हें उपचार प्रदान करना आसान नहीं था. स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के साथ ही कोरोना संक्रमित रोगियों की सेवा एवं उपचार करने के साथ ही अपने स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित रखने की कठिन चुनौती सामने थी, लेकिन विभाग ने पूरे जोश और उत्साह के साथ कैंसर रोगियों की सेवा जारी रखी है.