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6 राज्य मिलकर रोकेंगे यूपी में शराब तस्करी, ड्रोन से की जाएगी निगरानी: संजय भूसरेड्डी

नए साल का आगाज कुछ दिनों में होने वाला है और ये नया साल चुनावी साल होगा. ऐसे में चाहे नए साल का स्वागत हो या फिर चुनाव में मतदाताओं को लुभाना हो, जाम जम कर छलकाए जाते हैं. लेकिन ये जाम जहरीले न हों इसके लिए आबकारी विभाग ने तैयारियां कर ली हैं.

आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव से खास बातचीत.
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव से खास बातचीत.
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Published : Dec 25, 2021, 10:25 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 12:52 PM IST

लखनऊ : चुनावों में दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध शराब और राज्य में बनने वाली नकली शराब पर नजर रखने के लिए यूपी आबकारी विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियां कर ली हैं. विभाग की तैयारियां इस कदर हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में नेताओं को बांटने के लिए अवैध शराब का टोटा होने वाला है.

आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव से खास बातचीत.
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए बताया कि इस बार उनका विभाग अकेले नहीं, बल्कि 6 राज्यों के साथ मजबूत समन्वय बनाकर शराब माफियायों व अवैध शराब तस्करों से निपटेगा. इसके लिए वो खुद यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और पड़ोसी देश नेपाल से बात कर रहे हैं.यूपी और पड़ोसी राज्य की होगी एक चेक पोस्टभूसरेड्डी ने बताया कि अभी तक यूपी और पड़ोसी राज्यों की अलग-अलग चेक पोस्ट हुआ करती थी, जिसमें दोनों राज्यों की पुलिस और आबकारी के अधिकारी कर्मचारी होते थे. जिससे दोनों में कभी कभी गलतियां हो जाती थीं. लेकिन इस बार हमने राज्यों से बात कर अलग अलग के बजाए एक चेक पोस्ट बनाने का निर्णय किया है. इन संयुक्त चेक पोस्ट में यूपी और पड़ोसी राज्य की पुलिस और आबकारी विभाग के कर्मचारी एक साथ मौजूद रहेंगे. बढ़ाई जाएगी चेक पोस्टभूसरेड्डी ने बताया कि यूपी में अवैध शराब अन्य राज्यों से न आ पाए इसके लिए अभी तक 50 चेकपोस्ट हैं. जो विभिन्न बॉर्डर पर स्थित है. लेकिन इस बार के चुनाव में किसी भी प्रकार की शराब की तस्करी न हो, इसके लिए चेक पोस्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी.ड्रोन से शराब तस्करों पर होगी नजरआये दिन शराब तस्कर नए नए रास्तों को यूपी में शराब की तस्करी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसके चलते आबकारी विभाग और पुलिस दोनों ही शराब तस्करी में लगाम नहीं लगा पाते हैं, लेकिन इस बार आबकारी विभाग शराब तस्करों पर ड्रोन से नजर रखेगा. बिहार सीमा पर नदी के किनारे के इलाकों और एमपी-बिहार के जंगल क्षेत्र में आबकारी विभाग ड्रोन से सर्विलांस करेगा, जिससे आबकारी विभाग की नजरों से कोई भी तस्कर बच न सके. हर चेक पोस्ट में होगा सीसीटीवी भूसरेड्डी के मुताबिक, विधान सभा चुनावों को देखते हुए वो सभी राज्यों की सीमाओं पर बनने वाली चेकपोस्ट में सीसीटीवी कैमरा इंस्टाल करवाएंगे. जिसका एक इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस होगा और उस पर लखनऊ से नजर रखी जायेगी. यही नहीं, चूंकि उत्तराखंड में विधान सभा चुनाव एमपी में पंचायत चुनाव है इसके लिए उनके साथ भी समन्वय बना उन राज्यों के चेक पोस्ट को मजबूत बनाने के लिए कहा जायेगा.

इसे भी पढे़ं- अटल जयंती पर अमेठी को मिला 10 अरब का तोहफा, नितिन गडकरी ने किया लोकार्पण व शिलान्यास



राज्यों के साथ होगी बैठक

ऐसा पहली बार हो रहा है, जब विधान सभा चुनाव को देखते हुए शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ आबकारी विभाग बैठक कर रहा है. अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के आबकारी प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ वो बैठक कर रहे हैं, जिसमें अवैध शराब की तस्करी रोकने को लेकर चर्चा की जाएगी. साथ ही कैसे सीमाओं पर तकनीकी प्रयोग कर सख्ती की जाए इस पर भी चर्चा होगी.


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लखनऊ : चुनावों में दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध शराब और राज्य में बनने वाली नकली शराब पर नजर रखने के लिए यूपी आबकारी विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर तैयारियां कर ली हैं. विभाग की तैयारियां इस कदर हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में नेताओं को बांटने के लिए अवैध शराब का टोटा होने वाला है.

आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव से खास बातचीत.
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए बताया कि इस बार उनका विभाग अकेले नहीं, बल्कि 6 राज्यों के साथ मजबूत समन्वय बनाकर शराब माफियायों व अवैध शराब तस्करों से निपटेगा. इसके लिए वो खुद यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और पड़ोसी देश नेपाल से बात कर रहे हैं.यूपी और पड़ोसी राज्य की होगी एक चेक पोस्टभूसरेड्डी ने बताया कि अभी तक यूपी और पड़ोसी राज्यों की अलग-अलग चेक पोस्ट हुआ करती थी, जिसमें दोनों राज्यों की पुलिस और आबकारी के अधिकारी कर्मचारी होते थे. जिससे दोनों में कभी कभी गलतियां हो जाती थीं. लेकिन इस बार हमने राज्यों से बात कर अलग अलग के बजाए एक चेक पोस्ट बनाने का निर्णय किया है. इन संयुक्त चेक पोस्ट में यूपी और पड़ोसी राज्य की पुलिस और आबकारी विभाग के कर्मचारी एक साथ मौजूद रहेंगे. बढ़ाई जाएगी चेक पोस्टभूसरेड्डी ने बताया कि यूपी में अवैध शराब अन्य राज्यों से न आ पाए इसके लिए अभी तक 50 चेकपोस्ट हैं. जो विभिन्न बॉर्डर पर स्थित है. लेकिन इस बार के चुनाव में किसी भी प्रकार की शराब की तस्करी न हो, इसके लिए चेक पोस्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी.ड्रोन से शराब तस्करों पर होगी नजरआये दिन शराब तस्कर नए नए रास्तों को यूपी में शराब की तस्करी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसके चलते आबकारी विभाग और पुलिस दोनों ही शराब तस्करी में लगाम नहीं लगा पाते हैं, लेकिन इस बार आबकारी विभाग शराब तस्करों पर ड्रोन से नजर रखेगा. बिहार सीमा पर नदी के किनारे के इलाकों और एमपी-बिहार के जंगल क्षेत्र में आबकारी विभाग ड्रोन से सर्विलांस करेगा, जिससे आबकारी विभाग की नजरों से कोई भी तस्कर बच न सके. हर चेक पोस्ट में होगा सीसीटीवी भूसरेड्डी के मुताबिक, विधान सभा चुनावों को देखते हुए वो सभी राज्यों की सीमाओं पर बनने वाली चेकपोस्ट में सीसीटीवी कैमरा इंस्टाल करवाएंगे. जिसका एक इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस होगा और उस पर लखनऊ से नजर रखी जायेगी. यही नहीं, चूंकि उत्तराखंड में विधान सभा चुनाव एमपी में पंचायत चुनाव है इसके लिए उनके साथ भी समन्वय बना उन राज्यों के चेक पोस्ट को मजबूत बनाने के लिए कहा जायेगा.

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राज्यों के साथ होगी बैठक

ऐसा पहली बार हो रहा है, जब विधान सभा चुनाव को देखते हुए शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ आबकारी विभाग बैठक कर रहा है. अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के आबकारी प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ वो बैठक कर रहे हैं, जिसमें अवैध शराब की तस्करी रोकने को लेकर चर्चा की जाएगी. साथ ही कैसे सीमाओं पर तकनीकी प्रयोग कर सख्ती की जाए इस पर भी चर्चा होगी.


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Last Updated : Dec 26, 2021, 12:52 PM IST
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