लखनऊ: बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बुधवार को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में 47156 बच्चों को प्रवेश का अधिकार दिलाया. बेसिक शिक्षा निदेशालय में आयोजित लॉटरी के दौरान आवेदन के अनुसार स्कूलों का आवंटन किया गया. इसमें सर्वाधिक 8,784 बच्चों को राजधानी लखनऊ के विद्यालयों में प्रवेश मिलेगा.
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों से शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत स्कूल में प्रवेश के लिए 88,256 आवेदन प्राप्त हुए थे. सभी आवेदन पत्रों का बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से सत्यापन कराया गया, तो कुल 71,203 आवेदन पत्र पूरी तरह ठीक और लॉटरी प्रक्रिया में शामिल करने योग्य पाए गए.
शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत मिलता है प्रवेश
नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1)(ग) के तहत गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में न्यूनतम 25 प्रतिशत तक की सीमा तक दुर्बल आय वर्ग के परिवारों से आने वाले बच्चों को प्रवेश दिलाया जाता है.
बुधवार को लॉटरी प्रक्रिया हुई संपन्न
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी और लॉकडाउन की वजह से प्रवेश प्रक्रिया मार्च महीने में पूरी नहीं की जा सकी. इससे पहले लॉटरी प्रक्रिया के लिए तीन बार तिथियों का निर्धारण किया गया, लेकिन इसे टालना पड़ा. बुधवार को ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज सूचनाओं के आधार पर लॉटरी संपन्न हुई. इसमें 47156 बच्चों को विभिन्न विद्यालयों का आवंटन किया गया है.
प्रदेश के 5 जिलों में सबसे ज्यादा आवंटन
प्रदेश में 5 जिले ऐसे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा आवंटन हुए हैं. इनमें लखनऊ 8784, वाराणसी 7970, कानपुर नगर 3121, गौतम बुद्ध नगर 3100 और मुरादाबाद 1846 शामिल हैं.
आवंटन चिट्ठी और संबंधित कागजात लेकर प्रवेश दें स्कूल
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिन बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश दिलाया जा रहा है, उनसे संबंधित विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रवेश के लिए बीएसए की ओर से पत्र मिलने का इंतजार न करें, बल्कि पोर्टल से मिली आवंटन चिट्ठी और संबंधित कागजात लेकर प्रवेश दे दें.
विद्यालय नहीं कर सकते प्रवेश से इनकार
विद्यालय किसी भी हाल में किसी बच्चे का प्रवेश करने से इनकार नहीं कर सकते. उन्होंने यह भी बताया कि आरटीई के तहत 22 जून से दोबारा पंजीकरण खोला जा रहा है. इसके तहत इच्छुक अभिभावक आवेदन कर सकते हैं. विभाग की ओर से गैर सहायता मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की ट्रैकिंग भी कराई जा रही है.
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