लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 जून शुक्रवार को नमाज के बाद जोरदार प्रदर्शन हुआ था. इस प्रदर्शन में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्रवाई की मांग की गई थी. साथ ही पुलिसकर्मियों पर जमकर पत्थरबाजी हुई थी. जिसके चलते तमाम पुलिसकर्मी चोटिल हुए थे. तमाम वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे. 10 जून से लेकर 12 जून तक का आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई घटनाओं और गिरफ्तारियों के बारे में जानकारी दी गई है. 9 जिलों में कुल 13 एफआईआर हुईं और 316 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. 13 पुलिसकर्मी इन घटनाओं में घायल हुए. आठ वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ हुई.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक प्राथमिकी पंजीकृत की गई, जिसमें 15 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. अलीगढ़ में भी एक प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसमें छह गिरफ्तारियां हुई. हाथरस में भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई और 51 गिरफ्तारियां की गई. मुरादाबाद में एक प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसमें 35 गिरफ्तारियां हुईं. यहां पर प्रदर्शन के दौरान दो आरक्षी घायल हुए. अंबेडकरनगर में भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई. 34 गिरफ्तारियां हुईं. यहां पर आठ पुलिसकर्मी घायल हुए. बरेली में प्राथमिकी दर्ज हुई एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई. यहां पर सामान्य प्रकृति की घटना दर्शाया गया. जालौन में प्राथमिकी दर्ज हुई चार गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन घटना सामान्य प्रकृति की ही रही.
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सहारनपुर में तीन प्राथमिकी दर्ज हुई. 79 गिरफ्तारियां की गईं, कोई पुलिसकर्मी तो घायल नहीं हुआ. लेकिन जनता के दो वाहन पलटने से क्षतिग्रस्त हो गए. प्रयागराज में तीन प्राथमिकी दर्ज हुईं, 92 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. यहां पर सबसे बड़ी घटनाएं पुलिसकर्मियों के साथ हुईं. तीन पुलिसकर्मी और अन्य पुलिस प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए. छह वाहन जिनमें चार मोटरसाइकिल और एक पीएसी के ट्रक में आगजनी के साथ ही एक मोटरसाइकिल में तोड़फोड़ की गई.
वहीं, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हुई इन घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रविवार को कड़ा एक्शन लिया. प्रयागराज में घटना के मुख्य जिम्मेदार माने गए जावेद मोहम्मद के घर पर बुलडोजर चला. उसका घर नेस्तनाबूद कर दिया गया. कानपुर की घटना में जिम्मेदार लोगों पर भी सरकार की तरफ से एक्शन लिया गया है.
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