लखनऊ : परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि "माघ मेला को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये पर्याप्त बसों की व्यवस्था की गई है. इसके लिये स्थाई बस स्टेशनों के अतिरिक्त अस्थाई बस स्टेशनों की भी स्थापना की गई है." उन्होंने बताया कि "प्रयागराज में संचालित बस स्टेशनों से विभिन्न क्षेत्रों के लिए वर्तमान में 970 बसों का संचालन किया जा रहा. अतिरिक्त मेला अवधि के सामान्य दिवस में लगाई गई कुल 1800 बसें मेला अवधि में मुख्य पर्व पर 2800 बसों के साथ-साथ 200 बसों को रिजर्व में रखा गया है."
उन्होंने बताया कि "सिविल लाइन बस स्टेशन से गोरखपुर-देवरिया व संबद्ध मार्गों, आजमगढ़-मऊ-बलिया व सम्बद्ध मार्गों, बदलापुर-टांडा व सम्बद्ध मार्गों तथा वाराणसी व सम्बद्ध मार्गों के लिए वर्तमान में संचालित 450 बसों के अतिरिक्त मेला अवधि के सामान्य दिवस में 140 बसें लगाई गई हैं. इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों के लिए झांसी बस स्टेशन से मेला अवधि के सामान्य दिवसों में 730 बसें, मेला अवधि के मुख्य पर्व पर 1440 बसें संचालित की जाएंगी, जबकि 100 बसों को रिजर्व रखा जाएगा. परिवहन मंत्री ने बताया कि सिविल लाइन्स बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व सम्बद्ध मार्ग तथा अयोध्या-गोंडा-बस्ती-बहराइच व सम्बद्ध मार्ग को वर्तमान में संचालित 400 बसों के अतिरिक्त मेला अवधि के लिए स्थापित अस्थाई बस स्टेशन से मेला अवधि के सामान्य दिवस में 380 बसों व मेला अवधि के मुख्य पर्व पर 430 बसें संचालित की जाएंगी. जीरो रोड बस स्टेशन से बांदा चित्रकूट व संबद्ध मार्गों, रीवा-सीधी व संबद्ध मार्गों विंध्याचल मिजार्पुर शक्तिनगर व सम्बद्ध मार्गों के लिए वर्तमान में संचालित 120 बसों के अतिरिक्त मेला अवधि में 95 बसें संचालित की जाएंगी."
297 लाख राजस्व किया हासिल : एक जनवरी से लेकर 19 जनवरी 2023 के मध्य लखनऊ परिक्षेत्र में परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों ने अलग-अलग रूटों पर चेकिंग अभियान के दौरान अनधिकृत रूप से चल रहीं 100 बसों का चालान किया और 10 बसों को बंद कराया गया. यह जानकारी डीटीसी लखनऊ जोन निर्मल प्रसाद ने दी.
उन्होंने बताया कि "इस कार्रवाई के तहत 1006 ट्रकों का चालान व कुल 314 अनधिकृत संचालित ट्रकों को बंद कराया गया. इसी प्रकार 8039 अन्य वाहनों का चालान हुआ, जबकि 400 से अधिक अन्य वाहन बंद किए गए." डीटीसी ने बताया कि "उक्त अवधि में परिक्षेत्र के अन्तर्गत निरंतर हुई प्रवर्तन कार्रवाई के तहत प्रशमन शुल्क के तौर पर 221.94 लाख राजस्व प्राप्त किया गया है, जबकि 75 लाख से अधिक बतौर कर का संग्रहण किया गया है. कुल मिलाकर उपरोक्त अवधि के अंदर कुल राजस्व व प्रशमन कर के तौर पर 297.40 लाख रुपये प्राप्त किया जा चुका है."