लखनऊ: यूपी के अस्पतालों में बुखार के मरीजों से भरे हुए हैं. मंगलवार को प्रदेश में डेंगू के 218 नए मरीज मिले. इसमें 13 लखनऊ के मरीज भी शामिल हैं. घर-घर चल रहे सर्वे में गंभीर मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. सर्वे के मुताबिक इनमें स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस डेंगू-मलेरिया की पुष्टि हो रही है. प्रदेश में अब कुल 2941 डेंगू के मरीज हैं. जिन घरों के आसपास या कूलर में डेंगू के मच्छर पनपते हुए नजर आ रहे हैं, उन्हें भी स्वास्थ्य विभाग नोटिस जारी कर रहा है.
राजधानी में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को 13 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, जबकि एक मरीज को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, सीएमओ द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाऊदनगर फैजुल्लागंज का निरीक्षण किया गया और ओपीडी में मरीजों को भी देखा. मंगलवार को राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में सर्वाधिक 7 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, जबकि लोकबंधु में दो लोगों में और सिविल अस्पताल में 4 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, जबकि एक मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सीएमओ द्वारा गठित टीम में डॉ. केपी त्रिपाठी, डॉ. केडी मिश्रा आदि ने लोगों को डेंगू रोग से बचाव के प्रति जागरूक किया. इसके अलावा नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीम द्वारा फैजुल्लागंज वार्ड तृतीय, ए कन्हैया माधोपुर-द्वितीय, रफी अहमद किदवई, मैथली शरण, दौलतगंज, शंकरपुरवा द्वितीय, रूचिखंड प्रथम आदि इलाकों का निरीक्षण किया गया. जहां टीम द्वारा कुल 1931 घरों और विभिन्न मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया. इस दौरान कुल 16 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाये जाने पर उन लोगों को नोटिस जारी किया गया है.
संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी ने बताया कि सितम्बर तक तक डेंगू का खतरा रहता है. डेंगू के मरीजों की संख्या अक्टूबर से कम होना शुरू हो जाती है. ऐसे में नवंबर के पहले सप्ताह तक ज्यादा सतर्क रहना होगा.