लखनऊ: मलिहाबाद कच्ची जर्जर छत के अचानक गिर जाने से उसके नीचे सो रही मां और दो मासूम बच्चे मलबे में दब गए. शोरगुल सुनकर ग्रामीणों ने उन्हें मलबे से तत्काल बाहर निकाला. तब तक दो मासूमों की मौत हो चुकी थी और मां की हालत गंभीर बनी हुई है. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मौके पर पहुंचे एसडीएम ने रोते-बिलखते परिजनों को सांत्वना दी है.
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मलिहाबाद कोतवाली के तहत रहीमाबाद चौकी क्षेत्र के गांव लालूहार के मजरा जिंदौर निवासी सुनील अपनी पत्नी सुधा और तीन बच्चे आदित्य 10 वर्ष, कार्तिक 7 वर्ष और बेटी मीशू 4 वर्ष के साथ रहता था और मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था. रविवार रात में सुनील घर के बाहर और आदित्य अपनी दादी भगाना के साथ तथा बेटा कार्तिक और बेटी मीशू अपनी मां सुधा के साथ कच्ची कोठरी में सोई हुई थी. सोमवार की सुबह करीब 4 बजे अचानक कच्ची कोठरी की छत भरभरा कर गिर गई.
जिससे कमरे में सो रही पत्नी सुधा, लड़का कार्तिक 7 साल और बेटी मीशू 4 साल मलबे में दब गए. शोरगुल सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने देखा कि सुनील की छत गिर चुकी थी और उस मलबे में उनका परिवार दबा हुआ था. ग्रामीण आनन-फानन में मलबे को हटाने में लगे थे. तत्काल मलबे में दबे दोनों बच्चों और सुधा को बाहर निकाला गया.
प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय लोग एक निजी अस्पताल ले गए. जहां पर डॉक्टरों ने कार्तिक और मीशू को मृत घोषित कर दिया और सुधा की हालत को गंभीर देखते हुए उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया. घटना की सूचना ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस चौकी पर दी.
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वहीं दर्दनाक घटना की सूचना पाकर लालूहार गांव पहुंचे उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया.
प्रभारी निरीक्षक नित्यानंद सिंह ने बताया कि मृतक बच्चों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घायल सुधा का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है. ग्राम प्रधान सतीश कुमार ने बताया कि अभी सुनील को आवास दिया गया था. जिसका निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा था. इसी सप्ताह छत पड़नी थी.