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बैंड, बाजा और बारात; साल 2025 में खूब बजेंगी शहनाइयां, जानिए इस साल कब-कब है शुभ मुहूर्त? - VARANASI NEWS

पिछले साल की अपेक्षा अबकी बार ज्यादा शुभ मुहूर्त.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 3:38 PM IST

वाराणसी : 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही सूर्य के राशि परिवर्तन और दक्षिण से उत्तर की तरफ सूर्य के आगे बढ़ाने के क्रम की शुरुआत के साथ ही अब देवताओं के भी दिन की शुरुआत हो चुकी है. माना जाता है कि मकर संक्रांति के एक दिन बाद से ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. पिछले साल की अपेक्षा अबकी बार शुभ मुहूर्त ज्यादा मिल रहे हैं. इस बार पूरे साल कुछ महीने को छोड़कर बाकी हर महीने शुभ कार्यों का सिलसिला जारी रहेगा.

16 जनवरी से विवाह से शुरुआत : ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि पंचांगों के मुताबिक, 16 जनवरी से विवाह के लिए मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी. सबसे अधिक मुहूर्त फरवरी में मिल रहे हैं. 20 मुहूर्त फरवरी के दौरान है, जबकि 19 मई में, दिसंबर के महीने में सिर्फ चार मुहूर्त ही मिलेंगे, क्योंकि बृहस्पति के अस्त होने और चातुर्मास के शुरुआत के कारण जून के बाद सीधे नवंबर में ही मुहूर्त मिलेंगे.

ये हैं शादी के लिए शुभ मुहूर्त
जनवरी 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26
फरवरी 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12 से लेकर 25 फरवरी तक
मार्च 1, 2, 3, 5, 6, 7, 11, 13, 14
अप्रैल 14 से लेकर 22 तक फिर 25, 29, 30
मई 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28
जून 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8
जुलाई से 20 नवंबर तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है
नवंबर 21, 22, 23, 24, 25, 29, और 30
दिसंबर 1, 4, 5 और 6

किस महीने में कितने मुहूर्त जानिए : उन्होंने बताया कि जनवरी में विवाह के लिए 11 दिन, फरवरी में 20 दिन, मार्च में 9 दिन, अप्रैल में 12 दिन, मई में 19 दिन, जून में 8 दिन शुभ मुहूर्त के तौर पर मिल रहे हैं. देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने की वजह से और चातुर्मास के कारण नवंबर में विवाह के मुहूर्त कम मिलेंगे, नवंबर में 7 दिन और दिसंबर में 4 दिन ही मुहूर्त मिल पाएंगे.

जुलाई से बंद हो जाएगा शोर : उन्होंने बताया कि देवगुरु बृहस्पति का शुभ कार्यों में अति महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है, लेकिन जब देवगुरु बृहस्पति अस्त होते हैं तो शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है. ऐसी स्थिति में आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी 6 जुलाई से चातुर्थ मास की शुरुआत होगी और 1 नवंबर देवोत्थान एकादशी तक शुभ काम पर प्रतिबंध रहेगा. 1 नवंबर के बाद देवगुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे और शुभ मुहूर्त फिर से रोक दिए जाएंगे.

नवम्बर में कुछ दिन और दिसम्बर में सिर्फ 4 : उन्होंने बताया कि नवंबर में विवाह के मुहूर्त 21 नवंबर से 6 दिसंबर तक मिलेंगे. देवगुरु बृहस्पति 11 दिसंबर को अस्त हो जाएंगे और इसके बाद 2026 में लग्न मुहूर्त शुरू होंगे, यानी नवंबर से दिसंबर के बीच देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने की वजह से इस बार शुभ मुहूर्त कम हो रहे हैं, लेकिन पिछली बार की तुलना में यदि देखा जाए तो विवाह के लिए 7 महीने में 90 मुहूर्त मिल रहे हैं जो 2024 की तुलना में दोनों की गणना के हिसाब से 16 दिन ज्यादा है.

यह भी पढ़ें : सूर्य का मकर राशि में गोचर, शुरू हो गया इन राशियों का गोल्डन टाइम, पढ़ें आप पर क्या होगा असर - SUN TRANSIT IN CAPRICORN 2025

वाराणसी : 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही सूर्य के राशि परिवर्तन और दक्षिण से उत्तर की तरफ सूर्य के आगे बढ़ाने के क्रम की शुरुआत के साथ ही अब देवताओं के भी दिन की शुरुआत हो चुकी है. माना जाता है कि मकर संक्रांति के एक दिन बाद से ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. पिछले साल की अपेक्षा अबकी बार शुभ मुहूर्त ज्यादा मिल रहे हैं. इस बार पूरे साल कुछ महीने को छोड़कर बाकी हर महीने शुभ कार्यों का सिलसिला जारी रहेगा.

16 जनवरी से विवाह से शुरुआत : ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि पंचांगों के मुताबिक, 16 जनवरी से विवाह के लिए मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी. सबसे अधिक मुहूर्त फरवरी में मिल रहे हैं. 20 मुहूर्त फरवरी के दौरान है, जबकि 19 मई में, दिसंबर के महीने में सिर्फ चार मुहूर्त ही मिलेंगे, क्योंकि बृहस्पति के अस्त होने और चातुर्मास के शुरुआत के कारण जून के बाद सीधे नवंबर में ही मुहूर्त मिलेंगे.

ये हैं शादी के लिए शुभ मुहूर्त
जनवरी 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26
फरवरी 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12 से लेकर 25 फरवरी तक
मार्च 1, 2, 3, 5, 6, 7, 11, 13, 14
अप्रैल 14 से लेकर 22 तक फिर 25, 29, 30
मई 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28
जून 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8
जुलाई से 20 नवंबर तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है
नवंबर 21, 22, 23, 24, 25, 29, और 30
दिसंबर 1, 4, 5 और 6

किस महीने में कितने मुहूर्त जानिए : उन्होंने बताया कि जनवरी में विवाह के लिए 11 दिन, फरवरी में 20 दिन, मार्च में 9 दिन, अप्रैल में 12 दिन, मई में 19 दिन, जून में 8 दिन शुभ मुहूर्त के तौर पर मिल रहे हैं. देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने की वजह से और चातुर्मास के कारण नवंबर में विवाह के मुहूर्त कम मिलेंगे, नवंबर में 7 दिन और दिसंबर में 4 दिन ही मुहूर्त मिल पाएंगे.

जुलाई से बंद हो जाएगा शोर : उन्होंने बताया कि देवगुरु बृहस्पति का शुभ कार्यों में अति महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है, लेकिन जब देवगुरु बृहस्पति अस्त होते हैं तो शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है. ऐसी स्थिति में आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी 6 जुलाई से चातुर्थ मास की शुरुआत होगी और 1 नवंबर देवोत्थान एकादशी तक शुभ काम पर प्रतिबंध रहेगा. 1 नवंबर के बाद देवगुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे और शुभ मुहूर्त फिर से रोक दिए जाएंगे.

नवम्बर में कुछ दिन और दिसम्बर में सिर्फ 4 : उन्होंने बताया कि नवंबर में विवाह के मुहूर्त 21 नवंबर से 6 दिसंबर तक मिलेंगे. देवगुरु बृहस्पति 11 दिसंबर को अस्त हो जाएंगे और इसके बाद 2026 में लग्न मुहूर्त शुरू होंगे, यानी नवंबर से दिसंबर के बीच देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने की वजह से इस बार शुभ मुहूर्त कम हो रहे हैं, लेकिन पिछली बार की तुलना में यदि देखा जाए तो विवाह के लिए 7 महीने में 90 मुहूर्त मिल रहे हैं जो 2024 की तुलना में दोनों की गणना के हिसाब से 16 दिन ज्यादा है.

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