लखनऊ: जिले में '181 महिला हेल्पलाइन' के महिला कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. पिछले काफी समय से ये महिला कर्मचारी लखनऊ के ईको गार्डन में धरना स्थल पर अपनी वेतन व सेवाएं बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं. कोई सुनवाई न होने के चलते अब इन महिलाओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से न्याय की गुहार लगाई है. हालांकि अखिलेश यादव से इन महिलाओं की मुलाकात तो नहीं हो सकी, लेकिन यह महिलाएं पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इन महिलाओं का साफ कहना है कि अगर हमारा वेतन और सेवाएं पुनः बहाल नहीं की जाती हैं, तो वह सामुहिक आत्मदाह करने पर बाध्य हो जाएंगी.
181 महिला हेल्पलाइन की महिला कर्मचारियों ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से न्याय की गुहार लगाई है. इन महिला कर्मचारियों का कहना है कि विगत वर्षों में कुल 5 लाख लोगों को सेवा देकर उनमें से तकरीबन 2.50 लाख पीड़ित महिलाओं को बचाकर समाजिक हक दिलाने का उनके द्वार प्रयास किया गया है, लेकिन 181 महिला हेल्पलाइन योजना के बजट का भुगतान न होने के कारण 181 कॉल सेंटर और रेस्क्यू सेवाएं स्थगित हो गई हैं, जिससे इस योजना के अंतर्गत काम करने वाली महिलाओं का घर चलना मुश्किल हो गया है.
इन महिलाओं का आरोप है कि आपदा की इस घड़ी में पिछले कई महीनों से इनकी सेवाएं समाप्त करने के पत्र जारी कर दिए गए हैं. इस सिलसिले में महिला बाल विकास मंत्री, महिला कल्याण अधिकारी, प्रमुख सचिव व उप मुख्यमंत्री समेत तमाम सरकारी नुमाइंदों और अधिकारियों से लाख गुहार लगाने के बावजूद भी अभी पूर्ण रूप से समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है. अपनी मांगों को लेकर इन महिलाओं ने समाजवादी कार्यालय पर पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी न्याय की गुहार लगाने की कोशिश की.
हालांकि अखिलेश यादव की इन महिलाओं से मुलाकात नहीं हो सकी है, लेकिन जानकर सूत्रों की मानें तो इन महिलाओं का मामला पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संज्ञान में है. समाजवादी पार्टी इन महिलाओं की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए कोई कदम उठा सकती है.