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Northern and North Eastern Railway : उत्तर प्रदेश को मिले 17 हजार 507 करोड़, 149 रेलवे स्टेशनों का होगा विकास - केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

आने वाले दिनों में रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों की काया बदली हुई नजर आएगी. इसके तहत यूपी के 149 स्टेशन (Northern and North Eastern Railway) चिन्हित किए गए हैं. इन स्टेशनों को विकसित करने के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है.

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Published : Feb 3, 2023, 10:57 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उन 149 स्टेशनों को चिन्हित किया गया है, जोकि किसी धार्मिक स्थल या ऐतिहासिक रूप में हैं, उन्हें विकसित करने के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है. इनमें खासतौर पर लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, बनारस, गोरखपुर, मुरादाबाद, मेरठ आदि शहरों के स्टेशन हैं. इनमें अधिकांश स्टेशनों का काम शुरू हो गया है. अगले छह महीने के भीतर 50 फीसदी काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस काम को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पूरा करने के लिए सभी डीआरएम को दिशा निर्देश भेज दिए गए हैं. उक्त बातें शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहीं.

उत्तर प्रदेश को मिला 17 हजार 507 करोड़ : रेलमंत्री ने बताया कि 'रेल बजट को दो लाख 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. इनमें उत्तर प्रदेश के हिस्से में 17 हजार 507 करोड़ रुपये आया है, जोकि पिछले रेल बजट 2009 से 2014 के बीच आवंटित हुए 1109 करोड़ रुपये से 17 गुना अधिक का बजट यूपी के खाते में आया है. इन पैसों से नई रेल लाइन, डबल लाइन, नए रेल डिब्बे और रेलवे स्टेशनों को संवारा जाएगा. इस काम को वित्तिय वर्ष 2023-24 तक पूरा करने के लिए सभी डीआरएम को दिशा निर्देश भेज दिए गए हैं.

वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी : वह दिन दूर नहीं जब छोटे-छोटे रेल खंडों पर वंदे मेट्रो ट्रेन चलेगी. इस बात का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि 'जैसे लखनऊ से कानपुर और लखनऊ से सीतापुर रूट पर वंदे मेट्रो ट्रेन चल सकती है. यह ट्रेन शटल सेवा के रूप में चलेगी, जोकि स्टेशन पर 20 से 30 मिनट के अंतराल पर लोगों को मिल सकेगी. इसकी तैयारी शुरू हो गई है. रेल कोच का डिजाइन तैयार कर लिया गया है. उम्मीद है कि अगले रेल बजट में इनके लिए धन आवंटित कराकर मिशन रफ्तार के अंतर्गत दिसंबर 2024 तक इस वंदे मेट्रो योजना को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.'

70 स्टेशन शामिल किए गए : उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की विकास योजनाओं पर खर्च होने वाले बजट के आवंटन के साथ उनकी पिंक बुक भी जारी कर दी गई. अमृत स्टेशन स्कीम में जहां 70 रेलवे स्टेशन शामिल हुए हैं, वहीं अयोध्या तक तेज रेल नेटवर्क के लिए बाराबंकी से अकबरपुर की 161 किलोमीटर की डबलिंग प्राथमिकता से होगी. पिंक बुक में इसके लिए 520 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बाराबंकी से मल्हौर के बीच ट्रेनों की आपरेशन क्षमता दोगुनी होगी. रेलवे ने तीसरी व चौथी 32.84 किमी. की लाइन बिछाने के लिए अगले वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. चलती ट्रेन में टिकट चेकिंग ही नहीं रेलवे की कई सेवाएं देने के लिए टीटीई को मिलने वाले हैंड हेल्ड टर्मिनल के हार्डवेयर व साफ्टवेयर में बदलाव होगा. इसके लिए टोकन मनी के रूप में एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. लखनऊ से वंदे भारत ट्रेन को चलाने के लिए मल्हौर में उसका मेंटनेंस डिपो बनाने के कार्य को भी गति मिलेगी. इसके लिए अबकी 38 करोड़ रुपये रखे गए हैं. पहले चरण में लखनऊ मंडल सहित उत्तर रेलवे के कम ट्रेनों वाले 1563 किलोमीटर रेलखंड पर ट्रेन कोलिजन एवाइडेंस सिस्टम लगेंगे. इस 468 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए टोकन मनी एक हजार रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि शेष बजट जल्द ही जारी होगा.'

दस करोड़ रुपये से बाईपास लाइन बनाई जाएगी : लखनऊ मंडल के 600 रेलवे क्राॅसिंगों पर ओवरब्रिज और अंडरपास बनेगा. एक साल के भीतर लखनऊ मंडल की क्राॅसिंगों का सर्वे कराकर डीपीआर तैयार करेंगे. सभी क्राॅसिंगों पर आरओबी और आरयूबी बनाने के लिए 450 करोड़ रुपये खर्च होगा. रेलवे ने इस बार अपने क्रॉसिंग के कारण लगने वाले जाम की समस्या को दूर करने के लिए क्राॅसिंग बाईपास ओवरब्रिज बनाने का प्लान तैयार किया है. इसके तहत रेलवे लखनऊ मंडल की 600 रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज अंडरपास तैयार करेगा. ऐशबाग से मानकनगर के बीच में 10 करोड़ की लागत से बाईपास तैयार किया जाएगा. इस बाईपास के बनने से इस क्षेत्र के लोगों को जाम से निजात मिलेगा. इस बार रेल बजट में क्राॅसिंग बंद होने पर लोगों के फंसे रहने की समस्या का विशेष ख्याल रखा गया है. पूरे बजट में नौ हजार 392 करोड़ रुपये समपार फाटक यानी रेलवे क्राॅसिंगों को बंद करके ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए जाने के लिए पैसों का आवंटन किया गया है. इस काम के लिए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक सर्वे कराकर डीपीआर यानी डेवलमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने का लक्ष्य रखा गया है.


उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसके सपरा ने बताया कि 'बजट से मिलने वाले पैसों से लखनऊ मंडल की करीब 600 रेलवे क्राॅसिंगों को बंद करके रेलवे ओवरब्रिज या रेलवे अंडरपास बनाया जाएगा. जिसमें साढ़े चार सौ करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है. खास बात यह है कि ओवरब्रिज और अंडरपास की डिजाइन केंद्रीय रेल मंत्रालय ने तैयार किया. उसी डिजाइन पर अंडरपास बनेगा ताकि बारिश का अंदर अंडरपास में न पहुंच सके. वहीं ओवरब्रिज पर साइड में कट होगा. जिससे दो पहिया वाहन आसानी से पूरा ओवरब्रिज पार किए बगैर ही बीच रास्ते से उतर सकेंगे.


डीआरएम ने बताया कि 'लखनऊ मंडल की करीब 600 रेलवे क्राॅसिंगों में से पहले चरण में उन क्राॅसिंगों को चिन्हित किया जाएगा जहां दो लाख से ज्यादा टीयूवी यानी ट्रैफिक यूटिलिटी व्हीकल रोजाना गुजरते हैं. ऐसी क्राॅसिंगों को चिन्हित करके सबसे पहले सर्वे कराकर डीपीआर तैयार कराया जाएगा.' डीआरएम ने बताया कि 'लखनऊ मंडल के अंतर्गत लखनऊ से कानपुर सेक्शन के बीच करीब 36 समपार फाटक है. जिन्हें इस रेल बजट से आरओबी यानी रेलवे ओवरब्रिज या यूओबी यानी अंडर रेलवे पास बनाया जाएगा. इनमें से चार रेलवे क्राॅसिंगों को बंद करके ओवरब्रिज और अंडरपास बनाने का काम शुरू हो गया है. इनमें हरौनी रेलवे स्टेशन के पास, अजगैर रेलवे क्राॅसिंग के अलावा कानपुर सेंटर से सटी हुई दो क्राॅसिंगों पर काम शुरू हो गया है. आरडीएसओ को अनुसंधान, लैब स्थापना आदि के लिए कुल 69.50 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है.


10 लाख से लगेंगे सीसीटीवी : पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए दस लाख रुपये सीसीटीवी के लिए दिए गए हैं. 21 स्टेशनों पर सिग्नलिंग अपग्रेड की जाएगी, चार करोड़ रुपये से ट्रैक की मरम्मत होगी तथा लखनऊ गोंडा के बीच आठ क्रॉसिंगों पर सबवे बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये दिए गए हैं. लखनऊ यार्ड के लिए 28 लाख रुपये दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त अतिक्रमण रोकने के लिए रेलवे बाउंड्री वॉल बनाएगा, जिसके लिए टोकन के रूप में 20 लाख रुपये दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : Deputy CM Brijesh Pathak ने कहा, मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर विकसित होगा बलरामपुर अस्पताल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उन 149 स्टेशनों को चिन्हित किया गया है, जोकि किसी धार्मिक स्थल या ऐतिहासिक रूप में हैं, उन्हें विकसित करने के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है. इनमें खासतौर पर लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, बनारस, गोरखपुर, मुरादाबाद, मेरठ आदि शहरों के स्टेशन हैं. इनमें अधिकांश स्टेशनों का काम शुरू हो गया है. अगले छह महीने के भीतर 50 फीसदी काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस काम को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पूरा करने के लिए सभी डीआरएम को दिशा निर्देश भेज दिए गए हैं. उक्त बातें शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहीं.

उत्तर प्रदेश को मिला 17 हजार 507 करोड़ : रेलमंत्री ने बताया कि 'रेल बजट को दो लाख 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. इनमें उत्तर प्रदेश के हिस्से में 17 हजार 507 करोड़ रुपये आया है, जोकि पिछले रेल बजट 2009 से 2014 के बीच आवंटित हुए 1109 करोड़ रुपये से 17 गुना अधिक का बजट यूपी के खाते में आया है. इन पैसों से नई रेल लाइन, डबल लाइन, नए रेल डिब्बे और रेलवे स्टेशनों को संवारा जाएगा. इस काम को वित्तिय वर्ष 2023-24 तक पूरा करने के लिए सभी डीआरएम को दिशा निर्देश भेज दिए गए हैं.

वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी : वह दिन दूर नहीं जब छोटे-छोटे रेल खंडों पर वंदे मेट्रो ट्रेन चलेगी. इस बात का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि 'जैसे लखनऊ से कानपुर और लखनऊ से सीतापुर रूट पर वंदे मेट्रो ट्रेन चल सकती है. यह ट्रेन शटल सेवा के रूप में चलेगी, जोकि स्टेशन पर 20 से 30 मिनट के अंतराल पर लोगों को मिल सकेगी. इसकी तैयारी शुरू हो गई है. रेल कोच का डिजाइन तैयार कर लिया गया है. उम्मीद है कि अगले रेल बजट में इनके लिए धन आवंटित कराकर मिशन रफ्तार के अंतर्गत दिसंबर 2024 तक इस वंदे मेट्रो योजना को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.'

70 स्टेशन शामिल किए गए : उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की विकास योजनाओं पर खर्च होने वाले बजट के आवंटन के साथ उनकी पिंक बुक भी जारी कर दी गई. अमृत स्टेशन स्कीम में जहां 70 रेलवे स्टेशन शामिल हुए हैं, वहीं अयोध्या तक तेज रेल नेटवर्क के लिए बाराबंकी से अकबरपुर की 161 किलोमीटर की डबलिंग प्राथमिकता से होगी. पिंक बुक में इसके लिए 520 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बाराबंकी से मल्हौर के बीच ट्रेनों की आपरेशन क्षमता दोगुनी होगी. रेलवे ने तीसरी व चौथी 32.84 किमी. की लाइन बिछाने के लिए अगले वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. चलती ट्रेन में टिकट चेकिंग ही नहीं रेलवे की कई सेवाएं देने के लिए टीटीई को मिलने वाले हैंड हेल्ड टर्मिनल के हार्डवेयर व साफ्टवेयर में बदलाव होगा. इसके लिए टोकन मनी के रूप में एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. लखनऊ से वंदे भारत ट्रेन को चलाने के लिए मल्हौर में उसका मेंटनेंस डिपो बनाने के कार्य को भी गति मिलेगी. इसके लिए अबकी 38 करोड़ रुपये रखे गए हैं. पहले चरण में लखनऊ मंडल सहित उत्तर रेलवे के कम ट्रेनों वाले 1563 किलोमीटर रेलखंड पर ट्रेन कोलिजन एवाइडेंस सिस्टम लगेंगे. इस 468 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए टोकन मनी एक हजार रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि शेष बजट जल्द ही जारी होगा.'

दस करोड़ रुपये से बाईपास लाइन बनाई जाएगी : लखनऊ मंडल के 600 रेलवे क्राॅसिंगों पर ओवरब्रिज और अंडरपास बनेगा. एक साल के भीतर लखनऊ मंडल की क्राॅसिंगों का सर्वे कराकर डीपीआर तैयार करेंगे. सभी क्राॅसिंगों पर आरओबी और आरयूबी बनाने के लिए 450 करोड़ रुपये खर्च होगा. रेलवे ने इस बार अपने क्रॉसिंग के कारण लगने वाले जाम की समस्या को दूर करने के लिए क्राॅसिंग बाईपास ओवरब्रिज बनाने का प्लान तैयार किया है. इसके तहत रेलवे लखनऊ मंडल की 600 रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज अंडरपास तैयार करेगा. ऐशबाग से मानकनगर के बीच में 10 करोड़ की लागत से बाईपास तैयार किया जाएगा. इस बाईपास के बनने से इस क्षेत्र के लोगों को जाम से निजात मिलेगा. इस बार रेल बजट में क्राॅसिंग बंद होने पर लोगों के फंसे रहने की समस्या का विशेष ख्याल रखा गया है. पूरे बजट में नौ हजार 392 करोड़ रुपये समपार फाटक यानी रेलवे क्राॅसिंगों को बंद करके ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए जाने के लिए पैसों का आवंटन किया गया है. इस काम के लिए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक सर्वे कराकर डीपीआर यानी डेवलमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनने का लक्ष्य रखा गया है.


उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसके सपरा ने बताया कि 'बजट से मिलने वाले पैसों से लखनऊ मंडल की करीब 600 रेलवे क्राॅसिंगों को बंद करके रेलवे ओवरब्रिज या रेलवे अंडरपास बनाया जाएगा. जिसमें साढ़े चार सौ करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है. खास बात यह है कि ओवरब्रिज और अंडरपास की डिजाइन केंद्रीय रेल मंत्रालय ने तैयार किया. उसी डिजाइन पर अंडरपास बनेगा ताकि बारिश का अंदर अंडरपास में न पहुंच सके. वहीं ओवरब्रिज पर साइड में कट होगा. जिससे दो पहिया वाहन आसानी से पूरा ओवरब्रिज पार किए बगैर ही बीच रास्ते से उतर सकेंगे.


डीआरएम ने बताया कि 'लखनऊ मंडल की करीब 600 रेलवे क्राॅसिंगों में से पहले चरण में उन क्राॅसिंगों को चिन्हित किया जाएगा जहां दो लाख से ज्यादा टीयूवी यानी ट्रैफिक यूटिलिटी व्हीकल रोजाना गुजरते हैं. ऐसी क्राॅसिंगों को चिन्हित करके सबसे पहले सर्वे कराकर डीपीआर तैयार कराया जाएगा.' डीआरएम ने बताया कि 'लखनऊ मंडल के अंतर्गत लखनऊ से कानपुर सेक्शन के बीच करीब 36 समपार फाटक है. जिन्हें इस रेल बजट से आरओबी यानी रेलवे ओवरब्रिज या यूओबी यानी अंडर रेलवे पास बनाया जाएगा. इनमें से चार रेलवे क्राॅसिंगों को बंद करके ओवरब्रिज और अंडरपास बनाने का काम शुरू हो गया है. इनमें हरौनी रेलवे स्टेशन के पास, अजगैर रेलवे क्राॅसिंग के अलावा कानपुर सेंटर से सटी हुई दो क्राॅसिंगों पर काम शुरू हो गया है. आरडीएसओ को अनुसंधान, लैब स्थापना आदि के लिए कुल 69.50 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है.


10 लाख से लगेंगे सीसीटीवी : पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए दस लाख रुपये सीसीटीवी के लिए दिए गए हैं. 21 स्टेशनों पर सिग्नलिंग अपग्रेड की जाएगी, चार करोड़ रुपये से ट्रैक की मरम्मत होगी तथा लखनऊ गोंडा के बीच आठ क्रॉसिंगों पर सबवे बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये दिए गए हैं. लखनऊ यार्ड के लिए 28 लाख रुपये दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त अतिक्रमण रोकने के लिए रेलवे बाउंड्री वॉल बनाएगा, जिसके लिए टोकन के रूप में 20 लाख रुपये दिए गए हैं.

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