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आकर्षण का केंद्र रही थर्माकोल से बनी कार, गाड़ियों के पार्ट्स से बने कैमरामैन ने भी मनमोहा

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Published : Dec 24, 2022, 2:01 PM IST

कला एवं शिल्प महाविद्यालय में 111वां स्थापना दिवस का आयोजन हुआ. इस अवसर पर महाविद्यालय में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ. महाविद्यालय का प्रांगण आकर्षक कलाकृतियों से खूबसूरत लग रहा था. छात्र-छात्राओं के आकर्षक रॉयल बुकाटी (टाइप 41) का थर्माकोल का मॉडल सभी छात्रों व अतिथियों के बीच में आकर्षण का केंद्र बना रहा.

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लखनऊ : कला एवं शिल्प महाविद्यालय में 111वां स्थापना दिवस का आयोजन हुआ. इस अवसर पर महाविद्यालय में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ. महाविद्यालय का प्रांगण आकर्षक कलाकृतियों से खूबसूरत लग रहा था. छात्र-छात्राओं के आकर्षक रॉयल बुकाटी (टाइप 41) का थर्माकोल का मॉडल सभी छात्रों व अतिथियों के बीच में आकर्षण का केंद्र बना रहा. इसके अलावा कबाड़ से जुगाड़ के रूप में तैयार तितली और गाड़ियों के पार्ट्स से बना कैमरामैन आकर्षित करने वाला था. कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विकास अवस्थी व नीतू सिंह ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किया.

स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन गन्ना व चीनी राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार ने किया. संजय सिंह ने छात्र-छात्राओं की बनाई कलाकृतियां देखीं और प्रशंसा की. उन्होंने कला के विद्यार्थियों से कहा कि कला और कलाकार समाज को दिशा देने का काम करते हैं. गुजरात में विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की है. जिसे कलाकारों ने ही बनाया और इससे पूरी दुनिया में संदेश गया. उन्होंने कहा कि कला महाविद्यालय की परम्परा बहुत पुरानी है. यहां को वित्तीय सहायता दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करूंगा. संस्थान को विरासत को सहेजने के लिए वित्तीय मदद आवश्यकता है. जिसे दिलाने की पूरी कोशिश करूंगा. उन्होंने कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलाकारों की बनाई मूर्तियां सिर्फ बोल नहीं सकती हैं. प्रत्येक मूर्ति कलाकारों की बेजोड़ कला का नमूना है. इस मौके पर राज्यमंत्री ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश का कानून मॉडल आज पूरे देश में अपनाया जा रहा है. महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रतन कुमार ने बताया कि स्थापना दिवस के महाविद्यालय के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने मिलकर इस परिसर को सजाया है. जो बताता है हर कोई भावनात्मक रूप से महाविद्यालय के साथ जुड़ा हुआ है. समारोह में प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें लगभग 500 कलाकृतियों को शामिल किया गया.

स्थापना दिवस समारोह में बड़ी संख्या में पूर्व छात्र-छात्राएं शामिल हुए. समारोह की शुरुआत दोपहर 12 बजे होनी थी, लेकिन पूर्व और वर्तमान विद्यार्थी सुबह जल्दी ही परिसर में पंहुच गए और तैयारियों को अन्तिम रूप देने में लग गए. रंगोली से लेकर मेहमानों के स्वागत की तैयारियां सभी छात्र-छात्राओं ने पूरी की. साथ ही सभी पूर्व और वर्तमान छात्र यादों को सहेजने के लिए सेल्फी लेने से भी नहीं चूके.

यह भी पढ़ें : रिमांड में फिरदौस ने उगले कई राज, वीरेंद्र की हत्या करने के बाद फिरदौस पहुंचा था पुरानी यूनिवर्सिटी

लखनऊ : कला एवं शिल्प महाविद्यालय में 111वां स्थापना दिवस का आयोजन हुआ. इस अवसर पर महाविद्यालय में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ. महाविद्यालय का प्रांगण आकर्षक कलाकृतियों से खूबसूरत लग रहा था. छात्र-छात्राओं के आकर्षक रॉयल बुकाटी (टाइप 41) का थर्माकोल का मॉडल सभी छात्रों व अतिथियों के बीच में आकर्षण का केंद्र बना रहा. इसके अलावा कबाड़ से जुगाड़ के रूप में तैयार तितली और गाड़ियों के पार्ट्स से बना कैमरामैन आकर्षित करने वाला था. कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विकास अवस्थी व नीतू सिंह ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किया.

स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन गन्ना व चीनी राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार ने किया. संजय सिंह ने छात्र-छात्राओं की बनाई कलाकृतियां देखीं और प्रशंसा की. उन्होंने कला के विद्यार्थियों से कहा कि कला और कलाकार समाज को दिशा देने का काम करते हैं. गुजरात में विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की है. जिसे कलाकारों ने ही बनाया और इससे पूरी दुनिया में संदेश गया. उन्होंने कहा कि कला महाविद्यालय की परम्परा बहुत पुरानी है. यहां को वित्तीय सहायता दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करूंगा. संस्थान को विरासत को सहेजने के लिए वित्तीय मदद आवश्यकता है. जिसे दिलाने की पूरी कोशिश करूंगा. उन्होंने कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलाकारों की बनाई मूर्तियां सिर्फ बोल नहीं सकती हैं. प्रत्येक मूर्ति कलाकारों की बेजोड़ कला का नमूना है. इस मौके पर राज्यमंत्री ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश का कानून मॉडल आज पूरे देश में अपनाया जा रहा है. महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रतन कुमार ने बताया कि स्थापना दिवस के महाविद्यालय के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने मिलकर इस परिसर को सजाया है. जो बताता है हर कोई भावनात्मक रूप से महाविद्यालय के साथ जुड़ा हुआ है. समारोह में प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें लगभग 500 कलाकृतियों को शामिल किया गया.

स्थापना दिवस समारोह में बड़ी संख्या में पूर्व छात्र-छात्राएं शामिल हुए. समारोह की शुरुआत दोपहर 12 बजे होनी थी, लेकिन पूर्व और वर्तमान विद्यार्थी सुबह जल्दी ही परिसर में पंहुच गए और तैयारियों को अन्तिम रूप देने में लग गए. रंगोली से लेकर मेहमानों के स्वागत की तैयारियां सभी छात्र-छात्राओं ने पूरी की. साथ ही सभी पूर्व और वर्तमान छात्र यादों को सहेजने के लिए सेल्फी लेने से भी नहीं चूके.

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