लखनऊ: राजधानी में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. अस्पतालों में न तो बेड है और न ही वेंटिलेटर. सबसे दुखद तो यह है कि मरीजों को लाने और ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिल रही है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में मरीज इलाज के अभाव में अस्पतालों में लगातार दम तोड़ रहे हैं. गुरुवार देर रात तक लखनऊ के भैसा कुंड और गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार के लिए 108 डेड बॉडी पहुंची.
राजधानी में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. यही कारण है कि इस संक्रमण से लगातार मौतें भी हो रही हैं, जिसके कारण श्मशान घाटों पर लगातार भीड़ बढ़ रही है. विगत सप्ताह से ही लगातार श्मशान घाटों पर लाइन लगने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. हालांकि नगर निगम ने कई प्लेटफार्म में भी बना दिए हैं. बावजूद इसके लगातार जिस तरह से बड़ी संख्या में श्मशान घाटों पर डेड बॉडी आ रही हैं. ऐसे में नगर निगम के संसाधन सीमित साबित हो रहे हैं. यही कारण है कि श्मशान घाटों पर लकड़ियां भी खत्म हो गई ऐसे में परिजनों को ही लकड़ियों की भी व्यवस्था करनी पड़ रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि गुरुवार देर रात्रि तक भैसा कुंड व गुलाला घाट पर 108 डेड बॉडी आई, जिसमें से 67 डेड बॉडी का अंतिम संस्कार भैसा कुंड पर किया गया. जबकि 41 डेड बॉडी का अंतिम संस्कार गुलाला घाट पर किया गया. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि घाटों पर लकड़ियों की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है, जिससे कि अंतिम संस्कार कराने आने वाले लोगों को किस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
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15 दिन में 15 ईसाइयों की मौत
जहां श्मशान घाट पर लोगों को अंतिम संस्कार कराने के लिए लाइन लगी है. वहीं ईसाई धर्मगुरु कैथ्रेडल चर्च के फादर जॉन डिसूजा ने बताया कि 15 दिन के भीतर 15 मौतें हुई हैं. इन सभी ईसाई समाज के लोगों को दफना दिया गया है. ईसाई समाज के दो कब्रिस्तान है, जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन लोगों को दफनाया गया है.