ललितपुरः जिले में सरकार की महत्वपूर्ण योजना के तहत गौ संरक्षण के गौशालाओं का निर्माण हुआ है. ललितपुर को उत्तर प्रदेश में इस योजना का आइकॉन बनाया गया, लेकिन अब यहां बैठे अधिकारियों ने इस अपनी कमाई का जरिया बना लिया है. प्रभारी जिला पशु चिकित्सा अधिकारी सुरेश पांडये का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में वह एक ठेकेदार से टेंडर दिलाने के एवज में 3 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
बता दें कि ललितपुर जिले में कुल 27 गोशाला हैं. उन गोशालाओ में कुल 29,401 पशु हैं. जिसमें 30 रुपये प्रतिदिन एक जानवर पर भूसा, चूनी, साइलेज पर खर्च होता है. कुल गोवंशों के सापेक्ष 8 लाख 82 हजार 30 रुपये खर्च किये जाते हैं. आपूर्ति के लिए भूसा और चूनी व साइलेज का आपूर्ति के लिए टेंडर निकाले जाते हैं. जिलाधिकारी आलोक सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो संज्ञान में आया है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.
दो दिन पहले पशुओं में गोलमाल को लेकर जिलाधिकारी ने मांगा स्पष्टीकरण
अमझरा गोवंश आश्रय स्थल पर पशुओं की संख्या में गोलमाल पर डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है. इस गोलमाल का खुलासा तब हुआ सीवीओ ने अपनी रिपोर्ट में आश्रय स्थल में पशुओं की संख्या गणना रिपोर्ट से कम दर्ज कर दी. अमझरा घाटी गोवंश आश्रय स्थल की 17 मई 2023 की पशु गणना रिपोर्ट में सीवीओ ने पशुओं की संख्या 7,130 बताई.
इसके बाद उन्होंने 24 मई 2023 को गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण में उन्होंने वहां मौजूदा पशुओं की संख्या को 5,551 बताया. इन दोनों रिपोर्ट में 1,579 पशुओं की संख्या का अंतर आ रहा है. सीवीओ की यह रिपोर्ट वायरल हो गई. अब डीएम ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सीवीओ से स्पष्टीकरण तलब किया है.
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