लखीमपुर खीरी: जिले के तिकोनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में भाजपा कार्यकर्ता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने जांच तेज कर दी है. गौरतलब है कि रविवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि तीन अक्टूबर की घटना पुलिस और प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई थी. हिंसा में मारे गये भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अजय मिश्रा ने पुलिस प्रशासन पर सीधा आरोप लगाया था. अब हिंसा मामले में पुलिस ने भी अपनी जांच तेज करते हुए 22 किसानों को नोटिस देकर समन जारी किया है. इनमें से 5 किसान सोमवार दोपहर को एसआईटी दफ्तर में एसआईटी के सवालों के जवाब देने के लिए हाजिर हुए. इसके बाद एक-एक करके करीब 10 से अधिक किसानों ने देर शाम तक अपने बयान दर्ज कराए. वकीलों को लेकर पहुंचे इन किसानों से एसआईटी पूछताछ कर रही है.
करीब 11 बजे पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच दफ्तर में किसान कमलजीत सिंह, गुरवन्त सिंह, रूप सिंह, परगट सिंह और गुरमीत सिंह सिख संगठन के अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क अपने वकील मोहम्मद अमान के साथ पहुंचे. एसआईटी दफ्तर में पांचों किसानों से एसआईटी के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल एक-एक करके बुलाकर पूछताछ कर रहे हैं. किसानों के वकील मोहम्मद अमान ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल उर्फ मोदी ने जो तहरीर देकर एफआईआर कराई है, उसी के सिलसिले में एसआईटी ने 22 किसानों को नोटिस जारी किया है.
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किसानों पर गाड़ी चढ़ने के मामले में एक प्रमुख चश्मदीद सुमित जायसवाल उर्फ मोदी की 15 दिन बाद भी पुलिस को कोई लोकेशन नहीं मिल पाई है. पुलिस सुमित जायसवाल को तेजी से तलाश रही है. 3 अक्टूबर के बाद से सुमित मोदी लापता है. बता दें कि तीन अक्टूबर को घटना वाले दिन सुमित मोदी थार से भागता दिखा था, उसके अगले दिन कुछ मीडिया चैनल पर लाइव डिबेट में भी सुमित मोदी ने हिस्सा लिया, इसके बाद से उसका पता नहीं चल पाया है. पुलिस को सुमित मोदी और घटना के वक्त फॉर्च्यूनर में सवार सत्यम त्रिपाठी की भी तलाश है. यह दोनों इस घटना के प्रमुख चश्मदीद हैं और इनकी गिरफ्तारी के बाद कई बड़े राज खुल सकते हैं.