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लखीमपुर खीरी: इस बार लम्बाई नापकर खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा

लखीमपुर खीरी समेत यूपी के 11 जिलों को आईडीए श्रेणी में रखा गया है, जिसके तहत इस बार फाइलेरिया की दवा लोगों को दी जाएगी. ये दवाएं फाइलेरिया के लिए गेम चेंजर साबित होगीं. फाइलेरिया के साथ-साथ कुछ और दवाएं भी लोगों को खिलाई जाएंगी, जिससे लोग एनीमिया सहित कई और बीमारियों से बच सकें.

लखीमपुर:इस बार लम्बाई नापकर खिलाई जाएगी गेम चेंजर फाइलेरिया की दवा
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Published : Nov 25, 2019, 1:33 AM IST

लखीमपुर: इस बार यूपी में फाइलेरिया की दवा गेम चेंजर साबित होगी, क्योंकि फाइलेरिया के साथ-साथ कुछ और दवाएं भी लोगों को खिलाई जाएंगी, जिससे इसके रोगियों में कमी आएगी. खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और सीएमओ मनोज अग्रवाल समेत तमाम अफसरों ने रविवार को फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ ली.

अधिकारियों ने फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ ली.
फाइलेरिया से बचने के लिए देश भर में भारत सरकार एक बड़ा अभियान डब्लूएचओ के साथ मिलकर चला रही है. बता दें कि ये बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इसे आम बोल-चाल की भाषा में पीलपांव या हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है.
गेम चेंजर होंगी दवाएं
फाइलेरिया से बचने के लिए लोगों को अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमेक्टिन नाम की दवाएं दी जाएगी, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुल 3931 टीमें खीरी जिले में बनाई हैं. इसमें 687 सुपरवाइजर हैं और 7866 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्त की गई है. ये भी ध्यान दिया जाएगा कि ये दवाएं 2 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को न खिलाई जाए.

लखीमपुर: इस बार यूपी में फाइलेरिया की दवा गेम चेंजर साबित होगी, क्योंकि फाइलेरिया के साथ-साथ कुछ और दवाएं भी लोगों को खिलाई जाएंगी, जिससे इसके रोगियों में कमी आएगी. खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और सीएमओ मनोज अग्रवाल समेत तमाम अफसरों ने रविवार को फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ ली.

अधिकारियों ने फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ ली.
फाइलेरिया से बचने के लिए देश भर में भारत सरकार एक बड़ा अभियान डब्लूएचओ के साथ मिलकर चला रही है. बता दें कि ये बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इसे आम बोल-चाल की भाषा में पीलपांव या हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है.
गेम चेंजर होंगी दवाएं
फाइलेरिया से बचने के लिए लोगों को अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमेक्टिन नाम की दवाएं दी जाएगी, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुल 3931 टीमें खीरी जिले में बनाई हैं. इसमें 687 सुपरवाइजर हैं और 7866 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्त की गई है. ये भी ध्यान दिया जाएगा कि ये दवाएं 2 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को न खिलाई जाए.
Intro:लखीमपुर- इस बार यूपी में फाइलेरिया की दवा गेम चेंजर साबित होगी क्योंकि फाइलेरिया के साथ-साथ कुछ और दवाएं भी लोगों को खिलाई जाएंगी जिससे फाइलेरिया के रोग से तो लोग बचेंगे ही वहीं एनीमिया और कई और बीमारियों से लड़ने की शक्ति दवा खाने वालों को मिलेगी। इस बार खीरी समेत यूपी के 11 जिलों को आईडीए श्रेणी में रखा गया है। इन जिलों में तीन दवाएं एक साथ खिलाई जाएँगी।
खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और सीएमओ मनोज अग्रवाल समेत तमाम अफसरों ने फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ ली। भारत सरकार डब्लूएचओ के साथ मिलकर इस विशेष फाइलेरिया अभियान को चला रही है।


Body:मच्छर काटने से होती है फाइलेरिया बीमारी
फाइलेरिया की बीमारी मच्छर काटने से होती है। फाइलेरिया बीमारी को पीलपाँव हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है।
भारत को फाइलेरिया मुक्त करने के लिए इस बार यूपी के 11 जनपदों में विशेष अभियान आईडीए कार्यक्रम के तहत तीन दवाओं को एक साथ लोगों को खिलाया जाएगा। इसमें अल्बेंडाजोल,डीईसी और आइवरमेक्टिन शामिल है। इससे रक्त अल्पता भी दूर होगी।
इनको नहीं खानी है दवा
फाइलेरिया की दवा 2 वर्ष तक के बच्चों को गर्भवती महिलाओं को और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को नहीं खानी है स्वास्थ्य विभाग की खीरी जिले में कुल 3931 टीमें बनाई गई हैं जिसमें 687 सुपरवाइजर है। करीब 46 लाख की आबादी को वाले खीरी जिले में इस दवा को खिलाने के लिए 7866 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए गए हैं।



Conclusion:फाइलेरिया से बचने के लिए देशभर में सरकार वड़ा अभियान चला रही। इसमें सबकी सहभागिता जरूरी। आप सब 25 नवम्बर को इस महाअभियान में शामिल हों। इस बार तीन दवाएँ एक साथ खिलाई जा रहीं। लोग खुद इन दवाओं को खाएं,स्वास्थ्य विभाग की टीम आपके घर घर जाकर दवा खिलाएगी।
शैलेन्द्र कुमार सिंह (डीएम खीरी)

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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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