लखीमपुर खीरी: दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा किसानों से मिलने लखीमपुर खीरी पहुंच गए हैं. बता दें कि मनजिंदर सिंह सिरसा किसानों से मिलने के लिए जब दिल्ली से रवाना हुए तो रात में उन्हें पीलीभीत जिले में रोक कर बरेली ले जाया गया था, लेकिन किसानों के भारी दबाव के चलते राम में ही पुलिस को उन्हें छोड़ना पड़ा, जिसके बाद वह पलिया पहुंचे.
जिले में डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और एसपी विजय ढुल को जब खबर लगी कि मनजिंदर सिंह सिरसा पलिया पहुंच गए हैं तो वह भी उनसे मिलने और मनाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित पलिया इलाके में पहुंच गए. यहां से डीएम और एसपी मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ निघासन गए. निघासन में गुरुद्वारे में मत्था टेक सिरसा ने गेस्ट हाउस में डीएम-एसपी के साथ बैठक की. इस दौरान मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रशासन द्वारा जबरन रोकने पर एतराज जताया और किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों को न कुचलने की बात कही.
सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली ले खीरी से दिल्ली रवाना हुए किसान
यूपी में सरकारी पहरे के बीच हजारों की तादाद में किसान दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर-ट्राली परेड में शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी जिले से रवाना हो चुके हैं. मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रशासन से अपील की है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से किसानों को जाने दें. किसानों को रोकने की कवायद न करें.
बता दें कि निघासन गेस्ट हाउस में डीएम-एसपी से बातचीत के बाद करीब दो दर्जन से ज्यादा फोर व्हीलर और इतने ही ट्रैक्टर-ट्राली को लेकर किसान मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ ही दिल्ली की ओर रवाना हो गए हैं. किसानों को सुरक्षित खीरी जिले के बॉर्डर से निकालने के लिए किसानों की युवा ब्रिगेड भी साथ-साथ मोटरसाइकिल से उनको पायलट करते हुए जा रही है. हालांकि मनजिंदर सिंह सिरसा को मनाने की कोशिश डीएम और एसपी द्वारा अभी की जा रही है.
एक हजार किसानों को दी गई शांतिभंग की नोटिस
जिले की पुलिस ने करीब एक हजार किसानों और प्रधानों को शांतिभंग की आशंका की नोटिस दी है. माना जा रहा है कि प्रशासन की कवायद किसान आंदोलन को रोकने की है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान दिल्ली में होने वाली ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने न जा सकें. किसानों को पचास हजार की जगह एक लाख के निजी मुचलका भरने की बात भी कही गई है. इन सबके बीच किसानों का जोश कहीं ठंडा होता नहीं दिख रहा है. सैकड़ों की तादाद में जिले से किसान दिल्ली जाने के लिए कमर कस चुके हैं. ट्रैक्टर-ट्राली तैयार हैं. कुछ किसान निकल गए हैं तो कुछ और जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं.
एडीजी फायर और आईजी ने संभाली जिले की कमान
किसान आंदोलन को रोकने के लिए यूपी पुलिस पूरी ताकत झोंके है. एडीजी फायर को खीरी जिले में भेजा गया है. वही आईजी लक्ष्मी सिंह भी खीरी पहुंच गई हैं. आईजी बराबर खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसपी विजय ढुल के साथ मिलकर रणनीति बना रही हैं कि किसानों को कैसे दिल्ली जाने से रोका जाए.
जिले के बॉर्डर पर लगे बैरियर, पुलिस-पीएसी का पहरा
किसान आंदोलन के चलते खीरी जिले में जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं, जिससे बहराइच और पूर्वांचल के अन्य जिलों से किसान खीरी होकर दिल्ली में न पहुंच जाए. जिले के प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैद है. सीओ से लेकर सिपाही और डीएम-एसपी तक बराबर किसानों के संपर्क में हैं. किसानों को समझाया जा रहा है कि वो दिल्ली न जाएं, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं. किसान नेताओं का कहना है कि उनको धमकाया जा रहा है. उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. वह दिल्ली अपने हक मांगने के लिए जा रहे हैं. नेताओं ने कई किसानों को पुलिस द्वारा नजरबंद करने का आरोप भी लगाया है.