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लखीमपुर खीरी: बकरी के लालच में फंसा खूंखार तेंदुआ

यूपी के लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक खूंखार तेंदुआ बकरी की लालच में पिंजरे में फंस गया. पिंजरे को जल्द ही नेचुरल हैबिटेट में छोड़ा जाएगा.

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Published : Nov 19, 2019, 11:55 PM IST

फंसा खूंखार तेंदुआ.

लखीमपुर खीरी: कहते हैं, लालच बुरी बला है. जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक तेंदुआ कई दिनों से करीब 20 हजार से ज्यादा आबादी को खौफजदा किए था, जो बकरी की लालच में पिंजरे में फंस गया. करीब 15 दिनों से तेंदुआ इलाके के गनापुर गांव और आसपास के गांवों में खौफ फैलाए हुए था. ये तेंदुआ कभी किसी की बकरी उठा ले जाता तो कभी किसी का कुत्ता. गांव वालों को चिंता तब हुई जब एक बच्चे को इस खूंखार तेंदुए ने मार डाला. दुधवा बफर जोन के अफसरों ने पहले तेंदुए की पगमार्क से पहचान की और फिर डब्ल्यूटीआई की मदद से पिंजरा लगाया.

फंसा खूंखार तेंदुआ.
एक दिन चट कर गया था बकरा
गनापुर में खौफ का पर्याय बना तेंदुआ एक दिन वन विभाग के 'बेट' यानी पिंजरे में लगाया शिकार को ही चट कर गया था. वन विभाग दरअसल खूंखार बाघों और तेंदुओं को फंसाने के लिए पिंजरे में एक बकरी बांध देता है. फिर इस पिंजरे को घास फूंस से ढ़क दिया जाता है.

तेंदुआ बकरी के लालच में पिंजरे में जैसे ही घुसता है, पिंजरा वैसे ही बन्द हो जाता है और तेंदुआ फंस जाता है, पर धौरहरा इलाके के इस खूंखार तेंदुए ने एक दिन इतनी चालाकी से पिंजरे में बंधी बकरी को चट कर डाला कि तेंदुआ फंसा भी नहीं और 'बेट' भी चट हो गया.

दुधवा में छोड़ा जाएगा पकड़ा गया तेंदुआ
धौरहरा इलाके में एक दिन बकरी खा गया, लालची तेंदुए को पकड़ने के बाद अब उसे दुधवा टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा. बफर जोन के डीएफओ डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया.

तेंदुआ बिल्कुल स्वस्थ है. पीसीसीएफ की अनुमति मिलने के बाद अब तेंदुए को दुधवा टाइगर रिजर्व में मंगलवार रात को ही छोड़ा जाएगा. पिंजरे में फंसा तेंदुआ बार-बार आक्रामक हो रहा. उसे चोट न लग जाए इसलिए जल्द ही उसे नेचुरल हैबिटेट में छोड़ा जाएगा.


इसे भी पढ़ें:- लखीमपुर: चार साल की बच्ची से दुष्कर्म की वारदात, आरोपी गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी: कहते हैं, लालच बुरी बला है. जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक तेंदुआ कई दिनों से करीब 20 हजार से ज्यादा आबादी को खौफजदा किए था, जो बकरी की लालच में पिंजरे में फंस गया. करीब 15 दिनों से तेंदुआ इलाके के गनापुर गांव और आसपास के गांवों में खौफ फैलाए हुए था. ये तेंदुआ कभी किसी की बकरी उठा ले जाता तो कभी किसी का कुत्ता. गांव वालों को चिंता तब हुई जब एक बच्चे को इस खूंखार तेंदुए ने मार डाला. दुधवा बफर जोन के अफसरों ने पहले तेंदुए की पगमार्क से पहचान की और फिर डब्ल्यूटीआई की मदद से पिंजरा लगाया.

फंसा खूंखार तेंदुआ.
एक दिन चट कर गया था बकरा
गनापुर में खौफ का पर्याय बना तेंदुआ एक दिन वन विभाग के 'बेट' यानी पिंजरे में लगाया शिकार को ही चट कर गया था. वन विभाग दरअसल खूंखार बाघों और तेंदुओं को फंसाने के लिए पिंजरे में एक बकरी बांध देता है. फिर इस पिंजरे को घास फूंस से ढ़क दिया जाता है.

तेंदुआ बकरी के लालच में पिंजरे में जैसे ही घुसता है, पिंजरा वैसे ही बन्द हो जाता है और तेंदुआ फंस जाता है, पर धौरहरा इलाके के इस खूंखार तेंदुए ने एक दिन इतनी चालाकी से पिंजरे में बंधी बकरी को चट कर डाला कि तेंदुआ फंसा भी नहीं और 'बेट' भी चट हो गया.

दुधवा में छोड़ा जाएगा पकड़ा गया तेंदुआ
धौरहरा इलाके में एक दिन बकरी खा गया, लालची तेंदुए को पकड़ने के बाद अब उसे दुधवा टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा. बफर जोन के डीएफओ डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया.

तेंदुआ बिल्कुल स्वस्थ है. पीसीसीएफ की अनुमति मिलने के बाद अब तेंदुए को दुधवा टाइगर रिजर्व में मंगलवार रात को ही छोड़ा जाएगा. पिंजरे में फंसा तेंदुआ बार-बार आक्रामक हो रहा. उसे चोट न लग जाए इसलिए जल्द ही उसे नेचुरल हैबिटेट में छोड़ा जाएगा.


इसे भी पढ़ें:- लखीमपुर: चार साल की बच्ची से दुष्कर्म की वारदात, आरोपी गिरफ्तार

Intro:लखीमपुर-कहते हैं कि लालच बुरी बल है कुछ ऐसा ही देखने को मिला लखीमपुर खीरी जिले में जहाँ एक खूँखार तेंदुआ बकरी के लालच में पिंजरे में कैद हो गया।
दरसल खीरी जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक तेंदुआ कई दिनों से करीब 20 हजार से ज्यादा आबादी को खौफजदा किए था। करीब 15 दिनों से तेंदुआ इलाके के गनापुर गाँव और आसपास के गाँवो में खौफ का पर्याय बन था। ये तेंदुआ कभी किसी की बकरी उठा ले जाता कभी कुत्ता। तो कभी भैंस का पड्डा। गाँव वालों को चिंता तब हुई जब एक बच्चे को इस खूँखार तेंदुए ने खा डाला। दुधवा बफर जोन के अफसरों ने पहले तेंदुए की पगमार्क से पहचान किया फिर डब्ल्यूटीआई की मदद से पिंजरा लगाया।
Body:एक दिन चट कर गया था बकरा
गनापुर में खौफ का पर्याय बना तेंदुआ एक दिन वन विभाग के 'बेट' यानी पिंजरे में लगाया शिकार को ही चट कर गया था। वन विभाग दरसल खूँखार बाघों और तेंदुओं को फँसाने के लिए पिंजरे में एक बकरी बांध देता है। फिर इस पिंजरे को घास फूस से ढक दिया जाता है। तेंदुआ बकरी त बकरे के लालच में पिंजरे में जैसे ही घुसता है। पिंजरा बन्द हो जाता है। और तेंदुआ फँस जाता। पर धौरहरा इलाके के इस खूँखार तेंदुए ने एक दिन इतनी चालाकी से पिंजरे में बंधी बकरी को चट कर डाला कि तेंदुआ फँसा भी नहीं और 'बेट' भी चट हो गया।
Conclusion:दुधवा में छोड़ा जाएगा पकड़ा गया तेंदुआ
धौरहरा इलाके में एक दिन बकरी खा गया लालची तेंदुए की गिरफ्तारी के बाद अब उसे दुधवा टाइगर रिजर्व के घने जँगलो में छोड़ा जाएगा। बफर जोन के डीएफओ डॉ अनिल पटेल ने बताया कि तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया। तेंदुआ बिल्कुल स्वस्थ है। पीसीसीएफ की अनुमति मिलने के बाद अब तेंदुए को दुधवा टाइगर रिजर्व में मंगलवार रात को ही छोड़ा जाएगा। पिंजरे में फँसा तेंदुआ बार बार आक्रामक हो रहा। उसे चोट न लग जाए इसलिए जन्द ही उसे नेचुरल हैबिटेट में छोड़ा जाएगा।
बाइट-डॉ अनिल पटेल (डीएफओ बफर जोन)
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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