लखीमपुर: आरोपी सुमित जायसवाल की जमानत को लेकर प्रार्थना पत्र जिला जज की अदालत में दिया था. जिला शासकीय अधिवक्ता अरविन्द त्रिपाठी ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील अवधेश कुमार सिंह ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Violence Case) में आरोपी सुमित की जमानत को लेकर जिला जज ने सुनवाई के लिए 1 दिसंबर की तारीख तय की है.
आरोप है कि आरोपी सुमित जायसवाल तीन अक्टूबर को तिकुनिया में गाड़ी चढाकर किसानों की हत्या के दौरान गृह राज्य मंत्री के बेटा आशीष मिश्र की थार में सवार था. सुमित जायसवाल का कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें कहा गया था कि थार से निकलकर भागने वाला शख्स सुमित जायसवाल था. सुमित की तहरीर पर ही लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में चार किसान जेल में हैं.
सुमित जायसवाल की जमानत पर सुनवाई के लिए जिला जज ने 1 दिसम्बर की तारीख तय की है. जिला जज ने अभियोजन से सभी कागजात और रिपोर्ट के साथ अदालत में प्रस्तुत होने को कहा है. यूपी सरकार ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की अधिसूचना निरस्त कर दी थी.
यूपी सरकार ने 18 नवंबर, 2021 को अपने आदेश में कहा था कि लखीमपुर खीरी में आठ मौतों की जांच के लिए एकल सदस्यीय जांच आयोग का नेतृत्व करने के लिए सेवानिवृत्त इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नियुक्त करने की 6 अक्टूबर, 2021 को जारी अधिसूचना रद्द कर दी है.
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव लखीमपुर खीरी में अपने शिविर कार्यालय से वापस चले गए. खीरी के जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने इसकी पुष्टि की है. न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव मंगलवार शाम यहां स्थानीय पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह स्थित अपने शिविर कार्यालय पहुंचे थे. बुधवार को एकल सदस्यीय जांच आयोग ने तिकुनिया का दौरा किया था और हिंसा स्थल का निरीक्षण किया था. जांच आयोग ने घटना की जानकारी ली थी. तीन अक्टूबर की हिंसा के बारे में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बयान दर्ज किए थे.
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