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सरकार को जनता की समस्या से नहीं कोई सरोकार - किसान आंदोलन

लखीमपुर खीरी में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंची महिलाओं ने कहा कि डीजल, पेट्रोल, सिलेंडर का रेट आसमान छू रहे हैं. बच्चों की फीस देना, घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा लेकिन सरकार को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है.

किसान महापंचायत
किसान महापंचायत
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Published : Feb 25, 2021, 10:25 PM IST

लखीमपुर खीरीः जिले में कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को पब्लिक इंटर कॉलेज सम्पूर्णानगर के ग्राउंड पर किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों की तादात में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं ने कहा कि जब तक तीनो कृषि कानून की वापसी नहीं, तब तक किसानों का आन्दोलन भी वापस नहीं होगा. महिलाओं ने कहा कि फसलों के रेट मिल नहीं रहे और महंगाई बढ़ती चली जा रही है. जिससे जीना मुहाल हो गया है. किसान तीन महीनों से ठंड में दिल्ली की सड़कों पर पड़े हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही.

लखीमपुर खीरी में किसान महापंचायत.

रसोई का खर्च चलाना मुश्किल
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महिलाओं ने किसान कानूनों को वापस लेने की माग करते हुए सरकार पर किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. महिलाओं ने कहा कि आज रसोई गैस सिलेंडर कितने का हो गया, सरकार को क्या ये पता है. बिजली का बिल बढ़ गया है. पेट्रोल, डीजल के दाम सरकार लगातार बढ़ा रही है. जिससे आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है. बच्चो की फीस भरना और रसोई का खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा है.

ये भी पढ़ें-मोदी सरकार ने किसानों की पगड़ी को उछालाः जयंत चौधरी


पीछे हटने वाले नहीं
महिलाओं ने कहा कि 2014 के बाद से खुशहाल आदमी की हंसी चली गई. ऐसी सरकारों का क्या करें जो अपनी ही जनता से ऐसा सुलूक करें. हमारी फसलों के रेट मिल नहीं रहे और महंगाई बढ़ती चली जा रही है. जिससे आम आदमी का जीना मुहाल होता जा रहा ऊपर से ये कृषि कानून आ गए तो हमारी जमीन जायदाद भी खतरे में पड़ जाएगी. इसलिए हम पीछे हटने वाले नहीं. हम संघर्ष करेंगे. मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ेगा.

लखीमपुर खीरीः जिले में कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को पब्लिक इंटर कॉलेज सम्पूर्णानगर के ग्राउंड पर किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों की तादात में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं ने कहा कि जब तक तीनो कृषि कानून की वापसी नहीं, तब तक किसानों का आन्दोलन भी वापस नहीं होगा. महिलाओं ने कहा कि फसलों के रेट मिल नहीं रहे और महंगाई बढ़ती चली जा रही है. जिससे जीना मुहाल हो गया है. किसान तीन महीनों से ठंड में दिल्ली की सड़कों पर पड़े हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही.

लखीमपुर खीरी में किसान महापंचायत.

रसोई का खर्च चलाना मुश्किल
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महिलाओं ने किसान कानूनों को वापस लेने की माग करते हुए सरकार पर किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. महिलाओं ने कहा कि आज रसोई गैस सिलेंडर कितने का हो गया, सरकार को क्या ये पता है. बिजली का बिल बढ़ गया है. पेट्रोल, डीजल के दाम सरकार लगातार बढ़ा रही है. जिससे आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है. बच्चो की फीस भरना और रसोई का खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा है.

ये भी पढ़ें-मोदी सरकार ने किसानों की पगड़ी को उछालाः जयंत चौधरी


पीछे हटने वाले नहीं
महिलाओं ने कहा कि 2014 के बाद से खुशहाल आदमी की हंसी चली गई. ऐसी सरकारों का क्या करें जो अपनी ही जनता से ऐसा सुलूक करें. हमारी फसलों के रेट मिल नहीं रहे और महंगाई बढ़ती चली जा रही है. जिससे आम आदमी का जीना मुहाल होता जा रहा ऊपर से ये कृषि कानून आ गए तो हमारी जमीन जायदाद भी खतरे में पड़ जाएगी. इसलिए हम पीछे हटने वाले नहीं. हम संघर्ष करेंगे. मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ेगा.

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