लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में फील्ड स्टाफ कोरोना वायरस की चपेट में आने लगा है. बाघों को बचाने के लिए फिक्रमंद दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन के लिए यह चुनौती भरी खबर है. दुधवा टाइगर रिजर्व में तैनात तीन वार्डेन और करीब दो दर्जन फील्ड स्टाफ में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं. इनमें से तीन अफसरों समेत एक दर्जन फील्ड स्टाफ में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हो गई है. वहीं बाकी स्टाफ की आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. पर शुरुआती लक्षण सबमें कोरोना वायरस के ही दिख रहे हैं. दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर ने बताया कि हम फील्ड स्टाफ को आइसोलेट कर रहे हैं, जिससे जंगल में ये वायरस न फैल पाए.
कर्नाटक के जू में आठ शेरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की खबर के बाद से दुधवा टाइगर रिजर्व में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया था. इसके बाद इटावा लायन सफारी से भी खबर आई कि वहां भी दो शेरनियां कोरोना की चपेट में आ गई हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व में फील्ड स्टाफ और अफसर बराबर जंगल में संक्रमण न फैले, इसको लेकर फिक्रमंद और अलर्ट मोड में थे पर टाइगर्स और जंगली जानवरों की सुरक्षा में लगे फील्ड स्टाफ और अफसर ही कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. अब ये संक्रमण उन्हें जंगल से मिला या बाहर से, इसका पता अभी नहीं चल सका है.
ये लोग मिले पॉजिटिव
दुधवा, किशनपुर और बेलरायां रेंज के वार्डेन (SDO) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनकी रिपोर्ट मिल चुकी है. वहीं दुधवा टाइगर रिजर्व में करीब दो दर्जन फील्ड स्टाफ का भी एंटीजन टेस्ट कराया गया है, जिसमें एंटीजन टेस्ट में करीब सात कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले हैं. अभी बाकी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आनी बाकी है. लेकिन सभी फील्ड स्टाफ में खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण देखे जा रहे हैं.
दुधवा टाइगर रिजर्व में चरवाहों का प्रवेश पूर्णतया बन्द
बाघों में संक्रमण न फैले, इसको लेकर दुधवा टाइगर रिजर्व में चरवाहों के घुसने पर पूरी तरीके से पाबंदी लगा दी गई है. कोरोना वायरस अब गांव-गांव तक फैल गया है. दुधवा टाइगर रिजर्व और उसके आसपास बसे गांवों में भी संक्रमण की खबरें आ रही हैं. कुछ लोगों की सांस लेने में दिक्कतों के चलते मौत भी हुई है. ऐसे में दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने टाइगर रिजर्व के अंदर चरवाहों का प्रवेश पूरी तरीके से बंद कर दिया है.
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पार्क प्रशासन ने फील्ड स्टाफ की मदद से करीब 150 कैमरा ट्रैप लगवाने की व्यवस्था की है. इनमें से कुछ कैमरा लगाए भी जा चुके हैं. जंगल के अंदर आने जाने वाले सभी रास्तों पर यह कैमरा ट्रैप लगाया जा रहे हैं. ऐसे में अगर कोई ग्रामीण जानवर लेकर जँगल में जाता है तो उस पर टाइगर रिजर्व प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा. डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर ने बताया कि कोई भी ग्रामीण अब बिना रूट के अगर जंगल में देखा गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. जानवर भी जब्त किए जाएंगे.