सोनभद्र : सोनभद्र के मारकुंडी घाटी में यादव समाज की तरफ से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया. इस पूजा में पूजा संपन्न कराने वाले बाबा ने खौलते दूध से स्नान किया. साथ ही कुछ भविष्यवाणियां भी कीं. गोवर्धन पूजा के दिन वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार मारकुंडी पहाड़ी पर वीर लोरिक के पत्थर के पास पुजारी राजेंद्र यादव खौलते दूध से नहाते हैं. पूजा पूरी होने के बाद पुजारी देश में घट रही घटनाओं के बारे में भविष्यवाणी भी करते हैं. इस चमत्कार को देखने के लिए हजारों की संख्या में यादव समाज के लोग मौजूद रहे.
रॉबर्ट्सगंज के वीर लोरिक स्मारक स्थित मारकुंडी घाटी में शनिवार को यादव समाज की गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया. पूजा के पतिवाह राजेंद्र बाबा ने विधि विधान के साथ खौलते दूध से भरे घड़ों का चक्कर लगाकर इसके साथ ही हवन पर बैठ पुजारी का आह्वान किया. वहीं दूसरी तरफ जैसे-जैसे दूध खोलता गया, लोगों में चमत्कार को लेकर उत्साह बढ़ता गया. इसके बाद राजेंद्र बाबा ने घड़ों को सिर से ऊपर उठकर खोलते दूध से स्नान करना शुरू कर दिया.
गोवर्धन पूजा में आकर्षण का केंद्र रहे राजेंद्र पुजारी ने बताया कि यह पूजा दुग्ध वाले भगवान कृष्ण ने ही गोकुल मथुरा बरसाना गोवर्धन पर्वत के समीप शुरू किया था. भगवान कृष्ण ने ही बताया था कि जिस प्रकृति के भरोसे मनुष्य है उस प्रकृति पूजा करनी चाहिए. प्रकृति का मतलब पर्वत पहाड़ गाय और बकरी होती है. उनके दुग्ध से गोवर्धन पूजा की जाती है. रही बात खौलते दूग्ध से नहाने की तो हमारे पास कोई शक्ति नहीं है. भगवान श्री कृष्ण और गुरु महाराज की कृपा से सब हो जाता है. उनके तेज से खौलता दूध शरीर पर पड़ते ही ठंडा हो जाता है. भारतवर्ष में हिंसा बढ़ाने के बाबत पुजारी ने कहा कि अभी और भी हिंसा होने की संभावना है. लोगों में दहशत फैलता ही रहेगा. हिंसा का कारण समय का काल चक्र है.
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