बरेली : असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने पलटवार किया है. रिजवी ने कहा है कि वे इस बिल का स्वागत करते हैं. कुछ लोग मुसलमानों को सड़कों पर आने के लिए उकसा रहे हैं. इससे सिर्फ मुसलमानों का ही नुकसान होगा. वह खुद एसी में बैठकर ठंडी हवाएं खा रहे हैं. रिजवी का कहना है कि पुरानी परंपरा है कि किसी मंदिर के ट्रस्ट में मुसलमान और वक्फ बोर्ड के ट्रस्ट में कोई गैर मुसलमान नहीं रहा है.
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि इतिहास देख लीजिए कि तिरुपति बालाजी मंदिर का ट्रस्ट हो या और भी ट्रस्ट हो, इसके अलावा चाहे वक्फ बोर्ड हो, उत्तर प्रदेश बिहार, बंगाल का हो या पूरे हिंदुस्तान के 27 28 वक्फ बोर्ड को देख लीजिए. मंदिरों के ट्रस्ट में कोई भी गैर मुसलमान मेंबर नहीं रहा है. ऐसे ही मंदिरों के ट्रस्ट में मुसलमान मेंबर नहीं रहा. जब शुरू से यही परंपरा चली आ रही है तो अब नए सिरे से लोगों को गुमराह करना और इस तरीके से एक मैसेज लोगों में देना लोगों को भड़काने और उकसाने वाली बातें हैं.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जितने बड़े-बड़े लोग हैं वही वक्फ बोर्ड और संशोधन का विरोध कर रहे हैं. इसमें ज्यादातर ऐसे ही लोग हैं जिन्होंने वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जे कर रखे हैं और नाजायज तौर पर वर्षों से जमीनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. हमारे बुजुर्गों ने इसलिए वक्फ किया था कि इससे गरीब मुसलमानों मदद होगी. यह सब ना हो करके वक्फ बोर्ड से साथ गांठ करके जमीन को खुद-बुर्द कर रहे हैं. बहुत सारी करोड़ों की संपत्तियां खुर्द बुर्द हो गई हैं. मैं दावे से कहता हूं अगर पूरे भारत के वक्फ बोर्ड की आमदनी कायदे से हो जाए तो हिंदुस्तान का कोई भी बच्चा भीख मांगता हुआ रोड पर नहीं दिखेगा. कोई मुसलमान भी गरीब नहीं दिखेगा.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि हम वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का समर्थन करते हैं और जल्दी से जल्दी इस कानून को बनाया जाए. ताकि हमारे बुजुर्गों के द्वारा दी गई वक्फ की जमीन जिस मकसद के लिए दी गई थी उसे मकसद के लिए इस्तेमाल हो और नाजायज कब्जे हटें. माफिया से वक्फ की जमीन छीन करके मुसलमानों के तालीम और अन्य कामों में लगाई जाए.
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