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US Election 2024: अमेरिकी मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गाजा युद्ध, जानें वोटर की राय

US Election 2024: अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. अमेरिकी मुसलमानों के लिए चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा गाजा युद्ध है.

US Presidential Polls War in Gaza is the top most issue for American Muslims
US Election 2024: अमेरिकी मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गाजा युद्ध (PTI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2024, 10:46 PM IST

न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चंद दिन बचे हैं. रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच करीबी मुकाबला होने की उम्मीद है. इस चुनाव में अमेरिकी मुसलमानों का वोट अहम माना जा रहा है और मुस्लिम मतदाता चुनाव नतीजे तय करने में अहम साबित हो सकते हैं.

न्यूयॉर्क शहर में रिवरसाइड ड्राइव पर स्थित इस्लामिक कल्चरल सेंटर में शुक्रवार को नमाज पढ़ने आए अली का कहना है कि 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अंतरराष्ट्रीय मुद्दे मुसलमानों के स्थानीय मुद्दों पर हावी हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "बहुत सारे मुद्दे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि गाजा में जो कुछ हम देख रहे हैं, उससे जरूरी कोई मुद्दा हो सकता है. मुस्लिम समुदाय का बड़ा हिस्सा उम्मीदवारों के बयानों और कार्यों से सहज महसूस नहीं कर रहा."

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि डेमोक्रेटिक पार्टी को डर है कि कहीं इजराइल समर्थक पक्ष नाराज न हो जाए. करुणा और सहानुभूति का यह अभाव बहुत निराशाजनक है.

अमेरिकी मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गाजा युद्ध (PTI)

अली कहते हैं, "मुसलमानों के लिए अब तक का सबसे बड़ा मुद्दा गाजा और पश्चिम एशिया की स्थिति है. जो नरसंहार और रंगभेद चल रहा है, उसका मुस्लिम समुदाय पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे कई अहम मुद्दे होंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी पश्चिम एशिया की स्थिति जैसा महत्वपूर्ण होगा."

पसोपेश में मुसलमान
इस राष्ट्रपति चुनाव में न्यूयॉर्क के मुसलमान जटिल राजनीतिक हालात का सामना कर रहे हैं. समुदाय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मुद्दों पर अपनी चिंताओं को लेकर पसोपेश में नजर आ रहा है.

गाजा की स्थिति इस प्रभावशाली मतदाता समूह के सदस्यों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है. इनमें से कई ने पश्चिम एशिया की स्थिति को संभालने को लेकर सरकार के तरीके पर स्पष्ट रूप निराशा जाहिर की है.

न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के निवासी वकास कहते हैं, "हमारे लिए गाजा की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. युद्ध समाप्त होना चाहिए, और हमें नहीं लगता कि मौजूदा सरकार इस मामले में कुछ खास कर रही है. गर्भपात के अधिकार और यहां तक कि एलजीबीटीक्यू जैसे अन्य मुद्दे भी चिंताजनक हैं, लेकिन गाजा अभी सबसे ज्यादा चिंताजनक है."

रिपब्लिकन पार्टी मुसलमानों के प्रति ज्यादा नरम...
वकास कहते हैं, "इस चुनाव में कई मुद्दे हैं. प्रमुख मुद्दों में गाजा है. हम सभी जानते हैं कि अर्थव्यवस्था और बॉर्डर पेट्रोल अहम मुद्दे हैं. ये तीनों मुसलमानों पर असर डाल रहे हैं. आपने मिशिगन के मुसलमानों को डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हुए पाया होगा. रिपब्लिकन पार्टी मुसलमानों के प्रति कुछ ज्यादा नरम है."

'इंस्टिट्यूट फॉर सोशल पॉलिसी एंड अंडरस्टैंडिंग' (आईएसपीयू) ने हाल ही में तीन राज्यों- जॉर्जिया, पेंसिल्वेनिया और मिशिगन में सर्वेक्षण किया, जिसमें पता चला कि गाजा में जारी युद्ध बहुसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं (61 प्रतिशत) के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय है. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि यह सभी लिंग, आयु, जाति और दलीय आधारों के मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है.

हालांकि अमेरिका में मुसलमान अल्पसंख्यक हैं, लेकिन कई प्रांतों में उनकी संख्या ज्यादा है. इन राज्यों में उनका असर भी ज्यादा है.

यह भी पढ़ें- अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में नतीजे तय करने के लिए सात स्विंग स्टेट्स का रुख अहम क्यों है?

न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चंद दिन बचे हैं. रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच करीबी मुकाबला होने की उम्मीद है. इस चुनाव में अमेरिकी मुसलमानों का वोट अहम माना जा रहा है और मुस्लिम मतदाता चुनाव नतीजे तय करने में अहम साबित हो सकते हैं.

न्यूयॉर्क शहर में रिवरसाइड ड्राइव पर स्थित इस्लामिक कल्चरल सेंटर में शुक्रवार को नमाज पढ़ने आए अली का कहना है कि 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अंतरराष्ट्रीय मुद्दे मुसलमानों के स्थानीय मुद्दों पर हावी हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "बहुत सारे मुद्दे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि गाजा में जो कुछ हम देख रहे हैं, उससे जरूरी कोई मुद्दा हो सकता है. मुस्लिम समुदाय का बड़ा हिस्सा उम्मीदवारों के बयानों और कार्यों से सहज महसूस नहीं कर रहा."

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि डेमोक्रेटिक पार्टी को डर है कि कहीं इजराइल समर्थक पक्ष नाराज न हो जाए. करुणा और सहानुभूति का यह अभाव बहुत निराशाजनक है.

अमेरिकी मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गाजा युद्ध (PTI)

अली कहते हैं, "मुसलमानों के लिए अब तक का सबसे बड़ा मुद्दा गाजा और पश्चिम एशिया की स्थिति है. जो नरसंहार और रंगभेद चल रहा है, उसका मुस्लिम समुदाय पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे कई अहम मुद्दे होंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी पश्चिम एशिया की स्थिति जैसा महत्वपूर्ण होगा."

पसोपेश में मुसलमान
इस राष्ट्रपति चुनाव में न्यूयॉर्क के मुसलमान जटिल राजनीतिक हालात का सामना कर रहे हैं. समुदाय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मुद्दों पर अपनी चिंताओं को लेकर पसोपेश में नजर आ रहा है.

गाजा की स्थिति इस प्रभावशाली मतदाता समूह के सदस्यों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है. इनमें से कई ने पश्चिम एशिया की स्थिति को संभालने को लेकर सरकार के तरीके पर स्पष्ट रूप निराशा जाहिर की है.

न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के निवासी वकास कहते हैं, "हमारे लिए गाजा की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. युद्ध समाप्त होना चाहिए, और हमें नहीं लगता कि मौजूदा सरकार इस मामले में कुछ खास कर रही है. गर्भपात के अधिकार और यहां तक कि एलजीबीटीक्यू जैसे अन्य मुद्दे भी चिंताजनक हैं, लेकिन गाजा अभी सबसे ज्यादा चिंताजनक है."

रिपब्लिकन पार्टी मुसलमानों के प्रति ज्यादा नरम...
वकास कहते हैं, "इस चुनाव में कई मुद्दे हैं. प्रमुख मुद्दों में गाजा है. हम सभी जानते हैं कि अर्थव्यवस्था और बॉर्डर पेट्रोल अहम मुद्दे हैं. ये तीनों मुसलमानों पर असर डाल रहे हैं. आपने मिशिगन के मुसलमानों को डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हुए पाया होगा. रिपब्लिकन पार्टी मुसलमानों के प्रति कुछ ज्यादा नरम है."

'इंस्टिट्यूट फॉर सोशल पॉलिसी एंड अंडरस्टैंडिंग' (आईएसपीयू) ने हाल ही में तीन राज्यों- जॉर्जिया, पेंसिल्वेनिया और मिशिगन में सर्वेक्षण किया, जिसमें पता चला कि गाजा में जारी युद्ध बहुसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं (61 प्रतिशत) के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय है. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि यह सभी लिंग, आयु, जाति और दलीय आधारों के मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है.

हालांकि अमेरिका में मुसलमान अल्पसंख्यक हैं, लेकिन कई प्रांतों में उनकी संख्या ज्यादा है. इन राज्यों में उनका असर भी ज्यादा है.

यह भी पढ़ें- अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में नतीजे तय करने के लिए सात स्विंग स्टेट्स का रुख अहम क्यों है?

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