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शहीद चन्द्रभान को दी गई अंतिम विदाई, भारत माता की जय के नारों से गूंजा दुमही गांव - martyr soldier chandrabhan chaurasia

बीते सोमवार को जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से ड्यूटी के दौरान दो जवानों के साथ ही जिले के चन्द्रभान चौरसिया शहीद हो गए. शहीद जवान के पार्थिव शरीर को कुशीनगर जिले के दुमही गांव लाया गया और सलामी के साथ अंतिम विदाई दी गई.

शहीद जवान को दी गई अंतिम विदाई
शहीद जवान को दी गई अंतिम विदाई
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Published : Jan 18, 2020, 8:28 AM IST

कुशीनगर: जिले के दुमही गांव में सुबह 11 बजे से ही किसी बड़े मेले जैसा नजारा था. शाम पांच बजे शहीद हुए जवान चंद्रभान चौरसिया का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा माहौल भारत माता के जयकारों से गुंजायमान हो उठा. हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने सीएम योगी को मौके पर बुलाने की मांग कर शहीद के शव का अंतिम संस्कार रोकने की बात कही, जिसके बाद डीएम और एसपी ने परिजनों से मिलकर बातचीत की और रात में ही शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.

जानकारी देते संवाददाता.

शहीद को दी गई अंतिम विदाई

  • जिले में शाम पांच बजे शहीद चन्द्रभान चौरासिया का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव दुमही पहुंचा.
  • सैकड़ों काफिले में नौजवान राष्ट्रीय ध्वज के साथ भारत माता की जय और शहीद के सम्मान में नारे लगा रहे थे.
  • लगातार हो रही बारिश और शहीद के सम्मान में जुटी भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था का नजारा दिखने को मिला.
  • इसी बीच नौजवानों के एक समूह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर बुलाने की मांग को रखते हुए शहीद की अंत्येष्टि को रोकने की घोषणा कर दी.
  • डीएम और एसपी ने गांव के प्रबुद्धजनों के साथ शहीद के परिजनों से बातचीत की और शहीद का अंतिम दर्शन कराया गया.
  • गांव से लगभग दो किमी. दूरी पर बनाए गए शव दाह स्थल पर शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया.

जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शहीद के परिवार की तरफ से नौकरी, पट्टे की जमीन, सहयोग राशि और शहीद की मूर्ति लगवाने की मांग रखी थी. उन्हें आश्वस्त करा दिया गया है कि जल्द ही सभी मांगों को पूरा कर किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- कुशीनगर: शहीद चंद्रभान का पार्थिव शरीर नहीं पहुंचा गांव, लोग सुबह से करते रहे इंतजार

कुशीनगर: जिले के दुमही गांव में सुबह 11 बजे से ही किसी बड़े मेले जैसा नजारा था. शाम पांच बजे शहीद हुए जवान चंद्रभान चौरसिया का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा माहौल भारत माता के जयकारों से गुंजायमान हो उठा. हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने सीएम योगी को मौके पर बुलाने की मांग कर शहीद के शव का अंतिम संस्कार रोकने की बात कही, जिसके बाद डीएम और एसपी ने परिजनों से मिलकर बातचीत की और रात में ही शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.

जानकारी देते संवाददाता.

शहीद को दी गई अंतिम विदाई

  • जिले में शाम पांच बजे शहीद चन्द्रभान चौरासिया का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव दुमही पहुंचा.
  • सैकड़ों काफिले में नौजवान राष्ट्रीय ध्वज के साथ भारत माता की जय और शहीद के सम्मान में नारे लगा रहे थे.
  • लगातार हो रही बारिश और शहीद के सम्मान में जुटी भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था का नजारा दिखने को मिला.
  • इसी बीच नौजवानों के एक समूह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर बुलाने की मांग को रखते हुए शहीद की अंत्येष्टि को रोकने की घोषणा कर दी.
  • डीएम और एसपी ने गांव के प्रबुद्धजनों के साथ शहीद के परिजनों से बातचीत की और शहीद का अंतिम दर्शन कराया गया.
  • गांव से लगभग दो किमी. दूरी पर बनाए गए शव दाह स्थल पर शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया.

जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शहीद के परिवार की तरफ से नौकरी, पट्टे की जमीन, सहयोग राशि और शहीद की मूर्ति लगवाने की मांग रखी थी. उन्हें आश्वस्त करा दिया गया है कि जल्द ही सभी मांगों को पूरा कर किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- कुशीनगर: शहीद चंद्रभान का पार्थिव शरीर नहीं पहुंचा गांव, लोग सुबह से करते रहे इंतजार

Intro:Opening P2C

कुशीनगर के दुमही गाँव मे सुबह 11 बजे से ही किसी बड़े मेले जैसा नजारा था, लगातार हो रही प्रतीक्षा के बाद शाम पाँच बजे शहीद का शव जब पहुँचा तो पूरा माहौल भारत माता के जयकारों से गूँज उठा. लगातार हो रही बारिश और भारी भीड़ के कारण फैली अव्यवस्था के बीच ही कुछ लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर बुलाने की माँग रखते हुए शहीद के शव का अंतिम संस्कार रोकने की घोषणा कर दी. उसके बाद तीन चार घण्टे तक लगातार जिले के डीएम और एसपी द्वारा परिजनों के साथ हुए बातचीत से रास्ता निकला और रात में ही शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया


Body:vo शाम पाँच बजे शहीद चन्द्रभान चौरासिया का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गाँव दुमही एक बड़े काफिले के साथ पहुँचा. सैकड़ों मोटरसाइकिल के काफिले में नौजवान राष्ट्रीय ध्वज के साथ भारत माता की जय और शहीद के सम्मान में नारे लगा रहे थे

दरवाजे पर लगातार हो रही बारिश और शहीद के सम्मान में जुटी भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था का नजारा दिखा. ऐसा लगा जैसे इस सम्बन्ध में प्रशासनिक अमले ने कोई होम वर्क किया ही नही था. इसी बीच नौजवानों के एक समूह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर बुलाने की माँग को रखते हुए शहीद की अंत्येष्टि को रोकने की घोषणा कर दी

कुछ घण्टे बीतने के बाद पुलिस ने अपना तौर तरीका अपनाते हुए भीड़ को थोड़ा हटाया तब जाकर कुछ बातचीत का माहौल बन सका, तत्पश्चात डीएम और एसपी गाँव के कुछेक प्रबुद्धजनों के साथ शहीद के परिजनों से बात करने मकान में गए,

लगभग एक घण्टे के बाद बाहर आने के साथ शहीद चन्द्रभान चौरासिया की विधवा पिंकी परिवार के लोगों के साथ ताबूत के पास आयीं और फिर सेना की खानापूर्ति के बाद उन्हें अंतिम दर्शन कराया गया

इस प्रक्रिया के तुरत बाद घर से लगभग दो किमी. पर गाँव के किनारे बनाए गए शव दाह स्थल पर डेड बॉडी को ले जाया गया जहाँ पुलिस गारद ने शहीद को अंतिम सलामी दी, उसके बाद शहीद के पिता राजबलम चौरासिया ने मुखाग्नि दी

जिलाधिकारी डा. अनिल कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शहीद के परिवार की तरफ से नौकरी, पट्टे की जमीन, सहयोग राशि और शहीद की मूर्ति लगवाने की माँग रखी थी, उन्हें आश्वस्त करदिया गया है कि जल्द ही सभी मागों को पूरा कर दिया जाएगा

बाइट - डा. अनिल कुमार सिंह, जिलाधिकारी, कुशीनगर


Conclusion:vo शहीद के शव में आने में देरी और फिर जुटी अनियंत्रित भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने कोई होमवर्क नही किया था और इसी कारण थोड़ी परेशानी खड़ी होती दिखी. जो काम सूर्यास्त तक सम्पन्न हो जाना चाहिए था वो रात के अंधेरे में हो सका

End पीटूसी

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
9984001450
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