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कुशीनगर: मास्टर्स गेम में 73 वर्षीय बीएन मिश्र ने जीते तीन स्वर्ण पदक

जिस उम्र में अक्सर लोग थक कर बैठ जाते हैं या फिर चारपाई पकड़ लेते हैं. उस उम्र में एक शख्स ने तीन स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया. यह कारनामा 22 और 23 नवंबर को वाराणसी में हुए यूपी मास्टर्स गेम्स में कुशीनगर के बीएन मिश्र ने कर दिखाया है.

यूपी मास्टर्स गेम्स.
तीन गोल्ड मेडल जीतने वाले बीएन मिश्र
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Published : Nov 28, 2019, 3:56 AM IST

कुशीनगरः बीते 22 और 23 नवंबर को वाराणसी में हुए यूपी मास्टर्स गेम्स में कुशीनगर के बीएन मिश्र ने तीन स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है. 73 साल के बीएन मिश्र ने एथलेटिक्स के तीन खेलों में हिस्सा लेते हुए सभी में पहला स्थान अपने नाम रखा. कुशीनगर लौटने के बाद ईटीवी भारत ने उन्हें बधाई देकर बातचीत की.

73 वर्षीय बीएन मिश्र ने जीते तीन स्वर्ण पदक.

पहली बार यूपी में बीते 22 और 23 नवम्बर को वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैम्पस में मास्टर्स गेम्स का आयोजन हुआ. गेम्स में तीन स्वर्ण पदक जीत कर कुशीनगर वापस लौटने के बाद 73 वर्षीय बैजनाथ मिश्र ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि पहले इस खेल का नाम वेटरन गेम्स था, लेकिन अब इसे मास्टर्स गेम का नाम दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- कुशीनगर: 12वीं के छात्र ने किसानों के लिए बनाया ऐप, सरकार करेगी लॉन्च

एक सवाल के जवाब में स्वर्ण पदक विजेता बीएम मिश्र ने कहा कि छात्र जीवन से अब तक उन्होंने खेलों में प्रतिभाग कर 121 पदक जीते हैं. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में भी वह अपनी अहम भूमिका निभाकर देश के लिए 9 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीत चुके हैं. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि 70 प्लस उम्र होने के बाद भी हम लोग अपने आप को फिट रखते हुए देश के लिए मेडल ला रहे हैं. युवाओं को हम उम्रदराज मास्टर्स से सीख लेनी चाहिए.

सरकारों के सहयोग देने वाले सवाल के जवाब में बैजनाथ मिश्र ने कहा कि वर्तमान की प्रदेश और केन्द्र की सरकार ने कोई भी सहयोग नहीं किया है. उन्होंने नाम लेकर कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का सहयोग मिलता था.

कुशीनगरः बीते 22 और 23 नवंबर को वाराणसी में हुए यूपी मास्टर्स गेम्स में कुशीनगर के बीएन मिश्र ने तीन स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है. 73 साल के बीएन मिश्र ने एथलेटिक्स के तीन खेलों में हिस्सा लेते हुए सभी में पहला स्थान अपने नाम रखा. कुशीनगर लौटने के बाद ईटीवी भारत ने उन्हें बधाई देकर बातचीत की.

73 वर्षीय बीएन मिश्र ने जीते तीन स्वर्ण पदक.

पहली बार यूपी में बीते 22 और 23 नवम्बर को वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैम्पस में मास्टर्स गेम्स का आयोजन हुआ. गेम्स में तीन स्वर्ण पदक जीत कर कुशीनगर वापस लौटने के बाद 73 वर्षीय बैजनाथ मिश्र ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि पहले इस खेल का नाम वेटरन गेम्स था, लेकिन अब इसे मास्टर्स गेम का नाम दिया गया है.

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एक सवाल के जवाब में स्वर्ण पदक विजेता बीएम मिश्र ने कहा कि छात्र जीवन से अब तक उन्होंने खेलों में प्रतिभाग कर 121 पदक जीते हैं. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में भी वह अपनी अहम भूमिका निभाकर देश के लिए 9 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीत चुके हैं. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि 70 प्लस उम्र होने के बाद भी हम लोग अपने आप को फिट रखते हुए देश के लिए मेडल ला रहे हैं. युवाओं को हम उम्रदराज मास्टर्स से सीख लेनी चाहिए.

सरकारों के सहयोग देने वाले सवाल के जवाब में बैजनाथ मिश्र ने कहा कि वर्तमान की प्रदेश और केन्द्र की सरकार ने कोई भी सहयोग नहीं किया है. उन्होंने नाम लेकर कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का सहयोग मिलता था.

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बीते 22 व 23 नवम्बर को वाराणसी में हुए यूपी मास्टर्स गेम्स में कुशीनगर के बीएन मिश्र ने तीन स्वर्ण पदक जीत कर एक इतिहास रच दिया है. 73 साल के श्री मिश्र ने एथलेटिक्स के तीन खेलों में हिस्सा लेते हुए सभी मे पहला स्थान अपने नाम रखा. कुशीनगर लौटने के बाद ईटीवी भारत ने उन्हें बधाई देने के साथ ही उनसे खास तौर पर बातचीत भी की.


Body:vo बता दें कि पहली बार यूपी में बीते 22 व 23 नवम्बर को वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैम्पस में मास्टर्स गेम्स का आयोजन हुआ. इसमें तीन स्वर्ण पदक जीत कर कुशीनगर वापस लौटने के बाद 73 वर्षीय बैजनाथ मिश्र ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में बताया कि पहले इस खेल का नाम वेटरन गेम्स था लेकिन अब इसे मास्टर्स गेम नाम दिया गया है.
एक सवाल के जवाब में स्वर्ण पदक विजेता श्री मिश्र ने कहा कि छात्र जीवन से अब तक उन्होंने खेलों में प्रतिभाग करके 121 पदक जीता है, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में भी अपनी अहम भूमिका निभाकर देश के लिए 9 स्वर्ण और 2 रजत पदक प्राप्त कर चुका हूँ. उन्होंने युवाओं के लिए संदेश देते हुए कहा कि 70 प्लस उम्र होने के बाद भी हमलोग अपने को फिट रखते देश के लिए मेडल ला रहे हैं, युवाओं को हम उम्रदराज मास्टर्स से सीख लेनी चाहिए
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विदेशों में मास्टर्स गेम के दौरान पदक जीतने के बाद अन्य खेलों की तरह अपना भारत का तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान भी होता है लेकिन देश लौटने के बाद कोई पूछने वाला भी नही होता
सरकारों द्वारा कोई सहयोग दिए जाने के प्रश्न पर बैजनाथ मिश्र ने कहा कि वर्तमान की प्रदेश और केन्द्र की सरकार द्वारा कोई सहयोग नही दिया जा रहा है, उन्होंने नाम लेकर कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का सहयोग मिलता था. उनका कहना था कि एक शौक के कारण अपना खर्च करके देश और विदेश के खेल आयोजनों में हिस्सा लेना होता है.



Conclusion:vo थक कर घर बैठ जाने की उम्र में खेल के प्रति पूरे जोश के साथ मैदान में उतरकर लगातार पदक जीतने वाले इन खिलाड़ियों के लिए सरकार को निश्चित ही कुछ ना कुछ सोचना चाहिए, आर्थिक तंगी के बीच खेल के मैदान से केन्द्र सरकार के फिट इण्डिया नारे को चरितार्थ भी ये मास्टर्स ही कर रहे हैं

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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