कुशीनगर: हाटा कोतवाली के गांव बढ़या खुर्द टोला पिपरपाती निवासी एक शख्स ने रविवार शाम को देवरिया पुलिस की प्रताड़ना से आहत होकर जहर खा लिया. गंभीर हालत में उसका इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में चल रहा है. देवरिया जनपद के रामपुर कारखाना थाने में निर्दोष बेटे को पकड़ने और छोड़ने के नाम पर पैसे की मांग और प्रताड़ना से पीड़िित क्षुब्ध था. वहीं, थानाध्यक्ष रामपुर कारखाना मनोज कुमार ने पुलिस के ऊपर लगे पैसे की मांग के आरोप को गलत बताया.
8 अक्टूबर की रात को देवरिया जनपद के रामपुर कारखाना की पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ने के लिए कुशीनगर जनपद के बढ़या खुर्द के पिपरपाती टोला पर छापेमारी की लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आया. पुलिस आरोपी के पट्टीदारी के रविंद्र यादव के लड़के घनश्याम यादव को ही उठा ले गई, जबकि घनश्याम का आरोपी से कोई लेना-देना नहीं है. 9 अक्टूबर को अपने लड़के घनश्याम को छुड़ाने के लिए 50 वर्षीय रवींद्र जब रामपुर कारखाना थाना पहुंचे तो पुलिस उनसे दुर्व्यवहार करने पर उतर आई.
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10 अक्टूबर को पुनः रविंद्र यादव जब रामपुर कारखाना थाना पर पहुंचे तो पहले पुलिस ने दुर्व्यवहार किया फिर एक लाख रुपये की मांग करने लगी. पुलिस के दुर्व्यवहार और पैसे की मांग से आहत रविंद्र यादव ने रविवार शाम को जहर खा लिया. हालत गंभीर होने पर आनन-फानन में परिजन उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुकरौली ले गए. यहां हालत गंभीर देखकर डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया. जहां उसका इलाज चल रहा है. इस संबंध में रामपुर कारखाना के थानाध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि उसका भाई देवरिया जिले का आरोपी है. दबाव बनाने के लिए उसके भाई को लाया गया था और दूसरे दिन ही छोड़ दिया गया था. पैसे मांगने का आरोप गलत है. उसके पिता के जहर खाने की जानकारी नहीं है.