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कौशांबीः मजदूरों को बंधक बनाने की शिकायत पर जांच करने पहुंचे अधिकारी - एससी-एसटी आयोग दिल्ली

यूपी के कौशाम्बी में एक ईंट-भट्टे में मजूदरों के बंधक बनाए जाने की सूचना पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. बहरहाल जांच करने पर बंधक बनाए जाने की सूचना गलत पाई गई है.

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ईंट भट्टे में मजूदरों के बंधक बनाए जाने की सूचना
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Published : Jan 5, 2020, 9:12 AM IST

कौशांबी: जनपद में एक ईंट भट्टे के अंदर 17 मजदूर परिवारों को बंधक बनाकर काम कराए जाने की सूचना से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. प्रशासन को इस पूरे मामले की जानकारी एससी-एसटी आयोग दिल्ली से एक पत्र के बाद हुई.

मजदूरों को बंधक बनाने की शिकायत.

एससी-एसटी आयोग दिल्ली से आए पत्र के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी संबंधित ईंट भट्टा पर पहुंचे, जहां पर अधिकारियों के मुताबिक जांच में शिकायत झूठी पाई गई,लेकिन मजदूरों ने अधिकारियों से बताया कि उनके पास खाने और दवाइयों का पैसा नहीं है, इसलिए उनको घर भिजवा दिया जाए. एसडीएम चायल और श्रम विभाग के अधिकारियों ने वहां रह रहे बदायूं जनपद के 17 मजदूर परिवारों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की.

एससी-एसटी आयोग दिल्ली से जिलाधिकारी के पास आए एक शिकायती पत्र के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. बदायूं जनपद के मूसेपुर थाना भुजरिया निवासी दयाराम ने शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि कौशांबी जनपद के चायल तहसील अंतर्गत पिपरी थाना क्षेत्र के घूरीपुर स्थित एक ईंट भट्टा में 17 मजदूर परिवारों को बंधक बना कर रखा गया है.

शिकायती पत्र की जांच के लिए एसडीएम चायल, नायब तहसीलदार व श्रम विभाग के अधिकारी पुलिस टीम के साथ घूरीपुर नंदी मार्का ईंट भट्टा पहुंचे, जहां पर बदायूं से आए मजदूर परिवारों से मुलाकात की गई. वहीं मजदूर परिवारों ने बंधक बनाए जाने जैसी किसी भी शिकायत से इंकार कर दिया.

मजदूर सोनू ने बताया कि उन्हें लगभग 15 दिन पहले यहां लाकर रखा गया था. उसके बाद से अभी तक उन्हें मजदूरी नहीं दी गई. इससे उन्हें खाने-पीने व दवाइयां लाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. परिवार सहित इन मजदूरों को ईंट भट्टा परिसर में रखा गया है.

वहीं इस पूरे मामले में ईंट भट्टा के मुनीम मुकेश तिवारी ने बताया कि मेठ के जरिए बदायूं और संभल से 17 मजदूर परिवारों को यहां पर मजदूरी के लिए लाया गया था. मेठ ने मजदूरी का एडवांस रुपया भी ले रखा है. मजदूरों को भट्टे पर छोड़ने के बाद मेठ दयाराम गायब हो गया है. उन्होंने बताया कि सभी मजदूर कहीं भी आने-जाने के लिए आजाद हैं. फिलहाल पूछताछ के बाद अधिकारियों ने सभी 17 मजदूर परिवारों को चायल नगर पंचायत के एक रैन बसेरा में ले जा कर रखा है.

ये भी पढे़ं: कौशांबी: राज्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण, खामियों को दूर करने के निर्देश दिए

चायल तहसील की नायब तहसीलदार दीक्षा पांडे के मुताबिक दयाराम नाम के एक मजूदर ने दिल्ली एससी-एसटी आयोग से शिकायत किया था कि भट्ठे में मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया है. शिकायत मिलने पर श्रम अधिकारी के साथ जांच करने पर पता चला कि आरोप झूठा है. फिर भी मजदूरों को वहां से लाया गया है और साधन की व्यवस्था करके उन्हें उनके घर भेजा जा रहा है.

कौशांबी: जनपद में एक ईंट भट्टे के अंदर 17 मजदूर परिवारों को बंधक बनाकर काम कराए जाने की सूचना से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. प्रशासन को इस पूरे मामले की जानकारी एससी-एसटी आयोग दिल्ली से एक पत्र के बाद हुई.

मजदूरों को बंधक बनाने की शिकायत.

एससी-एसटी आयोग दिल्ली से आए पत्र के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी संबंधित ईंट भट्टा पर पहुंचे, जहां पर अधिकारियों के मुताबिक जांच में शिकायत झूठी पाई गई,लेकिन मजदूरों ने अधिकारियों से बताया कि उनके पास खाने और दवाइयों का पैसा नहीं है, इसलिए उनको घर भिजवा दिया जाए. एसडीएम चायल और श्रम विभाग के अधिकारियों ने वहां रह रहे बदायूं जनपद के 17 मजदूर परिवारों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की.

एससी-एसटी आयोग दिल्ली से जिलाधिकारी के पास आए एक शिकायती पत्र के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. बदायूं जनपद के मूसेपुर थाना भुजरिया निवासी दयाराम ने शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि कौशांबी जनपद के चायल तहसील अंतर्गत पिपरी थाना क्षेत्र के घूरीपुर स्थित एक ईंट भट्टा में 17 मजदूर परिवारों को बंधक बना कर रखा गया है.

शिकायती पत्र की जांच के लिए एसडीएम चायल, नायब तहसीलदार व श्रम विभाग के अधिकारी पुलिस टीम के साथ घूरीपुर नंदी मार्का ईंट भट्टा पहुंचे, जहां पर बदायूं से आए मजदूर परिवारों से मुलाकात की गई. वहीं मजदूर परिवारों ने बंधक बनाए जाने जैसी किसी भी शिकायत से इंकार कर दिया.

मजदूर सोनू ने बताया कि उन्हें लगभग 15 दिन पहले यहां लाकर रखा गया था. उसके बाद से अभी तक उन्हें मजदूरी नहीं दी गई. इससे उन्हें खाने-पीने व दवाइयां लाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. परिवार सहित इन मजदूरों को ईंट भट्टा परिसर में रखा गया है.

वहीं इस पूरे मामले में ईंट भट्टा के मुनीम मुकेश तिवारी ने बताया कि मेठ के जरिए बदायूं और संभल से 17 मजदूर परिवारों को यहां पर मजदूरी के लिए लाया गया था. मेठ ने मजदूरी का एडवांस रुपया भी ले रखा है. मजदूरों को भट्टे पर छोड़ने के बाद मेठ दयाराम गायब हो गया है. उन्होंने बताया कि सभी मजदूर कहीं भी आने-जाने के लिए आजाद हैं. फिलहाल पूछताछ के बाद अधिकारियों ने सभी 17 मजदूर परिवारों को चायल नगर पंचायत के एक रैन बसेरा में ले जा कर रखा है.

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चायल तहसील की नायब तहसीलदार दीक्षा पांडे के मुताबिक दयाराम नाम के एक मजूदर ने दिल्ली एससी-एसटी आयोग से शिकायत किया था कि भट्ठे में मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया है. शिकायत मिलने पर श्रम अधिकारी के साथ जांच करने पर पता चला कि आरोप झूठा है. फिर भी मजदूरों को वहां से लाया गया है और साधन की व्यवस्था करके उन्हें उनके घर भेजा जा रहा है.

Intro:खबर रैप से भेजी गई है

ANCHOR - कौशांबी जनपद में एक ईंट भट्टे के अंदर 17 मजदूर परिवारों को बंधक बनाकर काम कराए जाने की सूचना से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। प्रशासन को इस पूरे मामले की जानकारी एससी एसटी आयोग दिल्ली से एक लेटर के बाद हुई। एससी-एसटी आयोग दिल्ली से आए पत्र के बाद प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी संबंधित ईट भट्टा पर पहुंचे। जहां पर अधिकारियों के मुताबिक जांच में शिकायत झूठी पाई गई।लेकिन मजदूरों ने अधिकारियों से बताया कि उनको खाने व दवाइयों का पैसा नही है इसलिए उनको घर भेजवा दिया जाए। एसडीएम चायल व श्रम विभाग के अधिकारियों ने वहां रह रहे बदायूं जनपद के 17 मजदूर परिवारों को उनके घर भेजने की व्यवस्था किया है।

Body:एसटी एससी आयोग दिल्ली से जिलाधिकारी के पास आये एक शिकायती पत्र के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। शिकायती पत्र के मुताबिक बदायूं जनपद के मूसेपुर थाना भुजरिया निवासी दयाराम ने शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि कौशांबी जनपद के चायल तहसील अंतर्गत पिपरी थाना क्षेत्र के घूरीपुर स्थित एक ईंट भट्टा में 17 मजदूर परिवारों को बंधक बना कर रखे गए हैं। शिकायती पत्र की जांच के लिए एसडीएम चायल, नायब तहसीलदार व श्रम विभाग के अधिकारी पुलिस टीम के साथ घूरीपुर नंदी मार्का ईंट भट्टा पहुंचे। जहां पर बदायूं से आए मजदूर परिवारों से मुलाकात की गई। मजदूर परिवारों ने बंधक बनाए जाने जैसे किसी भी शिकायत से इंकार कर दिया। मजदूर सोनू ने बताया कि उन्हें लगभग 15 दिन पहले यहां लाकर रखा गया था। उसके बाद से अभी तक उन्हें मजदूरी नहीं दी गई है। इससे उन्हें खाने-पीने व दवाइयों में काफी दिक्कतें आ रही हैं। परिवार सहित इन मजदूरों को ईंट भट्टा परिसर में रखा गया है। वहीं इस पूरे मामले में ईंट भट्टा के मुनीम मुकेश तिवारी ने बताया की मेठ के जरिए बदायूं व संभल से 17 मजदूर परिवारों को यहां पर मजदूरी के लिए लाया गया था। मेठ ने मजदूरी का एडवांस रुपया भी ले रखा है। मजदूरों को भट्टे पर छोड़ने के बाद मेठ दयाराम गायब हो गया है। मुकेश तिवारी के मुताबिक सभी मजदूर पहले से रह रहे मजदूरों की तरह कहीं भी आने-जाने के लिए आजाद हैं। फिलहाल पूछताछ के बाद अधिकारियों ने सभी 17 मजदूर परिवारों को चायल नगर पंचायत के एक रैन बसेरा में ले जा कर रखा है।

बाइट - सोनू मजदूर
बाइट - मुकेश तिवारी ईट भट्टे का मुंशी

Conclusion:चायल तहसील की नायब तहसीलदार दीक्षा पांडे के मुताबिक दयाराम नाम के एक मजूदर ने दिल्ली एससी-एसटी आयोग से शिकायत किया था कि भट्ठे में मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया है। शिकायत मिलने पर श्रम अधिकारी के साथ जांच करने पर पता चला कि आरोप झूठा निकाला है। फिर भी मजदूरों को वहां से लाया गया है और मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए साधन की व्यवस्था कर के उनके घर भेजा जा रहा है।

बाइट - दीक्षा पांडे नायब तहसीलदार

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