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अपहरण के बाद बच्चे की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, आठ साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

कौशांबी में आठ साल पहले एक बच्चे का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. मामला कोर्ट में चल रहा था. शुक्रवार को कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा (child murder convict life imprisonment) सुनाई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 8:16 PM IST

कौशांबी : जनपद एवं सत्र न्यायालय ने अपहरण के बाद बच्चे की हत्या करने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. मामला आठ साल पुराना है.

खेलते-खेलते घर से लापता हो गया था बच्चा : अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के पूरब शरीरा गांव का है. गांव के रहने वाले राम सवारे का 10 वर्षीय बेटा राधेश्याम उर्फ धुन्नू 19 जुलाई 2015 को अचानक घर के बाहर से खेलते-खेलते लापता हो गया था. पिता ने स्थानीय थाना पुलिस में अपहरण का मुकदमा पड़ोसी राजेश सरोज पुत्र साधू के खिलाफ दर्ज कराया था. आरोप लगाया गया कि राजेश सरोज ने मामूली विवाद में हत्या करने की धमकी दी थी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर राजेश सरोज को गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था.

सजा सुनकर रो पड़ा दोषी : पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर ग्रामीण मनोज गर्ग के खेत में दबे बच्चे के शव को बरामद किया था. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से आला कत्ल एवं बच्चे के खून से सने पकड़े भी बरामद किए थे. मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज शरीन जैदी की कोर्ट में चल रही थी. अदालत में सरकारी वकील ने आरोपी को सजा दिलाने के लिए 11 गवाहों के बयान कराए. गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी राजेश सरोज को अदालत ने दोषी करार दिया. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास सहित 55 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी रो पड़ा.

यह भी पढ़ें : महिला के पेट से निकाला पांच किलो का ट्यूमर, 15 डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई

कौशांबी : जनपद एवं सत्र न्यायालय ने अपहरण के बाद बच्चे की हत्या करने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. मामला आठ साल पुराना है.

खेलते-खेलते घर से लापता हो गया था बच्चा : अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के पूरब शरीरा गांव का है. गांव के रहने वाले राम सवारे का 10 वर्षीय बेटा राधेश्याम उर्फ धुन्नू 19 जुलाई 2015 को अचानक घर के बाहर से खेलते-खेलते लापता हो गया था. पिता ने स्थानीय थाना पुलिस में अपहरण का मुकदमा पड़ोसी राजेश सरोज पुत्र साधू के खिलाफ दर्ज कराया था. आरोप लगाया गया कि राजेश सरोज ने मामूली विवाद में हत्या करने की धमकी दी थी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर राजेश सरोज को गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था.

सजा सुनकर रो पड़ा दोषी : पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर ग्रामीण मनोज गर्ग के खेत में दबे बच्चे के शव को बरामद किया था. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से आला कत्ल एवं बच्चे के खून से सने पकड़े भी बरामद किए थे. मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज शरीन जैदी की कोर्ट में चल रही थी. अदालत में सरकारी वकील ने आरोपी को सजा दिलाने के लिए 11 गवाहों के बयान कराए. गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी राजेश सरोज को अदालत ने दोषी करार दिया. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास सहित 55 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी रो पड़ा.

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