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मासूम बेटे का शव लेकर एंबुलेंस के लिए भटकता रहा पिता, अस्पताल प्रशासन अनजान - रैपुरा थाना क्षेत्र

कौशांबी जिले में जिला अस्पताल में एक मासूम बच्चे की मौत हो गई. बच्चे का शव घर ले जाने के लिए पिता एंबुंलेंस के लिए भटकता रहा लेकिन अस्पताल प्रशासन इससे अनजान बना रहा.

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Published : Jul 16, 2022, 8:36 PM IST

कौशांबीः डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में शनिवार को इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जिसमें पहले सरकारी डाक्टरों की लापरवाही से मासूम की जान चली गई. लाश को घर तक पहुंचाने के लिए पिता अपने बेटे का शव गोद में लेकर एंबुलेंस के लिए भटकता रहा. घंटो इंतजार करने के बाद जब मीडिया ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तब उसे शव वाहन उपलब्ध कराया गया. वहीं, इस मामले में जिले के कोई भी जिम्मेदार मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.

दरअसल, तीन दिन पहले चित्रकूट जनपद के रैपुरा थाना क्षेत्र के करौंधि कला गांव के रहने वाले रामलाल ने अपने पांच वर्षीय पुत्र दीपांशु को सीने में फोड़ा होने की वजह से जिला अस्पताल कौशांबी में भर्ती कराया था. रामलाल के मुताबिक अस्पताल में पहले तो डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन करने के लिए पैसों की डिमांड की. रामलाल के मुताबिक जब उसने जिला अस्पताल के डॉक्टरों को 3,000 रुपये दिए तो 15 जुलाई को उसके बेटे का ऑपरेशन किया गया.

मृतक बच्चे के पिता ने लगाए ये आरोप.

ऑपरेशन के बाद जब शनिवार की सुबह मासूम दीपांशु की पट्टी चेंज करने के लिए ऑपरेशन रूम में लेकर गए तो वहां उसकी हालत बिगड़ गई. कुछ देर बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे और परिजनों को बाहर कर इलाज शुरू किया लेकिन तब तक दीपांशु ने दम तोड़ दिया. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने दीपांशु को मृत घोषित करने के बाद उसे लावारिस छोड़ दिया. पिता रामलाल अपने मासूम बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग करने लगा. कुछ लोगों ने एंबुलेंस के लिए पैसे दिए जाने की बात कही. इस दौरान पिता रामलाल अपने मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर एक एंबुलेंस से दूसरी एंबुलेंस तक भटकता रहा.

पढ़ेंः खेरागढ़ में बिना मान्यता के चल रहा स्कूल, ड्रेस और फीस के नाम पर अवैध वसूली

जिला अस्पताल में मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर भटकते पिता का वीडियो जब जिला अस्पताल में मौजूद मीडियाकर्मियों ने बनाना शुरू किया, तो जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने पीड़ित पिता को मीडिया के हस्तक्षेप के बाद शव वाहन उपलब्ध कराया. मामले को लेकर जब जिला अस्पताल के सीएमएस दीपक सेठ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. वहीं, सीएमओ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी नहीं है. मीडिया द्वारा यह पूरा मामला संज्ञान में आया है. इस मामले में सीएमएस दीपक सेठ से रिपोर्ट तलब कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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कौशांबीः डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में शनिवार को इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जिसमें पहले सरकारी डाक्टरों की लापरवाही से मासूम की जान चली गई. लाश को घर तक पहुंचाने के लिए पिता अपने बेटे का शव गोद में लेकर एंबुलेंस के लिए भटकता रहा. घंटो इंतजार करने के बाद जब मीडिया ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तब उसे शव वाहन उपलब्ध कराया गया. वहीं, इस मामले में जिले के कोई भी जिम्मेदार मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.

दरअसल, तीन दिन पहले चित्रकूट जनपद के रैपुरा थाना क्षेत्र के करौंधि कला गांव के रहने वाले रामलाल ने अपने पांच वर्षीय पुत्र दीपांशु को सीने में फोड़ा होने की वजह से जिला अस्पताल कौशांबी में भर्ती कराया था. रामलाल के मुताबिक अस्पताल में पहले तो डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन करने के लिए पैसों की डिमांड की. रामलाल के मुताबिक जब उसने जिला अस्पताल के डॉक्टरों को 3,000 रुपये दिए तो 15 जुलाई को उसके बेटे का ऑपरेशन किया गया.

मृतक बच्चे के पिता ने लगाए ये आरोप.

ऑपरेशन के बाद जब शनिवार की सुबह मासूम दीपांशु की पट्टी चेंज करने के लिए ऑपरेशन रूम में लेकर गए तो वहां उसकी हालत बिगड़ गई. कुछ देर बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे और परिजनों को बाहर कर इलाज शुरू किया लेकिन तब तक दीपांशु ने दम तोड़ दिया. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने दीपांशु को मृत घोषित करने के बाद उसे लावारिस छोड़ दिया. पिता रामलाल अपने मासूम बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग करने लगा. कुछ लोगों ने एंबुलेंस के लिए पैसे दिए जाने की बात कही. इस दौरान पिता रामलाल अपने मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर एक एंबुलेंस से दूसरी एंबुलेंस तक भटकता रहा.

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जिला अस्पताल में मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर भटकते पिता का वीडियो जब जिला अस्पताल में मौजूद मीडियाकर्मियों ने बनाना शुरू किया, तो जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने पीड़ित पिता को मीडिया के हस्तक्षेप के बाद शव वाहन उपलब्ध कराया. मामले को लेकर जब जिला अस्पताल के सीएमएस दीपक सेठ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. वहीं, सीएमओ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी नहीं है. मीडिया द्वारा यह पूरा मामला संज्ञान में आया है. इस मामले में सीएमएस दीपक सेठ से रिपोर्ट तलब कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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