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लॉक डाउन के चलते बेटे के अंतिम दर्शन के लिए तरसता परिवार - कोरोना वायरस

कौशांबी के एक युवा की सऊदी अरब में 2 दिन पहले सड़क दुर्घटना में इलाज के दौरान मौत हो गई. भारतीय दूतावास ने युवक की मौत की सूचना परिजनों को दी, तो कोहराम मच गया. युवक के परिजन अब उसका अंतिम दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन चल रहा है. हवाई सेवाएं बंद होने के कारण शव भारत नहीं ला जा सकता ऐसे में परिवार ने भारत से लगाई मदद की गुहार.

लॉक डाउन के चलते बेटे के अंतिम दर्शन के लिए तरसता परिवार
लॉक डाउन के चलते बेटे के अंतिम दर्शन के लिए तरसता परिवार
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Published : Apr 16, 2020, 7:50 PM IST

Updated : May 27, 2020, 6:09 PM IST

कौशांबी : कौशांबी के एक युवा की सऊदी अरब में 2 दिन पहले सड़क दुर्घटना में इलाज के दौरान मौत हो गई. भारतीय दूतावास ने युवक की मौत की सूचना परिजनों को दी, तो कोहराम मच गया. युवक के परिजन अब उसका अंतिम दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन चल रहा है. हवाई सेवाएं बंद होने के कारण शव भारत नहीं ला जा सकता ऐसे में परिवार ने भारत से लगाई मदद की गुहार.



मंझनपुर कस्बे का मोहम्मद फारूक रोजी रोटी के सिलसिले में 6 माह पहले वतन छोड़कर सात समुंदर पार सऊदी अरब गया था. वहीं पर कई दिन तक इधर-उधर की ठोकरें खाने के बाद आखिरकार उसे ड्राइवर की नौकरी मिल गई. तकरीबन 3 महीने पहले वह जुम्मा की नमाज पढ़ने के लिए एक मस्जिद गया. सड़क के किनारे कार पार्किंग किया था कि इसी बीच अचानक एक तेज रफ्तार कंटेनर ने उसकी कार में टक्कर मार दिया. हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए. फारुख को गंभीर चोटे आई. उसे इलाज के लिए एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी फोन के माध्यम से परिजनों को दी गई लेकिन सात समुंदर पार होने के कारण कोई भी नहीं जा सका. 3 महीने तक फारुख जिंदगी और मौत से जंग लड़ता रहा, लेकिन मंगलवार को उसकी मौत हो गई.

मौत की खबर परिजनों को भारतीय दूतावास से मिली तो कोहराम मच गया. अब परिजन फारुक के शव को भारत मंगवाना चाहते हैं. ऐसे में परिजन को अब सिर्फ भारत सरकार से ही उम्मीद है.

कौशांबी : कौशांबी के एक युवा की सऊदी अरब में 2 दिन पहले सड़क दुर्घटना में इलाज के दौरान मौत हो गई. भारतीय दूतावास ने युवक की मौत की सूचना परिजनों को दी, तो कोहराम मच गया. युवक के परिजन अब उसका अंतिम दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन चल रहा है. हवाई सेवाएं बंद होने के कारण शव भारत नहीं ला जा सकता ऐसे में परिवार ने भारत से लगाई मदद की गुहार.



मंझनपुर कस्बे का मोहम्मद फारूक रोजी रोटी के सिलसिले में 6 माह पहले वतन छोड़कर सात समुंदर पार सऊदी अरब गया था. वहीं पर कई दिन तक इधर-उधर की ठोकरें खाने के बाद आखिरकार उसे ड्राइवर की नौकरी मिल गई. तकरीबन 3 महीने पहले वह जुम्मा की नमाज पढ़ने के लिए एक मस्जिद गया. सड़क के किनारे कार पार्किंग किया था कि इसी बीच अचानक एक तेज रफ्तार कंटेनर ने उसकी कार में टक्कर मार दिया. हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए. फारुख को गंभीर चोटे आई. उसे इलाज के लिए एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी फोन के माध्यम से परिजनों को दी गई लेकिन सात समुंदर पार होने के कारण कोई भी नहीं जा सका. 3 महीने तक फारुख जिंदगी और मौत से जंग लड़ता रहा, लेकिन मंगलवार को उसकी मौत हो गई.

मौत की खबर परिजनों को भारतीय दूतावास से मिली तो कोहराम मच गया. अब परिजन फारुक के शव को भारत मंगवाना चाहते हैं. ऐसे में परिजन को अब सिर्फ भारत सरकार से ही उम्मीद है.

Last Updated : May 27, 2020, 6:09 PM IST
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