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कौशांबी: डीजे संचालकों ने गो सेवा आयोग के सदस्य का किया घेराव

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Published : Sep 1, 2019, 10:03 AM IST

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में गो सेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह शनिवार को जिले के दौरे पर पहुंचे. यहां डीजे संचालकों ने उनका घेराव किया. डीजे संचालकों का कहना है कि कोर्ट ने डीजे बजाने में प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में डीजे संचालकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ेगा.

डीजे संचालकों ने गो सेवा आयोग के सदस्य का किया घेराव.

कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह शनिवार को कौशांबी दौरे पर पहुंचे. दौरे पर पहुंचने की जानकारी जैसे ही डीजे संचालकों को हुई तो डीजे संचालकों ने उनका घेराव किया. डीजे संचालकों का कहना है कि कोर्ट ने डीजे बजाने में प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में डीजे संचालकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ेगा. उनके पास मौजूद करोड़ों के उपकरण डिब्बा बन जाएंगे. डीजे संचालकों ने गो सेवा आयोग के सदस्यों से सरकार के द्वारा इस मामले में कोई भी बीच का रास्ता निकाले जाने के लिए एक ज्ञापन दिया. कृष्ण कुमार सिंह ने उन्हें सरकार की तरफ से मदद करने का भरोसा दिया.

डीजे संचालकों ने गो सेवा आयोग के सदस्य का किया घेराव.

क्या है पूरा मामला -

  • जनपद कौशांबी में लगभग 500 से ज्यादा डीजे हैं.
  • एक डीजे का उपकरण कम से कम दस लाख का होता है.
  • कई ऐसे डीजे संचालक हैं, जिनके एक डीजे बैंड का उपकरण लगभग 15 से 2 लाख रुपये का है.
  • करोड़ों के डीजे का उपकरण संचालकों के यहां पड़ा हुआ है.
  • डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगने की खबर मिलते ही संचालकों की नींद उड़ी हुई है.
  • एक ओर जहां उनका रोजगार गया, वहीं उपकरण में जो रकम फंसी हुई है वह कैसे निकले इसको लेकर वह चिंतित हैं.
  • कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास डीजे के अलावा रोजगार नहीं है.
  • ऐसे में उनके सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी है.

डीजे संचालकों ने उनसे मिलकर समस्या रखी है, क्योंकि यह विषय इलाहाबाद हाईकोर्ट का है. तो मैंने उनसे इतना ही आग्रह किया है कि शहर और गांव की शादियों में अंतर होता है. आप लोग पुनः पीठ के समक्ष अपनी समस्या रखिए न्यायपालिका कोई न कोई समाधान सुनिश्चित करेगी. हर एक चीज का विधान होता है. अगर अभी रास्ता सुलभ है तो हम ऊपर क्यों जाएं. मैं सरकार की तरफ से इतना ही कहना चाहता हूं कि योगी सरकार पूर्ण रूप से डीजे संचालकों के साथ है और कोर्ट में हर संभव मदद करेगी.
- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग

कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह शनिवार को कौशांबी दौरे पर पहुंचे. दौरे पर पहुंचने की जानकारी जैसे ही डीजे संचालकों को हुई तो डीजे संचालकों ने उनका घेराव किया. डीजे संचालकों का कहना है कि कोर्ट ने डीजे बजाने में प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में डीजे संचालकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ेगा. उनके पास मौजूद करोड़ों के उपकरण डिब्बा बन जाएंगे. डीजे संचालकों ने गो सेवा आयोग के सदस्यों से सरकार के द्वारा इस मामले में कोई भी बीच का रास्ता निकाले जाने के लिए एक ज्ञापन दिया. कृष्ण कुमार सिंह ने उन्हें सरकार की तरफ से मदद करने का भरोसा दिया.

डीजे संचालकों ने गो सेवा आयोग के सदस्य का किया घेराव.

क्या है पूरा मामला -

  • जनपद कौशांबी में लगभग 500 से ज्यादा डीजे हैं.
  • एक डीजे का उपकरण कम से कम दस लाख का होता है.
  • कई ऐसे डीजे संचालक हैं, जिनके एक डीजे बैंड का उपकरण लगभग 15 से 2 लाख रुपये का है.
  • करोड़ों के डीजे का उपकरण संचालकों के यहां पड़ा हुआ है.
  • डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगने की खबर मिलते ही संचालकों की नींद उड़ी हुई है.
  • एक ओर जहां उनका रोजगार गया, वहीं उपकरण में जो रकम फंसी हुई है वह कैसे निकले इसको लेकर वह चिंतित हैं.
  • कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास डीजे के अलावा रोजगार नहीं है.
  • ऐसे में उनके सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी है.

डीजे संचालकों ने उनसे मिलकर समस्या रखी है, क्योंकि यह विषय इलाहाबाद हाईकोर्ट का है. तो मैंने उनसे इतना ही आग्रह किया है कि शहर और गांव की शादियों में अंतर होता है. आप लोग पुनः पीठ के समक्ष अपनी समस्या रखिए न्यायपालिका कोई न कोई समाधान सुनिश्चित करेगी. हर एक चीज का विधान होता है. अगर अभी रास्ता सुलभ है तो हम ऊपर क्यों जाएं. मैं सरकार की तरफ से इतना ही कहना चाहता हूं कि योगी सरकार पूर्ण रूप से डीजे संचालकों के साथ है और कोर्ट में हर संभव मदद करेगी.
- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग

Intro:उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह आज कौशांबी दौरे पर पहुंचे। कौशांबी दौरे पर पहुंचने की जानकारी जैसे ही डीजे संचालकों को हुई डीजे संचालकों ने उनका घेराव किया। डीजे संचालकों का कहना है कि कोर्ट ने डीजे बजाने में प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में डीजे संचालकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ेगा। उनके पास मौजूद करोड़ों के उपकरण डिब्बा बन जाएंगे। डीजे संचालकों ने गौ सेवा आयोग के सदस्यों से सरकार के द्वारा इस मामले में कोई भी बीच का रास्ता निकाले जाने के लिए एक ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई रास्ता नहीं निकाला जाता तो संचालकों को परिवार भरण पोषण में दिक्कत आ जायेगी। कृष्ण कुमार सिंह ने उन्हें सरकार की तरफ से मदद करने का भरोशा दिया।


Body:डीजे संचालकों ने गौ सेवा आयोग के सदस्य का घेराव करते हुए उन्हें बताया कि जनपद कौशांबी में लगभग 500 से ज्यादा डीजे हैं।एक डीजे का उपकरण कम से कम दस लाख का होता है। कई ऐसे डीजे संचालक हैं जिनके एक डीजे बैंड का उपकरण लगभग 15 से 2ओ लाख रुपए का है। कंपटीशन को लेकर डीजे संचालकों ने अपना नाम व रुपया कमाने के लिए मोटी रकम फसाई है। करोड़ों के डीजे का उपकरण संचालकों के यहां पड़ा हुआ है। डीजे बजाने पर जैसे ही उन्हें प्रतिबंध लगने की खबर मिली उनके होश उड़ गए है। संचालकों की नींद उड़ी हुई है। एक ओर जहाँ उनका रोजगार गया वही उपकरण में जो रकम फंसी हुई है वह कैसे निकले इसको लेकर वह चिंतित हैं। कई ऐसे लोग हैं जिनके पास डीजे बजाने के अलावा रोजगार नहीं है। ऐसे में उनके सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी है।

बाइट-- उमेश चंद्र वर्मा महामंत्री डीजे संचालक संघ


Conclusion:गौ सेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह के मुताबिक डीजे संचालकों ने उनसे मिलकर समस्या रखी है, क्योंकि यह विषय इलाहाबाद हाईकोर्ट का है। तो मैंने उनसे इतना ही आग्रह किया है कि शहर और गांव की शादियों में अंतर होता है। आप लोग पुनः पीठ के समक्ष अपनी समस्या रखिए न्यायपालिका कोई ना कोई समाधान सुनिश्चित करेगी। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या सरकार एससी एसटी एक्ट की तरह इस रोजगार के मुद्दे में कोई हल निकालेगी तो उन्होंने कहा की हर एक चीज का विधान होता है।अगर अभी रास्ता सुलभ है तो हम ऊपर क्यों जाएं। मैं सरकार की तरफ से इतना ही कहना चाहता हूं कि योगी सरकार पूर्ण रूप से डीजे संचालकों के साथ है और कोर्ट में हर संभव मदद करेगी।

बाइट-- कृष्ण कुमार सिंह सदस्य उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग
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