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कौशांबी: भूमि विवादों के निस्तारण के लिये डीएम ने तैयार किया मास्टर प्लान

यूपी के कौशांबी में भूमि विवादों को निपटाने के लिए जिलाधिकारी ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है. इसके तहत जिले के सभी थानों में राजस्व और पुलिस की कई टीमें बनाई गई. इस दौरान शिविर का आयोजन कर भूमि विवादों का निपटारा करने का प्रयास किया गया.

शिविर लगाकर भूमि विवादों का निस्तारण किया गया.
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Published : Jul 19, 2019, 9:09 AM IST

कौशांबी: जनपद में भूमि विवादों को निपटाने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने एक अलग डाटा तैयार करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत गुरुवार को चरवा थाने में भूमि विवाद संबंधी शिविर लगाया गया. जिसमें जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता सहित एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो, हल्का लेखपाल के साथ बीट के सिपाही भी मौजूद रहे. रजिस्टर में दर्ज शिकायतकर्ताओं के साथ विपक्ष को भी थाने बुलाया गया. जिलाधिकारी ने शिकायतें सुनने के बाद लेखपाल और पुलिस की टीम को मौके पर भेजकर संबंधित विवाद को निपटाने के आदेश दिए.

भूमि विवादों के निस्तारण के लिये लगाए गए शिविर.

भूमि विवादों के लिए जिलाधिकारी ने तैयार किया डाटा प्लान

  • कौशांबी में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भूमि विवादों को निपटाने के लिए एक सार्थक पहल की है.
  • जिलाधिकारी ने इसके लिए हर थाने में एक अलग से रजिस्टर बना कर भूमि विवाद संबंधी डाटा तैयार करने की योजना बनाई है.
  • उन्होंने हर थाने में रजिस्टर बना कर भूमि विवाद संबंधी शिकायत करने वाले पक्ष-विपक्ष, दोनों का फोन नंबर और अन्य जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया है.
  • इस रजिस्टर के आधार पर हर सप्ताह थाना क्षेत्र का दौरा कर भूमि विवादों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा.
  • इसी क्रम में गुरुवार को चरवा थाने में भूमि विवाद संबंधी शिविर लगाया गया.
  • शिविर में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता सहित एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो हल्का लेखपाल के साथ बीट के सिपाही भी मौजूद रहे.
  • जहां पक्ष-विपक्ष की बातों को सुनने के बाद तुरंत ही कई छोटे-छोटे मामलों का निस्तारण मौके पर टीम भेजकर कराया गया.


अभी कुछ समय में राजस्व के विवादों की संख्या काफी बढ़ गई है. इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा समस्या यह आती थी कि राजस्व विभाग कुछ मामलों में पुलिस की तरफ एप्लीकेशन भेज देते थे और पुलिस की तरफ से रिपोर्ट लगा दी जाती थी कि बिना लेखपाल के निस्तारण नहीं किया जा सकता. ऐसे में सही मायने में शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाता था. इसी को लेकर इस जनपद में एक नया प्रयोग किया गया है. जिसमें लेखपाल और बीट कांस्टेबल का क्षेत्र एक जैसा कर दिया गया है. थाने में एक रजिस्टर बनवाया गया है, जिसमें भूमि विवाद की जानकारी रखी जाती है. उस रजिस्टर के माध्यम से दोनों पक्षों को बुलाकर सुना जाता है और मौके पर टीम भेजकर निस्तारण कराया जाता है.
-मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, कौशाम्बी

कौशांबी: जनपद में भूमि विवादों को निपटाने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने एक अलग डाटा तैयार करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत गुरुवार को चरवा थाने में भूमि विवाद संबंधी शिविर लगाया गया. जिसमें जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता सहित एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो, हल्का लेखपाल के साथ बीट के सिपाही भी मौजूद रहे. रजिस्टर में दर्ज शिकायतकर्ताओं के साथ विपक्ष को भी थाने बुलाया गया. जिलाधिकारी ने शिकायतें सुनने के बाद लेखपाल और पुलिस की टीम को मौके पर भेजकर संबंधित विवाद को निपटाने के आदेश दिए.

भूमि विवादों के निस्तारण के लिये लगाए गए शिविर.

भूमि विवादों के लिए जिलाधिकारी ने तैयार किया डाटा प्लान

  • कौशांबी में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भूमि विवादों को निपटाने के लिए एक सार्थक पहल की है.
  • जिलाधिकारी ने इसके लिए हर थाने में एक अलग से रजिस्टर बना कर भूमि विवाद संबंधी डाटा तैयार करने की योजना बनाई है.
  • उन्होंने हर थाने में रजिस्टर बना कर भूमि विवाद संबंधी शिकायत करने वाले पक्ष-विपक्ष, दोनों का फोन नंबर और अन्य जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया है.
  • इस रजिस्टर के आधार पर हर सप्ताह थाना क्षेत्र का दौरा कर भूमि विवादों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा.
  • इसी क्रम में गुरुवार को चरवा थाने में भूमि विवाद संबंधी शिविर लगाया गया.
  • शिविर में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता सहित एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो हल्का लेखपाल के साथ बीट के सिपाही भी मौजूद रहे.
  • जहां पक्ष-विपक्ष की बातों को सुनने के बाद तुरंत ही कई छोटे-छोटे मामलों का निस्तारण मौके पर टीम भेजकर कराया गया.


अभी कुछ समय में राजस्व के विवादों की संख्या काफी बढ़ गई है. इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा समस्या यह आती थी कि राजस्व विभाग कुछ मामलों में पुलिस की तरफ एप्लीकेशन भेज देते थे और पुलिस की तरफ से रिपोर्ट लगा दी जाती थी कि बिना लेखपाल के निस्तारण नहीं किया जा सकता. ऐसे में सही मायने में शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाता था. इसी को लेकर इस जनपद में एक नया प्रयोग किया गया है. जिसमें लेखपाल और बीट कांस्टेबल का क्षेत्र एक जैसा कर दिया गया है. थाने में एक रजिस्टर बनवाया गया है, जिसमें भूमि विवाद की जानकारी रखी जाती है. उस रजिस्टर के माध्यम से दोनों पक्षों को बुलाकर सुना जाता है और मौके पर टीम भेजकर निस्तारण कराया जाता है.
-मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी, कौशाम्बी

Intro:भूमि विवाद के चलते कुशीनगर में हुए नरसंहार में 10 लोगों की मौत के बाद कौशांबी जिला प्रशासन हरकत में आया ।जिसके बाद कौशाम्बी जिले में भूमि विवादों को निपटाने के लिए जिलाधिकारी ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है।इस मास्टर प्लान के तहत कौशाम्बी के सभी थानों में राजस्व और पुलिस की कई टीम बनाई गई। इसी क्रम में गुरुवार को जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक के साथ चरवा थाना में शिविर लगाकर कई भूमि संबंधित मामले का त्वरित निस्तारण किया। जिलाधिकारी ने टीम को मौके पर भेज मामले के निस्तारण करवाया।


Body:कौशांबी के जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भूमि विवाद को निपटाने के लिए एक अलग डाटा तैयार करने की योजना बनाई। इसके लिए हर थाने में एक अलग से रजिस्टर बना कर भूमि विवाद संबंधी शिकायत करने वाले पक्ष विपक्ष दोनों का फोन नंबर और जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया। इसी रजिस्टर के आधार पर हर सप्ताह थाना क्षेत्र का दौरा कर भूमि विवाद का निस्तारण त्वरित किया जाएगा। इस योजना के तहत गुरुवार को चरवा थाने में भूमि विवाद संबंधी शिविर लगाया गया। जिसमें जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता सहित एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगों हल्का लेखपाल व बीट के सिपाही आदि मौजूद रहे। रजिस्टर में दर्ज शिकायत कर्ताओं के साथ विपक्ष को भी थाने बुलाया गया। पक्ष विपक्ष की बातों को सुनने के बाद तुरंत ही कई छोटे-छोटे मामलों का निस्तारण के लिए मौके पर टीम भेजकर कराया गया। अधिकतर देखा जाता है कि छोटे-छोटे विवादों के कारण बड़ा हादसा हो जाता है। यही वजह है कि गुरुवार को शिविर का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने शिकायत को सुनने के बाद लेखपाल और पुलिस की टीम को मौके पर भेज संबंधित विवाद को निपटाने के आदेश दिए। निस्तारण के बाद भी दोनों पक्षों से पूछताछ कर जानकारी हासिल की गई कि निस्तारण हुआ या नही।


Conclusion:जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के मुताबिक अभी कुछ समय में राजस्व के विवादों की संख्या काफी बढ़ गई है। इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा समस्या यह आती थी कि राजस्व विभाग कुछ मामलों में पुलिस की तरफ एप्लीकेशन भेज देते थे और पुलिस की तरफ से रिपोर्ट लगा दी जाती थी कि बिना लेखपाल के निस्तारण नहीं किया जा सकता। ऐसे में सही मायने में शिकायतकर्ता का निस्तारण नहीं हो पाता था । इसी को लेकर इस जनपद में एक नया प्रयोग किया गया है। जिसमें लेखपाल और बीट कांस्टेबल का क्षेत्र एक जैसा कर दिया गया है। थाने में एक रजिस्टर बनवाया गया है । जिसमें भूमि विवाद की जानकारी रखी जाती है। उसके बाद उस रजिस्टर के माध्यम से दोनों पक्षों को बुलाकर सुना जाता है और मौके पर टीम बस कर निस्तारण कराया जाता है।

बाइट-- मनीष कुमार वर्मा जिलाधिकारी कौशाम्बी
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