कौशाम्बी: जिला अस्पताल से 15 वेंटिलेटर प्रयागराज के निजी अस्पताल में दिए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर युवा वर्ग ने सोशल मीडिया में वेंटिलेटर वापस लाए जाने की मांग को लेकर अभियान छेड़ रखा है. वहीं मंगलवार को जिले के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से जनपद के वेंटिलेटर वापस लाए जाने की मांग की है. उन्होंने एडीएम को ज्ञापन सौंप कर वेंटिलेटर वापस नहीं आने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक यदि वेंटिलेटर की वजह से किसी मरीज की मौत होती है तो इसका दोषी जिला प्रशासन होगा.
15 वेंटिलेटर जिला अस्पताल को दे दिए
जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है. कोविड संक्रमित मरीजों की हालत बिगड़ने और सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने पर उनको वेंटिलेटर पर रखा जाता है. जिला अस्पताल में पहले से 9 वेंटिलेटर थे. बीते वर्ष कोरोना ने अपना रंग दिखाया तो जन प्रतिनिधियों और अन्य लोगों की मांग पर शासन ने पीएम केयर फंड से खरीदे गए वेंटिलेटरों में से 15 वेंटिलेटर जिला अस्पताल को दिए थे. इसका लाभ जिले के लोगों को मिलता, इससे पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने इसे दान कर दिया. इन दिनों प्रयागराज के यूनाइटेड मिडसीट अस्पताल में जिला अस्पताल के वेंटिलेटर से मरीजों का उपचार हो रहा है. आरोप है कि इसके लिए वह मनमाना शुल्क भी वसूल रहा है. इसकी जानकारी मिलने पर कांग्रेस के कोषाध्यक्ष वेद पांडेय ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध जताते हुए लोगों से वेंटिलेटर वापस किए जाने के लिए जिला प्रशासन से मांग करने की अपील भी की थी, जिसके बाद से युवाओं ने वेंटिलेटर वापस लाए जाने का अभियान सोशल मीडिया पर छेड़ रखा है.
बार एसोसिएशन ने भी वेंटिलेटर वापस लाए जाने की मांग की
जिला अस्पताल के 15 वेंटिलेटर प्रयागराज के निजी हॉस्पिटल में दिए जाने के मामले में मंगलवार को कौशांबी जिले के बार एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम को सौंपा. बार एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि जनपद के वेंटिलेटर को वापस लाया जाए. यदि जल्द से जल्द जिला प्रशासन वेंटिलेटर वापस नहीं लाता है तो मजबूरन बार एसोसिएशन धरना-प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरेगा. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनु देव त्रिपाठी ने कहा कि यदि वेंटिलेटर की कमी के चलते किसी भी अधिवक्ता साथी या अन्य मरीजों की मौत होती है तो इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा.
इसे भी पढ़ें- गरीब रामबदन की जान ले गया सीएम का प्रोटोकॉल !