कासगंज: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election- 2022 ) को लेकर अभी से ही सियासी पार्टियां खासा सक्रिय हो गई हैं और यही कारण है कि जमीनी स्तर पर पार्टी की मजबूती और जनता के बीच साख बनाने को नेता क्षेत्र के दौरे के साथ ही समस्याओं पर अब खुलकर बात कर रहे हैं. वहीं, दलगत सियासी पार्टियों व विकास कार्यों को लेकर किए जा रहे दांवों की असल हकीकत को जानने को निकली ईटीवी भारत की टीम ने कासगंज (Kasganj) की पटियाली विधानसभा (Patiali Assembly) क्षेत्र के उस गांव का दौरा किया, जिसे क्षेत्रीय सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया (BJP MP Rajveer Singh) ने गोद ले रखा है.
दरअसल, पटियाली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले इस गांव में शाक्य बहुलता में हैं और इस क्षेत्र के विधायक ममतेश शाक्य (MLA Mamtesh Shakya) भी इस समाज से आते हैं.
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कासगंज जिले की पटियाली विधानसभा के गांव औरंगाबाद (Aurangabad), जिसे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Former Chief Minister Kalyan Singh) के बेटे व एटा लोकसभा के सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मई 2014 में गोद लिया था. गोद लेने के करीब साढ़े सात साल बाद इस गांव में क्या विकास कार्य हुए हैं और यहां की जनता 2022 के विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनाएगी के बारे में जानने को ईटीवी भारत की टीम ने औरंगाबाद के मजरा नगला काछियान में स्थानीय बाशिंदों से बातकर उनकी राय जानी.
दरअसल, नगला काछियान विशेष इसलिए भी है कि यहां विकास कार्य न के बराबर हुए हैं और इस गांव में शाक्य समाज के लोग बहुलता में हैं. और तो और क्षेत्र के विधायक ममतेश शाक्य भी इसी समाज से आते हैं. बावजूद इसके इस गांव के लोगों में मौजूदा विधायक के प्रति खासा रोष है और लोगों की मानें तो यहां विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं हुआ है. इतना ही नहीं स्थानीय ग्रामीणों ने विधायक पर उपेक्षा का भी आरोप लगाया.
हालांकि, औरंगाबाद गांव के नगला काछियान के लोगों से बात करने के बाद यह तो स्पष्ट हो गया कि यहां के लोग मौजूदा भाजपा विधायक के कामकाज से खासा नाराज हैं और अबकी शायद उन्हें वोट भी न करें.