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यूपी में मिला जीका वायरस का पहला मरीज, दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीम

कानपुर में शनिवार को जीका वायरस का पहला मरीज पाया गया है. दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम कानपुर पहुंच गई है. मरीज के संपर्क में आने वालों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं.

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Published : Oct 24, 2021, 10:46 AM IST

Updated : Oct 24, 2021, 4:10 PM IST

यूपी में मिला जीका वायरस
यूपी में मिला जीका वायरस

कानपुर : यूपी में जहां कोरोना संक्रमण ने दम तोड़ दिया है वहीं अब जीका वायरस का पहला मरीज कानपुर में पाया गया है. एयरफोर्स स्टेशन के वारंट अफसर एमएम अली को संक्रमण की पुष्टि हुई है. उन्हें एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती किया गया हैं. लक्षणों के आधार पर अस्पताल ने उनका सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा था, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को आई. एयरफोर्स के वारंट अफसर एमएम अली को चार-पांच दिन से बुखार आ रहा था.

जिले के स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों ने भी टीम बनाकर एयरफोर्स कर्मी के घर ऑफिस और जहां गए गए हैं उन सब इलाकों पर जाकर फागिंग और सैंपल लेने की कवायद भी शुरू कर दी है. संक्रमण की पुष्टि होने पर दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम कानपुर पहुंची है. मरीज के संपर्क में आने वालों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं. जीका संक्रमण की रोकथाम के लिए 10 टीमें गठित की गई हैं. जीका संक्रमित रोगी मिलने की खबर पर स्वास्थ्य विभाग में सनसनी फैल गई. उनके साथ काम करने वाले और पोरखपुर में उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की सैंपलिंग की गई. सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे जाएंगे.

डीएम विशाख जी ने एयरफोर्स अस्पताल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, उर्सला, डफरिन, कांशीराम अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बैठक बुलाई. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीज से संबंधित स्थानों का निरीक्षण किया और रोग से बचाव के कदम उठाए गए. वहीं नगर निगम की टीम को फॉगिंग और मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि मरीज में जीका की पुष्टि हुई है. यह यूपी का पहला मामला है. रोकथाम के कदम उठाए जा रहे हैं.

जीका वायरस अफ्रीकी देशों में काफी ज्यादा एक्टिव रहता है और यह काफी खतरनाक माना जाता है. कानपुर में पहली बार यह वायरस मिला है, जिसके बाद से जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों और आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं.

कानपुर के सीएमओ डॉक्टर नेपाल सिंह ने बताया कि कल एक एयरपोर्ट कर्मी के अंदर जीका वायरस की पुष्टि हुई है, जिसके बाद 10 टीमें बनाकर वायरस को कंट्रोल करने के लिए स्वास्थ विभाग तैयार कर दिया गया है. यह टीम में सोर्स डिटेक्शन फागिंग सैंपल कलेक्शन और यह पता लगाने की कि आखिर यह वायरस कहां से आया और अब तक एक किन लोगों में फैल चुका है. इसे कंट्रोल करने के लिए भी टीमें लगी हुई है.

स्वास्थ्य विभाग ने बनाईं दस टीमें, जांच में जुटीं

सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह का कहना है कि एयरफोर्स कर्मी के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. दस टीमें बना दी गईं हैं. संक्रमित एयरफोर्स कर्मी के घर के आसपास और संपर्क में आए लोगों के घरों के आसपास फागिंग और जांच आदि की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह वायरस आया कहां से. साथ ही इसके संक्रमण से निपटने की रणनीति तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि एयरफोर्स कर्मी के संपर्क में आए 22 लोगों की जांच के सैंपल लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं.

यह भी पढ़ेंः 'मन की बात' में बोले पीएम, 100 करोड़ टीकाकरण के बाद देश में नई ऊर्जा

कानपुर : यूपी में जहां कोरोना संक्रमण ने दम तोड़ दिया है वहीं अब जीका वायरस का पहला मरीज कानपुर में पाया गया है. एयरफोर्स स्टेशन के वारंट अफसर एमएम अली को संक्रमण की पुष्टि हुई है. उन्हें एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती किया गया हैं. लक्षणों के आधार पर अस्पताल ने उनका सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा था, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को आई. एयरफोर्स के वारंट अफसर एमएम अली को चार-पांच दिन से बुखार आ रहा था.

जिले के स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों ने भी टीम बनाकर एयरफोर्स कर्मी के घर ऑफिस और जहां गए गए हैं उन सब इलाकों पर जाकर फागिंग और सैंपल लेने की कवायद भी शुरू कर दी है. संक्रमण की पुष्टि होने पर दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम कानपुर पहुंची है. मरीज के संपर्क में आने वालों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं. जीका संक्रमण की रोकथाम के लिए 10 टीमें गठित की गई हैं. जीका संक्रमित रोगी मिलने की खबर पर स्वास्थ्य विभाग में सनसनी फैल गई. उनके साथ काम करने वाले और पोरखपुर में उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की सैंपलिंग की गई. सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे जाएंगे.

डीएम विशाख जी ने एयरफोर्स अस्पताल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, उर्सला, डफरिन, कांशीराम अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बैठक बुलाई. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीज से संबंधित स्थानों का निरीक्षण किया और रोग से बचाव के कदम उठाए गए. वहीं नगर निगम की टीम को फॉगिंग और मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि मरीज में जीका की पुष्टि हुई है. यह यूपी का पहला मामला है. रोकथाम के कदम उठाए जा रहे हैं.

जीका वायरस अफ्रीकी देशों में काफी ज्यादा एक्टिव रहता है और यह काफी खतरनाक माना जाता है. कानपुर में पहली बार यह वायरस मिला है, जिसके बाद से जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों और आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं.

कानपुर के सीएमओ डॉक्टर नेपाल सिंह ने बताया कि कल एक एयरपोर्ट कर्मी के अंदर जीका वायरस की पुष्टि हुई है, जिसके बाद 10 टीमें बनाकर वायरस को कंट्रोल करने के लिए स्वास्थ विभाग तैयार कर दिया गया है. यह टीम में सोर्स डिटेक्शन फागिंग सैंपल कलेक्शन और यह पता लगाने की कि आखिर यह वायरस कहां से आया और अब तक एक किन लोगों में फैल चुका है. इसे कंट्रोल करने के लिए भी टीमें लगी हुई है.

स्वास्थ्य विभाग ने बनाईं दस टीमें, जांच में जुटीं

सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह का कहना है कि एयरफोर्स कर्मी के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. दस टीमें बना दी गईं हैं. संक्रमित एयरफोर्स कर्मी के घर के आसपास और संपर्क में आए लोगों के घरों के आसपास फागिंग और जांच आदि की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह वायरस आया कहां से. साथ ही इसके संक्रमण से निपटने की रणनीति तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि एयरफोर्स कर्मी के संपर्क में आए 22 लोगों की जांच के सैंपल लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं.

यह भी पढ़ेंः 'मन की बात' में बोले पीएम, 100 करोड़ टीकाकरण के बाद देश में नई ऊर्जा

Last Updated : Oct 24, 2021, 4:10 PM IST
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