कानपुर: सूबे के साथ ही शहर में निकाय चुनाव को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है. पहले चरण के मतदान को लेकर भाजपा, सपा व बसपा ने महापौर प्रत्याशियों की सूची भी जारी कर दी है. ऐसे में कानपुर में जो महापौर पद के लिए चुनाव होना है उसमें 28 सालों में यहां एक संयोग बन रहा है कि शहर में तीसरी बार महापौर की महिला सीट होगी.
वहीं, अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो एक अजब संयोग यह भी होगा कि तीसरी बार भाजपा से ही महिला महापौर के हाथों में शहर की कमान होगी क्योंकि पिछले चुनावों के आंकड़ों को देखें तो सन् 1995 में स्व.सरला सिंह ने चुनाव जीता था और वह भाजपा से थीं. इसके बाद 2017 में मेयर का पद प्रमिला पांडेय को मिला और वह भी भाजपा की ओर से दावेदार रहीं. अभी, फिलहाल भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया जबकि सपा और कांग्रेस ने इस सीट के लिए ब्राह्मण कार्ड चलते हुए अपने दावेदारों को मैदान में उतार दिया है.
इस पूरे मामले पर शहर से वरिष्ठ पत्रकार और विशेषज्ञ अंजनी निगम ने कहा कि देखिए महापौर कोई भी बने, बस उसे शहर के विकास की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. शहर में जो गंदगी, जाम, आवारा जानवर समेत अन्य समस्याएं हैं उनका निराकरण करा दे, तभी पद का उद्देश्य पूरा मानना चाहिए. वह बोले कि पहले भी कई ऐसे मेयर प्रतिष्ठित घरानों से रहे जिन्होंने शहर का विकास किया इसलिए, शहर के लोग आज भी उन्हें और उनकी कार्यशैली को याद रखते हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी बार महिला महापौर सीट जरूर होगी. बशर्ते, सीट की भूमिका को समझते हुए संबंधित शहर के प्रथम नागरिक को शहर के विकास पर सबसे अधिक फोकस करना होगा.