कानपुर: लॉकडाउन से एक तरफ जहां मजदूरों गरीबों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ रही है, तो दूसरी ओर कानपुर के काकादेव इलाके में कोचिंग सेंटर्स का हजारों छात्र-छात्राों के सामने भी अब खाने-पीने की समस्या आ रही है.
छात्रों के सामने खाने के लाले
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़े कोचिंग सेंटर्स कानपुर के काकादेव में है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां पर देश के कई राज्यों से छात्र कोचिंग करने के लिए आते हैं. लगभग एक लाख के छात्र यहां आईआईटी, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पढ़ाई करते हैं. लॉकडॉउन के बाद अब इन सभी छात्र-छात्राओं के सबसे बड़ी भोजन की रही है, क्योंकि ज्यादातर छात्र या तो मेस में खाना खाते थे और फिर टिफिन सर्विस लेते थे, लेकिन अब दोनों सेवाएं बंद कर दी गई हैं. ऐसे में इन लोगों के पास न गैस चूल्हा हैं ना ही बर्तन, जिसकी वजह से इन छात्रों के सामने खाने-पीने के सामान की दिक्कत पैदा हो गयी है.
यहां पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र सामान्य परिवारों से आते हैं. किसी के माता-पिता किसान हैं, कोई प्राइवेट नौकरी करते हैं. इन लोगों के सामने पैसे की भी समस्या है और खाने की भी समस्या आ रही है. जिनके पास रसोई गैस है ये लोग उनके पास जाकर इकट्ठा होकर खाना बनाते हैं.
छात्रों का कहना है कि ऐसे कब तक चलेगा, अब उनके पास पैसे भी खत्म हो गए हैं, राशन भी नहीं है. ऐसे में अब ये लोग अपना गुजारा कैसे करेंगे. छात्रों ने सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.