कानपुर : प्लॉट पर कब्जे और आगजनी के मामले में शहर से सपा विधायक इरफान सोलंकी ने अपनी जमानत के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है. दूसरी ओर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने भी सपा विधायक के खिलाफ तैयार सभी साक्ष्य दाखिल कर दिए हैं. पुलिस अफसरों का दावा है, इस मामले में जल्द सुनवाई होगी.
बढ़ सकती है विधायक की मुश्किलें : इरफान सोलंकी के समर्थकों का कहना है, कि वह चाहते हैं कि उन्हें जमानत मिल जाए. वहीं, पुलिस अफसरों का कहना है कि पुलिस की ओर से इतने पर्याप्त साक्ष्य सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिए गए हैं, जिससे केवल न्याय की आस है. दरअसल, पिछले नौ माह से लगातार इस मामले में कई बार सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी व अन्य मददगारों को कानपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया जा चुका है. एक तरह से कहें तो शहर में इस मामले की चर्चा जोरों पर है. जिस तरह पुलिस साक्ष्यों का दावा कर रही है, उससे साफ है कि सपा विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
पिछली सुनवाई में पुलिस से भिड़ गए थे इरफान : कुछ दिनों पहले ही सपा विधायक इरफान सोलंकी पेशी के दौरान कानपुर कोर्ट आए थे, जैसे ही सपा विधायक इरफान ने मीडियाकर्मियों से बात करने की कोशिश की थी, तो फौरन ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया था. पुलिस का यह रवैया देख, सपा विधायक इरफान सोलंकी पुलिस से भिड़ गए थे. पेशी पर आने के दौरान कई बार, सपा विधायक इरफान और पुलिस के बीच नोंकझोंक हो चुकी है.
यह है मामला : शहर के जाजमऊ थाना क्षेत्र की निवासी एक महिला ने सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी पर अपने प्लॉट पर कब्जा व आगजनी का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर सपा विधायक के खिलाफ जाजमऊ थाने में मुकदमा दर्ज किया था, जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी, वैसे-वैसे सपा विधायक पर कई अन्य मुकदमे दर्ज होते चले गए. पिछले कई माह से सपा विधायक इरफान सोलंकी जहां महाराजगंज जेल में बंद हैं, वहीं उनके भाई रिजवान सोलंकी कानपुर जेल में बंद हैं.
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