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शादी अनुदान योजना घोटाला, समाज कल्याण अधिकारी निलंबित - scam in Uttar Pradesh

यूपी में सरकारी योजना में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. कानपुर जिले में शादी अनुदान योजना और पारिवारिक लाभ योजना के तहत 7 करोड़ 26 लाख रुपये की धनराशि अपात्रों को बांट दी गई.

social welfare officer suspended
शादी अनुदान योजना घोटाला
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Published : Jun 18, 2021, 3:42 PM IST

कानपुर: महानगर में इन दिनों शादी अनुदान और परिवारिक लाभ योजना घोटाला चर्चा का विषय बना हुआ है. आरोप है कि गलत तरीके से अपात्र द्वारा शादी के लिए अनुदान और परिवारिक लाभ योजना का फायदा उठाया गया है, जिसका खुलासा अब हुआ है. मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई है.

पारिवारिक लाभ योजना में 1,444 और शादी अनुदान में 1,079 लाभार्थी फर्जी पाए गए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि योजना का लाभ लेने के लिए इन लोगों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र और फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है. जांच में यह बात भी सामने आई है कि इन दोनों योजनाओं के तहत सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा शहरी क्षेत्रों में हुए हैं.

इसे भी पढ़ें- बच्चों से भीख मंगवाने वालों के खिलाफ एक्शन में कानपुर पुलिस

मामले की जांच में सामने आया है कि समाज कल्याण विभाग ने पिछ्ले 2 वर्षो में करीब 2 हाजर 523 अपात्र लाेगों को 7 करोड़ 26 लाख रुपये की धनराशि सरकारी योजना के तहत बांट दी है. इस फर्जीवाड़े में समाज कल्याण अधिकारी दोषी मिले हैं, जिसके बाद जिला अधिकारी की संस्तुति पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है.



शादी अनुदान और परिवारिक लाभ योजना में हुए घोटाले की जांच सीडीओ महेंद्र सिंह कर रहे थे. जांच में पाया गया कि समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने यह पूरा फर्जीवाड़ा किया है. समाज कल्याण अधिकारी के दोषी पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है. मामले में तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार की भूमिका की भी जांच की जा रही है. वहीं इस मामले में 14 लेखपाल और छह कानूनगो से भी जवाब तलब किया गया है.

इसे भी पढ़ें- राहत : कानपुर से घाटमपुर के बीच फिर शुरू हुई सीएनजी बस सेवा

कानपुर: महानगर में इन दिनों शादी अनुदान और परिवारिक लाभ योजना घोटाला चर्चा का विषय बना हुआ है. आरोप है कि गलत तरीके से अपात्र द्वारा शादी के लिए अनुदान और परिवारिक लाभ योजना का फायदा उठाया गया है, जिसका खुलासा अब हुआ है. मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई है.

पारिवारिक लाभ योजना में 1,444 और शादी अनुदान में 1,079 लाभार्थी फर्जी पाए गए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि योजना का लाभ लेने के लिए इन लोगों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र और फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है. जांच में यह बात भी सामने आई है कि इन दोनों योजनाओं के तहत सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा शहरी क्षेत्रों में हुए हैं.

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मामले की जांच में सामने आया है कि समाज कल्याण विभाग ने पिछ्ले 2 वर्षो में करीब 2 हाजर 523 अपात्र लाेगों को 7 करोड़ 26 लाख रुपये की धनराशि सरकारी योजना के तहत बांट दी है. इस फर्जीवाड़े में समाज कल्याण अधिकारी दोषी मिले हैं, जिसके बाद जिला अधिकारी की संस्तुति पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है.



शादी अनुदान और परिवारिक लाभ योजना में हुए घोटाले की जांच सीडीओ महेंद्र सिंह कर रहे थे. जांच में पाया गया कि समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने यह पूरा फर्जीवाड़ा किया है. समाज कल्याण अधिकारी के दोषी पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है. मामले में तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार की भूमिका की भी जांच की जा रही है. वहीं इस मामले में 14 लेखपाल और छह कानूनगो से भी जवाब तलब किया गया है.

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