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कानपुर: विकास दुबे के एनकाउंटर सीन का हुआ रिक्रिएशन - विकास दुबे के एनकाउंटर का सीन का रिक्रिएशन

यूपी के कानपुर में फॉरेंसिक टीम ने विकास दुबे के एनकाउंटर के सीन का रिक्रिएशन किया. इस दौरान एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ के जवान भी मौजूद रहे. इस पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी भी की गई.

रीक्रिएट किया गया विकास दुबे के एनकाउंटर का सीन.
रीक्रिएट किया गया विकास दुबे के एनकाउंटर का सीन.
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Published : Jul 19, 2020, 6:33 AM IST

कानपुर: लखनऊ से आई फॉरेंसिक टीम और पुलिस ने शनिवार को विकास दुबे एनकाउंटर का रिक्रिएशन किया. इससे पहले भी टीम ने पुलिस की मदद से विकास दुबे के साथियों के एनकाउंटर का रिक्रिएशन किया था. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री लखनऊ के एके श्रीवास्तव से बातचीत की.

रीक्रिएट किया गया विकास दुबे के एनकाउंटर का सीन.

इस बातचीत में हमने जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों एनकाउंटर के क्राइम सीन का रिक्रिएशन होता है. एके श्रीवास्तव ने बताया कि इसके जरिए हम वैज्ञानिक सोच के साथ तथ्यों को समझते हैं और मामले की सत्यता को परखते हैं. इससे घटना की सत्यता का पता चलता है और घटना में छिपे तत्व और साक्ष्य सामने आते हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए बड़ा सवाल बन चुके विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर जांच प्रक्रिया आगे बढ़ती ही जा रही है. इसके चलते 8 पुलिसवालों की हत्या का रिक्रिएशन करने के बाद फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की टीम विकास एनकाउंटर की जांच करने घटनास्थल पर पहुंची. यहां सीन को रीक्रिएट किया गया और इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो ग्राफी भी हुई.

इस दौरान एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ के जवान भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि उस दिन कैसे मुठभेड़ हुई थी. वही फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री के मुख्य जांच अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस तरह की जांच यूपी में होने वाले हर एनकाउंटर में होनी चाहिए. ताकि हकीकत सामने निकल कर बाहर आ सके.

कानपुर: लखनऊ से आई फॉरेंसिक टीम और पुलिस ने शनिवार को विकास दुबे एनकाउंटर का रिक्रिएशन किया. इससे पहले भी टीम ने पुलिस की मदद से विकास दुबे के साथियों के एनकाउंटर का रिक्रिएशन किया था. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री लखनऊ के एके श्रीवास्तव से बातचीत की.

रीक्रिएट किया गया विकास दुबे के एनकाउंटर का सीन.

इस बातचीत में हमने जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों एनकाउंटर के क्राइम सीन का रिक्रिएशन होता है. एके श्रीवास्तव ने बताया कि इसके जरिए हम वैज्ञानिक सोच के साथ तथ्यों को समझते हैं और मामले की सत्यता को परखते हैं. इससे घटना की सत्यता का पता चलता है और घटना में छिपे तत्व और साक्ष्य सामने आते हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए बड़ा सवाल बन चुके विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर जांच प्रक्रिया आगे बढ़ती ही जा रही है. इसके चलते 8 पुलिसवालों की हत्या का रिक्रिएशन करने के बाद फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की टीम विकास एनकाउंटर की जांच करने घटनास्थल पर पहुंची. यहां सीन को रीक्रिएट किया गया और इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो ग्राफी भी हुई.

इस दौरान एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ के जवान भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि उस दिन कैसे मुठभेड़ हुई थी. वही फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री के मुख्य जांच अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस तरह की जांच यूपी में होने वाले हर एनकाउंटर में होनी चाहिए. ताकि हकीकत सामने निकल कर बाहर आ सके.

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