वाराणसी: मौनी अमावस्या के मौके पर काशी में घाट से लेकर के मंदिर तक आस्था का जनसैलाब नजर आ रहा है. घाटों पर लाखों की संख्या में लोग गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य की प्राप्ति कर रहे हैं, तो वहीं, शहर का मंदिर परिक्षेत्र पर्यटकों की जनसंख्या से भरा हुआ है. लोग 3 किलोमीटर लंबी कतार लगाकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, लगातार बढ़ते पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए जहां शहर में रोड डायवर्जन की व्यवस्था की गई है, तो वहीं बड़ी संख्या में पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था का बीड़ा उठाए हुए हैं.
बता दें कि, सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होता है. आज के दिन मौन होकर स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. आस्था के इस विश्वास के साथ बनारस में लगभग 8 से 10 लाख लोग पहुंचे हैं, जो मां गंगा में स्नान कर रहे हैं. स्नान के बाद लोग बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंचकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं. जिसका आलम यह है कि विश्वनाथ मंदिर से घाट की ओर और मंदिर से शहर के मैदागिन इलाके की ओर लगभग 3 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है और लोग अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं.
लोग घंटों से कर रहे अपने बारी का इंतजार: आस्था में डूबे लोगों का कहना है कि, मां गंगा और बाबा विश्वनाथ पर उन्हें अटूट विश्वास और आस्था है. यही वजह है कि वह लोग दूर दराज से काशी आए हैं. गुजरात से आने वाले भक्त कहते हैं कि, 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रधान ज्योतिर्लिंग बाबा विश्वनाथ हैं. इनके दर्शन से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और सालों बाद ऐसा मौका मिला है. हम संगम में स्नान करने के बाद बनारस में मां गंगा का स्नान किए और उसके बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जा रहे हैं. सुबह से ही हम लाइन में खड़े हैं और अपने बारी का इंतजार कर रहे हैं.
वहीं, छत्तीसगढ़ से आने वाले भक्त कहते हैं कि,यह बिल्कुल अद्भुत मौका है जब इस तरीके से हमें मां गंगा और बाबा विश्वनाथ दोनों का आशीर्वाद मिल रहा है. भीड़ तो बहुत है, लेकिन हमारी आस्था भी प्रबल है. हम लाइन में लगा करके बाबा विश्वनाथ को याद कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि 1 से 2 घंटे में हम बाबा का दर्शन भी कर लेंगे.
क्या है मौनी अमावस्या का महत्व: वहीं, काशी के तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि, मौनी अमावस्या का सनातन धर्म में बड़ा विशेष महत्व होता है. यह एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है. इस दिन मौन रहकर नदियों में स्नान किया जाता है और दान धर्म का काम किया जाता है, जिससे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. उन्होंने बताया कि,आज के दिन पितरों का तर्पण करने से उनको शांति मिलती है और इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन मौन व्रत रहने से वाक सिद्धि की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि, आज के दिन गंगा यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और दान पुण्य कर जीवन में सुख शांति और समृद्धि की कामना की जाती है.
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