कानपुर : लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के दाखिल किए गए नामांकन पत्रों में खामियां मिलने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने 13 उम्मीदवारों का नामांकन निरस्त कर दिया है. दरअसल कानपुर लोकसभा से 27 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन कराया था, जिसमें अब केवल 14 प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे.
लोकसभा चुनाव के लिए 2 अप्रैल को नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई थी. 2 से 9 अप्रैल तक 27 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन कराया. जिला निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में 10 अप्रैल को जब सभी प्रत्याशियों की स्कूटनी की गई तो 13 प्रत्याशियों के नामांकन फॉर्म में खामियां मिली, जिसकी वजह से उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. रद्द किए गए नामांकन में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजीव मिश्रा भी थे. जब उन्हें पता चला कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है तो उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी विजय विश्वास पंत पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया.
राजीव मिश्रा का आरोप है कि 8 तारीख को अपने समर्थकों के साथ जिला मुख्यालय नामांकन कराने पहुंचे थे. अधिकारियों से पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया तो उन्होंने असमर्थता जताई. जिस पर सभी लोग धरने पर बैठ गए, जबकि सत्ता पद के प्रत्याशी नामांकन कराने पहुंचे थे, उन्हें प्राथमिकता दी गई.
प्रसपा प्रत्याशी राजीव मिश्रा का कहना है कि नामांकन दाखिल किया था, लेकिन जिलाधिकारी ने अवैधानिक तरीके से रद्द कर दिया. अब हम लोग उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे. प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि जिस तरह से 13 प्रत्याशियों का नामांकन रद्द किया गया है, उससे लगता है कि जिला प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में कार्य कर रहा है.